टेंपाेन हाइजीन से लेकर सेक्स तक, स्त्री रोग विशेषज्ञ दे रही हैं कुछ जरूरी सवालों के जवाब
मेंस्ट्रुअल साइकल हर महिला का अलग-अलग होता है। कुछ महिलाओं को इस दौरान हैवी फ्लो का सामना करना पड़ता है। कई बार फ्लो इतना ज्यादा होता है कि सेनिटरी पैड भी उसे सोख नहीं पाता। जिसके कारण उन्हें अकसर दाग लगने और लीकेज का डर रहता है। ऐसी महिलाओं के लिए टेंपोन एक मददगार उत्पाद हो सकता है। उंगली जितनी लंबाई वाला टेंपोन हैवी ब्लड फ्लो को भी ज्यादा समय तक सोखने की क्षमता रखता है। मगर टेंपोन को लेकर महिलाओं के मन में कई संदेह और सवाल रहते हैं। अकसर उसे इंसर्ट करने, हाइजीन और सेक्स को लेकर ज्यादातर लड़कियां कन्फ्यूज रहते हैं। हेल्थ शॉट्स के इस लेख में एक स्त्री रोग विशेषज्ञ टेंपोन (Tampon use) से जुड़े इन सभी सवालों का जवाब दे रही हैं।
टेंपोन इस्तेमाल करने से पहले रखें इन बातों का ख्याल (Keep these things in mind before using a tampon)
1. टेंपोन का आकार
टेंपोन कई आकार में आता है। वे महिलाएं जो पहली बार टेम्पोन का इस्तेमाल (Tampon use) कर रही है, उन्हें बल्ड फ्लो के अनुसार छोटे साइज़ का टेम्पोन प्रयोग करना चाहिए। इससे ब्लड को सोखने में मदद मिलती है। टेम्पोन के 5 साइज़ (Sizes of tampon) इस्तेमाल किए जाते है। इसमें लाईट, रेगुलर, सुपर, सुपर प्लस और अल्ट्रा साइज़ मौजूद होते हैं। पहली बार सबसे लाइट टेम्पोन को इंसर्ट करना और निकालना आसान होता है।
2. 6 से 8 घंटे में इसे बदलें
बैक्टीरिया के प्रभाव से बचने के लिए हर 6 से 8 घंटे में टेंपोन को बदल दें। इससे योनि की हाइजीन बनी रहती है। इसके अलावा वैजिनाइटिस के जोखिम से बचा जा सकता है। सिंगल टेंपोन को 8 घंटे से ज्यादा इस्तेमाल करने से बचें। इसके अलावा ब्लड फ्लो (blood flow) के हिसाब से इसका इस्तेमाल करें।
3. हाथों की हाइजीन का ख्याल रखें
टेम्पोन को लगाने और निकालने के बाद हाथों को अच्छी तरह से धोएं। इससे हाथों की स्वच्छता बनी रहती है। इससे टेम्पोन के साथ बैक्टीरिया के बढ़ने का खतरा कम होने लगता है। टैम्पोन के इस्तेमाल से पहले पैकेट पर लिखी सभी जानकारी को पूर्ण रूप से पढ़े। उसके अनुसार शरीर को सही मुद्रा में रखते हुए टेम्पोन को इन्सर्ट कर दें।
4. बुखार और दर्द से ग्रस्त होन पर तुरंत उपचार लें
चेंज करने में होने वाली देरी से लेकर योनि में टेम्पोन भूल जाने से माहवारी के दौरान कभी बुखार तो कभी बदन दर्द का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा डिस्चार्ज और एलर्जिक रिएक्शन की समस्या बनी रहती है। ऐसे में डॉक्टर से संपर्क करें।
5. टेम्पोन बन सकता है रूखेपन का कारण
लंबे वक्त टेंपोन को योनि में रखने से ब्लड को सोखने के अलावा नेचुरल नमी भी सोख लेता है। इसमें मौजूद केमिकल्स की मात्रा वेजाइना के संपर्क में देर तक रहने से खुजली, जलन और सूखेपन का कारण बन जाते हैं। वेजाइना की नमी को बनाए रखने के लिए ल्यूब्रिकेटिड यानि चिकनाई के साथ आने वाले टेंपोन का इस्तेमाल करें।
यहां हैं टेंपोन के इस्तेमाल के बारे में अकसर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब
क्या टेंपोन सेफ है?
यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम यानि टीएसएस दुर्लभ विकार है, जो शरीर में बैक्टीरिया से होने वाले जहरीले पदार्थ के कारण बढ़ने लगता है। ये विकार गुर्दे, हृदय और लिवर की विफलता के चलते मृत्यु का कारण बनने लगता है। लंबे वक्त तक एक ही टेम्पोन का इस्तेमाल या टेम्पोन का योनि में रह जाना टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम के विकसित होने का कारण बनने लगता है।
गायनेकोलॉजिस्ट डॉ अंजलि कुमार बताती हैं कि टेम्पोन का इस्तेमाल ब्लड फ्लो पर निर्भर करता है। मगर लंबे वक्त तक टेम्पोन का योनि में रहना दुर्गंध का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा योनि में टेम्पोन के रह जाने से डिस्चार्ज की समस्या बढ़ जाती है। योनि के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए टैम्पोन को लगाने से लेकर निकालने तक हाइजीन का ख्याल रखना चाहिए। टेम्पोन को समय पर डिस्पोज़ न करने से वैजिनाइटिस होने का जोखिम बढ़ जाता है।
क्या टेंपोन के साथ सोना सेफ है
टेंपोन इंसर्ट करके सोने की सलाह नहीं दी जाती है। इससे टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम का खतरा बना रहता है। इसके अलावा बैड बैक्टीरिया की ग्रोथ बढ़ने से स्किन इंफे्क्शन और योनि में खुजली, जलन और लालिमा बनी रहती है। टेंपोन की जगह सोते वक्त कप और सेनीटरी पैड का इस्तेमाल कर सकते है।
क्या यूरिन करने के दौरान हर बार टेम्पोन बदलना पड़ता है
यूरिन पास करने के लिए यूरेथरा का इस्तेमाल किया जाता है, मगर टेम्पोन वेजाइना में इंसर्ट किया जाता है। यूरिनेट करने के दौरान अगर अनकर्फटेबल महसूस हो रहा है, तो टेम्पोन को अवश्य बदल लें। मगर हर बार टेम्पोन को बदलना अनिवार्य नहीं है।
क्या टेम्पोन लगाकर सेक्स किया जा सकता है?
इस बारे में गायनोकोलॉजिस्ट डॉ अरूणा कुमारी के अनुसार सेक्स के दौरान टेम्पोन के इस्तेमाल की सलाह नहीं दी जाती है। इससे वेजाइना में दर्द और संक्रमण का खतरा बना रहता है। इसके अलावा सेक्स के दौरान टेम्पोन वेजाइना में डीप इंसर्ट हो सकता है, जिससे टिशू डैमेज और इरिटेशन का जोखिम बढ़ जाता है। योनि में टेम्पोन के रहने से वेजाइना का पीएच लेवल इंबैलेंस होने लगता है। साथ ही वेजाइना के अंदर टेम्पोन के टूटने की संभावना बनी रहती है।