पुरुषों के सेक्सुअल डिस्फंक्शन के बारे में तो हम अक्सर बातें किया करते हैं, परंतु क्या आपको मालूम है कि महिलाओं में भी सेक्सुअल डिस्फंक्शन हो सकता है। इसके पीछे कई सामान्य कारण जिम्मेदार होते हैं। यदि इन कारणों पर सही रूप से ध्यान दिया जाए तो इस स्थिति को ठीक किया जा सकता है। वहीं अब आप सोच रही होगी कि महिलाओं में सेक्सुअल डिस्फंक्शन का पता कैसे करें, जिस प्रकार पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (sexual dysfunction in women) देखने को मिलता है, वहीं महिलाओं में भी कई ऐसे संकेत नजर आते हैं जो बताते हैं कि आप सेक्सुअल डिस्फंक्शन का सामना कर रही हैं।
हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर सीके बिरला हॉस्पिटल, गुरुग्राम की ऑब्सटेट्रिक्स और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर आस्था दयाल से बात की। डॉक्टर ने फीमेल सेक्सुअल डिस्फंक्शन के कारण तथा संकेतों पर बात की है। तो चलिए जानते हैं इस विषय पर अधिक विस्तार से।
सेक्सुअल डिजायर में कमी आना फीमेल सेक्सुअल डिस्फंक्शन का एक सबसे आम लक्षण है। इस स्थिति में उत्तेजना के तमाम तरीकों को अपनाने के बाद भी महिलाओं में सेक्स करने की इच्छा उत्पन्न नहीं होती।
सेक्सुअल डिस्फंक्शन की स्थिति में महिलाओं में यौन कामोत्तेजना में कमी आ जाती है। इस दौरान उन्हें उत्तेजित होने में परेशानी होती है, साथ ही यौन गतिविधियों के दौरान उत्तेजना को बनाए रखना भी मुश्किल हो जाता है।
पर्याप्त उत्तेजना और यौन गतिविधियों के बाद भी आपको ऑर्गेज्म तक पहुंचने में कठिनाई होती है। वहीं लगातार क्लिटोरी सिम्युलेट करने पर भी ऑर्गेज्म तक नहीं पहुच पाती। इस स्थिति का मतलब है आप सेक्सुअल डिस्फंक्शन की शिकार हो चुकी हैं।
कई बार महिलाओं को सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान असहनीय दर्द का अनुभव होता है और वे अपनी वेजाइना को टाइट कर लेती हैं, जिसे सेक्सुअल डिस्फंक्शन के एक संकेत के रूप में जाना जाता है। इसके लिए साइकोलॉजिकल और फिजिकली दोनों ही फैक्टर जिम्मेदार हो सकते हैं।
एक्सपर्ट के अनुसार महिलाओं में सेक्सुअल डिस्फंक्शन के लिए दो मुख्य फैक्टर्स जिम्मेदार हो सकते हैं, साइकोलॉजिकल और फिजिकल।
साइकोलॉजिकल फैक्टर जैसे कि डिप्रैशन, एंजायटी या फिर पास्ट के कुछ बुरे एक्सपीरियंस जैसे की सेक्सुअल, इमोशनल या फिजिकल एब्यूज महिलाओं में सेक्सुअल डिस्फंक्शन का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा कई बार महिलाएं अपनी बॉडी को लेकर कॉन्फिडेंट नहीं रहती, ऐसे में वे साइकोलॉजिकल सेक्सुअल डिस्फंक्शन का शिकार हो जाती है। वहीं यदि पार्टनर के साथ रिश्ता खराब होने पर भी महिलाओं में योन उत्तेजना उत्तपन नहीं होती।
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इसके साथ यदि कोई महिला अधिक तनाव में है, या उनके परिवार में किसी तरह की गंभीर समस्या चल रही है, साथ ही वह किसी काम में अधिक व्यस्त रह रही हैं, तो ऐसे में सेक्सुअल डिस्फंक्शन हो सकता है।
यदि कोई महिला स्वास्थ्य संबंधी किसी तरह की समस्या से ग्रसित हैं, जैसे कि डायबिटीज, हृदय रोग, किडनी की समस्या और थायराइड तो आपको सेक्सुअल डिस्फंक्शन हो सकता है। इसके अलावा कुछ लाइफ स्टेज जैसे की प्रेगनेंसी के दौरान, चाइल्डबर्थ के बाद क्योंकि इस दौरान वेजाइना काफी ज्यादा स्ट्रेच होती है, उसमें कट लगते हैं और स्टिचस आते हैं, जिसकी वजह से महिलाएं अक्सर सेक्स में रुचि खो देती हैं। वहीं जब महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग करवा रही होती हैं, तो उस दौरान वेजाइना अधिक ड्राई हो जाती है। साथ ही साथ सेक्सुअल हॉर्मोन्स भी असंतुलित होते हैं और लिबिडो की कमी हो जाती है।
इसके अलावा मेनोपॉज सेक्सुअल डिस्फंक्शन का एक सबसे बड़ा कारण है, इस दौरान एस्ट्रोजेन का स्तर तेजी से गिरता है, इसके साथ ही वेजाइनल ड्राइनेस और लिबिडो की कमी के कारण महिलाओं को सेक्स करने का मन नहीं होता।
कुछ दवाइयों का सेवन भी सेक्सुअल डिस्फंक्शन का कारण बनता है। खासकर ब्लड प्रेशर और डिप्रेशन की दवाइयां लेने से ऐसा होता है। वहीं यदि आप अधिक मात्रा में शराब या स्मोकिंग करती हैं, तो आपमें सेक्सुअल डिजायर की कमी हो सकती है।
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