क्या पीरियड में कम हो रही है ब्लीडिंग? तो जानिए क्या हो सकता है इसका कारण और समाधान

कई बार पीरियड के दौरान क्रैम्प्स तो बहुत ज्यादा होते हैं, पर ब्लीडिंग बहुत कम होती है। जबकि कभी-कभी 4 से 5 दिन रहने वाले पीरियड्स सिर्फ दो दिन में ही खत्म हो जाते हैं। आखिर क्यों होता है ऐसा, आइए जानते हैं।
पीरियड्स का सामान्य से हल्का होना कई स्वास्थ्य संबंधी संकेत देता है। चित्र: शटरस्टॉक
पीरियड 8 से 14 साल के बीच कहीं भी शुरू हो सकता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक
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प्राकृतिक रूप से हर महिला को उसकी प्रजनन आयु में पीरियड होते हैं। पर इनका समय और फ्लो हर एक में अलग-अलग हो सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं, ऐसा भी संभव है कि एक बार आपको जैसे पीरियड आए हों, अगली बार उतने ज्यादा या कम न आएं। इसलिए यदि आप सोच रहे हैं कि इस महीने आपका पीरियड समान्य से हल्का क्यों है, तो आप निश्चित रूप से यह सवाल करने वाली पहली व्यक्ति नहीं हैं। जिस प्रकार आपके पीरियड की तारीख में हर महीने अंतर हो सकता है, वैसे ही आपके पीरियड में भी हर बार ब्लीडिंग की मात्रा कम या ज्यादा हो सकती है।

कभी-कभी, हल्की ब्लीडिंग होना आपके मेंस्ट्रुअल साइकल के नियमित उतार-चढ़ाव का हिस्सा हो सकता है। वहीं कई बार हैवी पीरियड से पहले हल्के पीरियड होते हैं। लेकिन कभी-कभी ये कई और परेशानियों का कारण भी हो सकता है। चलिए जानते हैं पीरियड में कम ब्लीडिंग क्यो होती है।

पीरियड में कितना खून बहना है नॉर्मल

अधिकांश महिलाओं को पीरियड में लगभग 2-3 बड़े चम्मच रक्त होता है। पर यह हर किसी में अलग हो सकता है। यह निर्धारित करना मुश्किल हो सकता है कि किसी व्यक्ति का वास्तव में कितना खून बह सकता है।

Period clot hai chinta ka kaaran
अधिकांश महिलाओं को पीरियड में लगभग 2-3 बड़े चम्मच रक्त होता है। चित्र: शटरस्टॉक

हल्के पीरियड का पता लगाने के लिए आप कई तरह के उपाय कर सकते है जैसे आप देख सकते है कि आप कितने पैड इस्तेमाल कर रहीं है, कितनी जल्दी टैम्पोन बदल रहें है और कप कितना ब्लड जमा कर रहा है।

क्या हैं हल्के पीरियड के लक्षण

एक पीरियड में सामान्य समय के पीरियड से कम ब्लीडिंग होना

सामान्य से कम पैड या टैम्पोन बदलना

पहले 1-2 दिनों तक कोई सामान्य भारी फ्लो नहीं बल्कि लगातार, हल्का फ्लो होना

रक्तस्राव जो स्थिर प्रवाह के बजाय कुछ दिनों में धब्बे जैसा दिखता है

इन कारणों से हल्के हो सकते हैं पीरियड

1 तनाव (Stress)

मानसिक या शारीरिक तनाव आपके पीरियड, हार्मोन के स्तर और पीरियड फ्लो को बदल सकता है, जिससे मैंस्ट्रुयल साइकल के दौरान अनियमितता हो सकती है।

2 डाइट (Diet)

खराब डाइट कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है। महिला के पीरियड को प्रभावित करने में भी इसका महत्वपूर्ण योगदान होता है। इससे आपके पीरियड रूक सकते है या हल्के हो सकते है।

3 नींद (Sleep)

पर्याप्त नींद न लेना या अनियमित नींद लेने से आपके हार्मोन के उतार-चढ़ाव का कारण बन सकता है। जिसके परिणामस्वरूप आपका ब्लड फ्लो भी प्रभावित हो सकता है।

4 पीसीओएस (PCOS)

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) जैसी प्रजनन संबंधी स्थितियां हार्मोन के स्तर में बदलाव के कारण पीरियड प्रभावित हो सकते है।

Spotting ki samasya ka kya kaaran hai
बार बार पीरियड्स के बगैर होने वाली स्पॉटिंग को लेकर सतर्क हो जाएं। चित्र : एडॉबीस्टॉक

अगर पीरियड नॉर्मल से कम हैं, तो इन उपायों को करें ट्राई

1 अपने वजन को हेल्दी बनाए रखें

एक अच्छा डाइट प्लैन आपको वजन बनाए रखने, घटाने या बढ़ाने में मदद कर सकता है। मेयो क्लिनिक के अनुसार, स्वस्थ वजन होने और पर्याप्त भोजन के साथ आपके शरीर को एनर्जी देने से आपकी पीरियड को विनियमित करने या वापस लाने में मदद मिल सकती है। यदि आप खाने के डिसऑडर से जूझ रहे हैं, इसमें आपको डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए।

2 तनाव को कम करने वाली एक्टिविटी करें

तनाव को प्रबंधन करके आपके पीरियड को रेगुलेट करने और आपके समग्र स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार करने में मदद मिल सकती है। तनाव दूर करने के लिए व्यायाम, ऐसी एक्टिविटी जो आपको हंसाएं जैसे कॉमेडी शो या फिल्म, ध्यान और बेहतर नींद लेने का प्रयास करें।

3 हाइड्रेटेड रहना है जरूरी

एक महिला का मैंस्ट्रुअल साइकल फ्लों केवल रक्त से जुड़ा हुआ नहीं है, बल्कि अन्य तरल पदार्थों के बारे में भी है, जहां तरल पदार्थ में 90 प्रतिशत पानी है। गाढ़े रक्त का बहुत अच्छी करह से प्रवाहित होना आसान नहीं है, इसलिए पीरियड्स के दौरान रक्तस्राव को बढ़ाने के लिए हाइड्रेटेड रहना बहुत जरूरी है।

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