कोविड-19 ने हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है। 2020 के बाद से, हमने सामाजिक दूरी को सुनिश्चित करने के लिए और इस वायरस के संचार को रोकने के लिए, दुनिया में ज्यादातर देशों को लॉकडाउन करते देखा है।
लॉकडाउन ने लाखों लोगों को अपने घरों में काम करने के लिए मजबूर कर दिया है। सोशल डिस्टेंसिग भी बहुत जरूरी है जबकि वर्क फ्रॉम होम (डब्ल्यूएफएच) के कई फायदे हैं। अपने परिवार वालों के साथ समय बिताने से लेकर घर से ऑफिस की यात्रा करने से बचने तक। हांलाकि इस माहौल में सभी देशों के कारोबारियों को धक्का लगा है। जिससे पूरा विश्व उबरने की कोशिश कर रहा है।
कामकाजी महिलाएं जो अपने काम के साथ-साथ अपने घर को संभालती हैं, उन महिलाओं के लिए, डब्ल्यूएचओ ने ये बात मेंशन की है, क्योंकि लॉकडाउन के कारण इस समय लोग बाहर जाने का प्लान नहीं बना सकते है। इसलिए कंपनी लोगों से ज्यादा काम ले रही हैं, जिस कारण महिलाओं की मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ रहा है। कामकाजी महिलाओं को घर के काम और अपने परिवार को भी संभालना पड़ता है।
वर्किंग गर्ल्स के लिए भी वर्क फ्रॉम होम काफी खतरनाक हो गया है। उन्हें भले ही अपना परिवार नहीं संभालना होता है, पर कोई भी अब बाहर नहीं जा सकता है और ये जरूरी नहीं है कि हर किसी के पास एक बगीचा या छत हो टहलने के लिए या शारीरिक व्यायाम करने के लिए।
हम सभी जानते हैं कि छोटी-छोटी चीजें भी महिलाओं की पीरियड्स साइकिल को बदल सकती हैं। अधिकांश महिलाओं को लगता है कि पीरियड्स को गर्भाशय चक्र नियंत्रित करता है, लेकिन ये आपकी गलती है। आपके पीरियड्स साइकिल को आपका मस्तिष्क नियंत्रित करता है। बहुत से लोग अभी भी नहीं जानते हैं कि तनाव, चिंता, भोजन, नींद के पैटर्न, व्यायाम आदि जैसी चीजें आपके पीरियड्स को प्रभावित करती हैं।
इसके अलावा, लोग अब घर से काम कर रहे हैं। अब कोई जल्दी नहीं उठता है, क्योंकि अब हमको ऑफिस के लिए तैयार नहीं होना पड़ता है। इसलिए घर में रहकर लोग अब पहले से ज्यादा सुस्त हो गए हैं। जिस कारण आपकी दिनचर्या प्रभावित हो रही है आंकड़े कहते हैं कि लगभग 25-30% महिलाओं के मासिक धर्म चक्र प्रभावित हुए है।
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