कभी पार्टनर की कंडोम न लगाने की जिद तो कभी संभोग के दौरान हुई एक गलती, महिलाओं के कष्ट का कारण बन जाती है। कितनी ही महिलाओं को अनचाहे गर्भ के कारण शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन क्या महिलाएं इस मामले में आत्मनिर्भर बनकर इस जोखिम को थोड़ा कम सकती है? जी हां.. फीमेल कंडोम का इस्तेमाल करके।
हालांकि यह नई बात नहीं है। पर अब भी बहुत सी महिलाओं के लिए फीमेल कंडोम किसी पहेली से कम नहीं है। हो सकता है कि आप इसके बारे में जानती हों, लेकिन इस्तेमाल को लेकर कोई संकोच हो। तो हम आपके तमाम सवालों का जवाब देने की कोशिश कर रहे हैं।
फीमेल कंडोम लगभग मेल कंडोम के जैसा ही होता है, लेकिन यह दिखने में एक लुब्रिकेटेड पाउच की तरह होता है। ये मेल कंडोम की तुलना में ज्यादा बड़े होते हैं। जिसे योनि के अंदर डाला जाता है। ताकि संभोग के दौरान पुरुष का स्पर्म इसके अंदर ही रहे और महिलाएं अनचाहे गर्भ से बच जाएं।
फीमेल कंडोम का एक सिरा खुला होता है और दूसरा बंद। इसके सिरों पर दो छल्ले होते हैं जिससे कंडोम को योनि के अंदर सही तरह से रखने में मदद मिलती है। फीमेल कंडोम योनि के अंदर बिल्कुल टैम्पोन की तरह डाला जाता है।
बहुत बार ऐसा होता है कि पार्टनर कंडोम के इस्तेमाल के लिए राजी नहीं होता। ऐसी स्थिति में फ़ीमेल कंडोम एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। इससे आप अनवांटेड प्रेगनेंसी से बच सकती है। साथ ही अपनी ‘सेक्स लाइफ’ का आनंद भी उठा पाएंगी।
मायो क्लिनिक (Mayo Clinic) के अनुसार, एफडीए द्वारा केवल FC1 और FC2 कंडोम पास किये जाते हैं। प्लास्टिक से बने FC1 का अब उत्पादन नहीं होता है। एफसी 2 सिंथेटिक रबर से बना है जिसे नाइट्राइल कहा जाता है और यह एकमात्र फीमेल कंडोम है, जो एफडीए द्वारा अनुमोदित है।
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (Centers for Disease Control and Prevention Trusted Source, CDC) के लिए केंद्र के अनुसार, महिला कंडोम के उपयोग के लिए विफलता दर 21 प्रतिशत है। यानि हर 100 में से 21 महिलाएं जो फीमेल कंडोम का उपयोग करती हैं, प्रति वर्ष 21 आकस्मिक गर्भ धारण करती हैं।
फीमेल कंडोम एसटीआई और गर्भावस्था से दोहरी सुरक्षा प्रदान करते हैं। फीमेल कंडोम गर्भ धारण और एसटीआई दोनों को रोकते हैं। महिलाओं को उनके यौन स्वास्थ्य को बनाये रखने में मदद करते हैं। आप कंडोम को आठ घंटे तक लगा कर रख सकती हैं, इसलिए पार्टनर को बार- बार पूछने की कोई आवश्यकता नहीं है।
महिला कंडोम सिर्फ योनि सेक्स के लिए नहीं हैं। योनि सेक्स के अलावा, आप एनल सेक्स के दौरान फीमेल कंडोम का उपयोग एसटीआई की रोकथाम के लिए एक बेहतरीन विकल्प हैं। इसका इस्तेमाल करने से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
फीमेल कंडोम बेहद असरदार होते हैं ये करीब 72-82% सुरक्षा प्रदान करते हैं। लेकिन यदि इनका प्रयोग पूरी सावधानी और पूरी जानकारी के साथ किया जाए, तो 95 प्रतिशत तक कारगर साबित हो सकता हैं।
पुरुषों वाला कंडोम सेक्स करने के बाद फिसल सकता है या अपने आप निकल सकता है, लेकिन फीमेल कंडोम के साथ ऐसी कोई समस्या नहीं आती है।
ये कंडोम हाइपोएलर्जिक होते हैं। इसका मतलब यह है कि इनसे एलर्जी होने की संभावना काफी कम हो जाती है।
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