भारतीय महिलाओं में भी बढ़ रही है इनफर्टिलिटी, जानिए इससे कैसे बचना है

महिलाओं में इनफर्टिलिटी का कारण ओवरी, यूटरस, फैलोपियन ट्यूब और एंडोक्राइन सिस्टम में पाई जाने वाली असमानता हो सकता है। जानते हैं इनफर्टिलिटी को दूर करने के उपाय।
Infertility ke kya lakshan hain
महिलाओं में इनफर्टिलिटी का कारण ओवरी, यूटरस, फैलोपियन ट्यूब और एंडोक्राइन सिस्टम में पाई जाने वाली असमानता हो सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Updated: 21 May 2023, 23:04 pm IST
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आज के दौर में इनफर्टिलिटी एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही है। लोग इस समस्या से उभरने के लिए डॉक्टरी उपचार के साथ साथ कई प्रकार के प्रयास भी करते हैं। उचित पोषण और सही जीवन शैली फर्टिलिटी को इप्रूव करने का एक सामान्य तरीका है। कहीं न कहीं राजमर्रा के जीवन में बढ़ रहा तनाव भी इसका एक मुख्य कारण है। आइए जानते है कि किस प्रकार से ये सामान्य टिपस अपनाकर इस समस्या को दूर किया जा सकता है (Ways to boost fertility)

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक इनफर्टिलिटी (Infertility) लाखों लोगों को प्रभावित करती है, जिसका असर उनके परिवारों और समुदायों पर पड़ता है। आंकड़ों के हिसाब से दुनिया भर में रिप्रोडक्टिव एज के हर छह लोगों में से लगभग एक व्यक्ति इनफर्टिलिटी का शिकार है। महिलाओं में इनफर्टिलिटी का कारण ओवरी, यूटरस, फैलोपियन ट्यूब और एंडोक्राइन सिस्टम में पाई जाने वाली असमानता हो सकता है।

यूटरस संबंधी विकार जैसे कि एंडोमेट्रियोसिस, सेप्टेट यूटर्स और फाइब्रॉएड इस समस्या का कारण बनते हैं। वहीं ओवरी से जुड़ी समस्याएं जैसे पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम और अन्य फॉलिक्यूलर डिसऑर्डर भी इनफर्टिलिटी के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसके अलावा हार्मोंलय इंबैलेस भी इसका एक मुख्य कारण है।

इस बारे में हेल्थ शॉट्स ने नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी, मुंबई की डॉ रितु हिंदुजा, फर्टिलिटी कंसल्टेंट से संपर्क किया। वह कहती हैं कि खराब योनि स्वच्छता के अलावा बहुत से कारण इनफर्टिलिटी का कारण हो सकते है।

इनफर्टिलिटी को दूर करने के लिए अपनाएं ये आसान उपाय

1. वेजाइनल हाइजीन बनाए रखें

फर्टिलिटी का सीधा संबधी वेजाइनल हाइजीन से है। अगर आप एसटीडी, यूटीआई समेत किसी भी प्रकार के बैक्टीरियल संक्रमण से ग्रस्त हैं, तो इसका प्रभाव आपकी फर्टिलिटी पर दिखने लगता है। ऐसे में योनि की स्वच्छता को प्राथमिकता देना बेहद ज़रूरी है। यूरिन पास करने के बाद योनि को अवश्य क्लीन करें। इसके अलावा सेक्स के बाद वेजाइनल हाइजीन (Vaginal hygiene) को बनाए रखें, जो आगे चलकर पैल्विक में सूजन का कारण भी बन सकता है।

post sex hygiene tips
पोस्ट सेक्स हाइजीन का ध्यान रखना है बहुत जरुरी। चित्र एडॉबीस्टॉक।

2. व्यायाम करें

मांसपेशियों में आने वाली ऐंठन के चलते भी इनफर्टिलिटी की समस्या बढ़ने लगती है। नियमित तौर पर योग करें। इसके अलावा लंबे वक्त तक बैठने से परहेज करें। ओव्यूलेशन (Ovulation) को प्रभावित होने से बचाने के लिए योगाभ्यास ज़रूरी है। इसके लिए दिनचर्या में बाधा कोणासन, पश्चिमोत्तानासन, शवासन और प्राणायाम का प्रयास करें।

3. वज़न को नियंत्रित करें

हमारा बॉडी वेट (Body Weight) ज़रूरत से ज्यादा बढ़ना और घटना दोनों ही बांझपन का कारण साबित होते है। दरअसल, बॉडी में जमा फैट्स आपकी पीरियड साइकिल (Period Cycle) को अफेक्ट करने लगते है और धीरे धीरे पीरियड अनियमित होते चले जाते हैं। इसका प्रभाव बॉडी में एग डवलपमेंट पर दिखता है। ऐसे में रनिंग (Running), वॉकिग (Walking), योग (Yoga) और एक्सरसाइज़ के माध्यम से वेट को नियंत्रित (Weight Control) करना ज़रूरी है। अधिक वजन या मोटापे के चलते बॉडी में एस्ट्रोजन हार्मोन बढ़ने लगता है, जो इनफर्टिलिटी का कारण बन सकता है।

Weight badhna bhi infertility ka kaaran hai
रनिंग, वॉकिग, योग और एक्सरसाइज़ के माध्यम से वेट को नियंत्रित करना ज़रूरी है। चित्र : एडोबीस्टॉक

4. तनाव से रहें दूर

अगर आप प्रेगनेंसी प्लान कर रहे हैं, तो खुद को रिलैक्स रखें और हर तरीके की टेंशन से दूर रहें। आपके आस पास तनाव की स्थिति रहने से आपके गर्भवती होने की संभावना कम हो जाती है। इससे बॉडी में हार्मोनल चेंजिज आने लगते हैं। अगर आप तनाव महसूस करते है, तो खुद को किसी सी ऐसी एक्टिविटी में इलवाल्व कर लें, जिससे आपको सुकून मिलता हो। हर वक्त खुश रहने से शरीर में हैप्पी हार्मोस रिलीज़ होते हैं, जो गर्भधारण में कारगर रहते हैं।

5. हेल्दी फूड खाएं

फोलेट और जिंक जैसे एंटीऑक्सिडेंट फर्टिलिटी बढ़ाने में अहम रोल निभाते हैं। इनकी मदद से शरीर में फ्री रेडिकल्स को डिएक्टिवेट कर देते हैं। जो एग को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक रिसर्च के मुताबिक रोज़ाना एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर 75 ग्राम वॉलनट खाने से पुरुषों के स्पर्म की क्वालिटी में सुधार पाया गया है। वहीं महिलाओं पर किए गए एक रिसर्च से पता चला है कि फोलेट का नियमित सेवन करने से क्लीनिकल प्रेगनेंसी और लाइव बर्थ की दर बढ़ जाती है।

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लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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