नॉर्मल डिलीवरी हो चाहे सिजेरियन, चाइल्डबर्थ के बाद सेक्शुअली एक्टिव होने से पहले सुरक्षित सेक्स के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। अक्सर कपल्स जानकारी के अभाव में डिलीवरी के बाद सेक्सुअल गतिविधियों के दौरान कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिनकी वजह से महिलाओं को परेशानी उठानी पड़ती है। चाइल्डबर्थ के बाद सेफ सेक्स प्रैक्टिस की जानकारी रखना केवल महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुषों की भी जिम्मेदारी है। दोनों कपल्स को इस बारे में उचित जानकारी होनी चाहिए।
हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए सीके बिरला हॉस्पिटल, गुरुग्राम की ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी डॉक्टर आस्था दयाल से बात की। उन्होंने चाइल्डबर्थ के बाद सेक्स (sex after delivery) करने का सही समय बताने के साथ ही सेफ सेक्स के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दिए हैं, तो चलिए जानते हैं इस बारे में विस्तार से (Sex after delivery)।
अस्था दयाल के अनुसार चाइल्डबर्थ के बाद महिलाओं को कम से कम 6 हफ्ते तक अपने पार्टनर के साथ फिजिकल नहीं होना चाहिए। सिजेरियन हो या नॉर्मल डिलीवरी दोनों की स्थिति में वेजाइना को अपने नॉर्मल स्थिति में आने में लगभग 6 हफ्ते का समय लगता है। इसके पहले महिलाओं को डिस्चार्ज होता है, जो खून के साथ आता है और फिर कुछ समय के बाद यह ब्राउन रंग का हो जाता है। वहीं प्रेगनेंसी में कई सारे शारीरिक बदलाव होते हैं और उन्हें सामान्य होने में समय लगता है। इसीलिए परेशानी और इन्फेक्शन को अवॉइड करना है, तो 6 हफ्तों तक सेक्सुअल गतिविधियों में भाग न लें।
चाइल्ड बर्थ के बाद दोबारा से सेक्स करने की प्लानिंग कर रही हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। जैसे कि आपको फोरप्ले पर अधिक समय व्यतीत करने की जरूरत होती है, इससे आपकी वेजाइना नेचुरली लुब्रिकेटेड हो जाती है। साथ ही यह आपको सेक्स के लिए पूरी तरह से तैयार होने में मदद करता है। ऐसे में इंटरकोर्स के दौरान आपको दर्द महसूस नहीं होता।
डॉक्टर अस्था दयाल के अनुसार महिलाएं चाइल्डबर्थ के बाद ब्रेस्टफीडिंग करवा रही होती हैं, ऐसे में बिना प्रोटेक्शन के सेक्स करना बिल्कुल भी उचित नहीं है। इससे अनवांटेड प्रेगनेंसी का खतरा बढ़ जाता है, साथ ही साथ इंफेक्शन हो सकता है। जो मां एवं बच्चे दोनों की सेहत के लिए उचित नहीं है। इसलिए कंडोम, कॉपर टी जैसे सेफ कांट्रेसेप्टिव का इस्तेमाल करें। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मेडिसिंस से बचना चाहिए क्योंकि यह आपकी दूध से ट्रांसफर हो आपके बच्चे की सेहत को प्रभावित कर सकता है।
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चाइल्डबर्थ के बाद सेक्स करने का प्लान कर रही हैं, तो इस बारे में अपने पार्टनर से खुलकर बात करें। जब तक आप पूरी तरह से तैयार न हो आपको सेक्सुअल गतिविधियों में भाग नहीं लेना चाहिए। प्रेगनेंसी के बाद वापस से सेक्शुअली एक्टिव होने के लिए महिलाओं के शरीर के साथ-साथ उन्हें मानसिक तौर पर भी तैयार होना चाहिए। इसलिए इस बारे में अपने पार्टनर से खुलकर बातचीत करें। वहीं सेक्सुअल गतिविधियों के दौरान जहां कहीं भी आपको अनकंफरटेबल महसूस हो, फौरन पार्टनर को रोके और उन्हें अपने स्थिति के बारे में बताएं। इससे न केवल सेक्सुअल प्लेजर बढ़ता है, बल्कि आप दोनों के बीच की अंडरस्टैंडिंग और बॉन्डिंग भी स्ट्रांग होती है।
कीगल एक्सरसाइज आपके पेल्विक मांसपेशियों को रिबिल्ड होने में मदद करती है। जो एक सबसे सामान्य पोस्ट डिलीवरी परेशानी है, इस स्थिति में महिलाओं को फ्रिक्वेंट यूरिनेशन की समस्या होती है। एक्सरसाइज करने से पेल्विक मांसपेशियां मजबूत हो जाती हैं और वेजाइनल सेंसेशन बढ़ जाता है। जिससे आपको सेक्सुअल गतिविधियों में भाग लेने में आसानी होती है और आपका प्लेजर भी बढ़ जाता है।
डिलीवरी के बाद सेक्सुअल गतिविधियों में भाग लेने से पहले और बाद में दोनों समय महिलाओं को प्रॉपर हाइजीन मेंटेन रखना चाहिए। यह इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि डिलीवरी के बाद वेजाइना अधिक संवेदनशील हो जाती है, जिससे कि संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। यदि महिलाएं संक्रमित हो जाए तो बच्चों को भी परेशानी होती है। वहीं यह केवल महिलाओं पर लागू नहीं होता, पुरुष पार्टनर को भी इसका पूरा ध्यान रखना चाहिए।
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