शरीर के अलग-अलग हिस्सों का अपना pH बैलेंस होता है। इसमें आपकी योनि (Vagina) भी शामिल है। संक्रमण (infection) की रोकथाम, स्वस्थ गर्भधारण और हार्मोनल परिवर्तनों के लिए आपकी योनि का pH स्तर महत्वपूर्ण है। pH बैलेंस (Vaginal pH) में उतार-चढ़ाव आने से योनि स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। इसलिए सभी महिलाओं को pH से जुड़ी जानकारी होनी चाहिए, ताकि वे खुदको परेशानियों से बचा सकें। गवर्नमेंट दून मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस डिपार्टमेंट की डॉ. कृतिका रावत ने बताया कि पीएच लेवल कितना होना चाहिए और असंतुलित पीएच का क्या कारण है, तो चलिए जानते हैं, इस बारे में अधिक विस्तार से (Vaginal pH)।
पीएच स्केल किसी पदार्थ की अम्लता (Acidity) को मापता है। यह 0 से 14 तक होता है। इसमें 0 सबसे अम्लीय, 7 न्यूट्रल और 14 सबसे बेसिक होता है। उदाहरण के लिए बैटरी एसिड का पीएच 0 होता है, पानी का पीएच 7 होता है और ड्रेन क्लीनर का पीएच 14 होता है।
आपके शरीर के विभिन्न हिस्सों का पीएच संतुलन पाचन, संक्रमण से लड़ने और अन्य कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है। आपका पेट अम्लीय होता है, जो भोजन को तोड़ने और हानिकारक बैक्टीरिया को मारने में मदद करता है। वहीं आपके शरीर के अन्य हिस्से कम अम्लीय होते हैं।
योनि का pH स्तर लगभग 3.8 से 4.5 होता है, जिसका अर्थ है कि यह एसिडिक होता है। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, इसकी अम्लता थोड़ी कम होती जाती है। इसका pH स्तर 5 के करीब पहुंच जाता है।
आपकी योनि स्वाभाविक रूप से विभिन्न प्रकार के स्वस्थ, एसिड-उत्पादक बैक्टीरिया का घर होती है। ड्राइनेस को रोकने और केमिकल बैलेंस बनाए रखने के लिए आपकी योनि नियमित रूप से तरल पदार्थ भी बनाती है। उस तरल पदार्थ में एसिड होता है। योनि का एसिडिक नेचर इसे कीटाणुओं से बचाने में मदद करता है। एसिड हानिकारक बैक्टीरिया, पैरासाइट्स और फंगी को मारता है।
आपकी योनि का पीएच मौजूदा स्वास्थ्य स्थितियों, जीवनशैली और अन्य कारकों के आधार पर बदल सकता है।
1.पीरियड साइकिल: मेनोपॉज, प्रेगनेंसी, प्यूबर्टी, सभी आपके योनि पीएच स्तर को प्रभावित कर सकते हैं।
2.मेडिकेशन: एंटीबायोटिक मेडिसिन आपके योनि पीएच को बढ़ा सकती है, क्योंकि यह सभी बैक्टीरिया को मार देती है, चाहे वे अच्छे हों या बुरे। गर्भनिरोधक गोलियां भी कुछ लोगों के लिए योनि पीएच को बदल सकती हैं, जो संभावित रूप से संक्रमण का कारण बनती हैं।
3.डूशिंग: डूशिंग योनि के अंदर की सफाई करने की एक विधि है। यह आपके योनि क्षेत्र के बाहरी हिस्से को साबुन और पानी से धोने से अलग है। डूशिंग में आमतौर पर एक ट्यूब या अन्य उपकरण की मदद से आपकी योनि में पहले से पैक किए गए द्रव मिश्रण को छिड़का जाता है। यह प्रक्रिया आपकी योनि के पीएच को बढ़ा सकती है।
4.ल्यूबरिकेंट्स: ल्यूबरिकेंट्स सेक्स के दौरान योनि क्षेत्र में सूखापन कम करती है। कुछ ल्यूबरिकेंट्स उत्पादों का पीएच 4.5 से अधिक होता है। यह हाई पीएच स्वस्थ बैक्टीरिया को मार सकता है और संक्रमण का कारण बन सकता है।
वेजाइना का असंतुलित स्तर जीवाणु संक्रमण और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। अगर आप संक्रमण के सामान्य लक्षणों का अनुभव कर रही हैं, तो यह योनि का पीएच संतुलन बिगड़ने का संकेत हो सकता है। इनमें से कुछ लक्षण इस प्रकार हैं:
वेजाइना से तेज, मछली जैसी गंध आना
भूरे या हरे रंग का झागदार पानी
योनि के आस-पास खुजली होना
योनि के आस-पास सूजन और जलन महसूस होना
सेक्स के दौरान योनि में दर्द या जलन महसूस होना
पेशाब करते समय जलन महसूस होना
ये बैक्टीरियल वेजिनोसिस, ट्राइकोमोनिएसिस या यीस्ट संक्रमण जैसे आम संक्रमण के लक्षण हैं। इनमें से ज्यादातर संक्रमण वैजिनाइटिस की बड़ी श्रेणी में आते हैं। वैजिनाइटिस योनि और उसके आस-पास के क्षेत्र में होने वाली कोई भी सूजन या जलन है।
योनि की तरह, पेनिस में भी अपने बैक्टीरिया होते हैं। अगर अनसेफ सेक की वजह से बैक्टीरिया आपकी योनि के संपर्क में आते हैं, तो यह संक्रमण का कारण बन सकता है,। कंडोम का इस्तेमाल करने से लिंग की सतह पर मौजूद बैक्टीरिया और दूसरे कीटाणु आपके योनि क्षेत्र से अलग रहते हैं।
डूशिंग के बजाय अपनी योनि के आस पास के क्षेत्र को साबुन और पानी से धोने की आदत बनाएं। इस प्रकार संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
कई तरह के दही में वही बैक्टीरिया होते हैं, जो आपकी योनि में रहते हैं। सफेद ब्रेड और चावल जैसे मीठे, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से परहेज करने से यीस्ट संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकती है।
टाइट कपड़े आपकी योनि में हवा के प्रवाह को कम कर सकते हैं, जिसकी वजह से योनि संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। सूती अंडरवियर, ढीले-ढाले पैंट और अपने अंरवियर के ऊपर पैंटी लाइनर जरूर पहनें।
संक्रमण के कारण असंतुलित pH अधिक गंभीर बीमारी का कारण बन सकते हैं। इलाज न होने से आपके योनि में सूजन, बांझपन और यौन संचारित रोगों (STD) का जोखिम बढ़ जाता है।
1.pH टेस्ट करवाएं: आप योनि pH को घर पर जांच सकती हैं। ये किट थोड़े समय के लिए आपकी योनि में डालने के लिए विशेष कागज और एक कलर चार्ट के साथ आती हैं। कागज आपकी योनि pH के आधार पर रंग बदलता है। अलग-अलग pH रेंज अलग-अलग रंग बदलती हैं। टेस्ट आपको यह नहीं बताएगा कि आपको कौन सा विशिष्ट संक्रमण हो सकता है।
2 डॉक्टर से संपर्क करें: डॉक्टर योनि pH से जुड़े किसी भी संक्रमण का निदान कर सकते हैं। वे आपके मेडिकल हिस्ट्री, आपके लक्षणों के बारे में पूछेंगे और आपकी योनि की जांच करेंगे। डॉक्टर लक्षणों को कम करने के लिए एंटीबायोटिक्स और अन्य उपचार का सुझाव देते हैं।
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