आयुर्वेद में शतावरी को यौन जीवन के लिए महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी बताया गया है। क्योंकि यह जीवन शक्ति बढ़ाने में कारगर है। इसमें भरपूर विटामिन, मिनरल, एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं। जिसकी वजह से यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं और यह कई बीमारियों की रोकथाम करने में सक्षम है। शतावरी मुख्य रूप से सेक्सुअल हेल्थ को दुरुस्त रखने में मददगार है। इसलिए अगर आपको बिस्तर पर एनर्जी कम महसूस होती है, तो शतावरी है आपके लिए बेस्ट।
शतावरी को एक रिप्रोडक्टिव टॉनिक के रूप में भी जाना जाता है। ये एस्परैगस परिवार का एक पौधा है और इसकी कई लताएं या बेल होती हैं। सफेद, बैंगनी और हरे रंग की शतावरी एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती हैं। इसकी जड़ और पौधे का पाउडर बनाकर सेवन किया जा सकता है। 30 से 100 मीटर लंबी शतावरी मुख्य रूप से महिलाओं की सेक्सुअल हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद है।
शतावरी एस्ट्रोजन हॉर्मोन के स्तर को बढ़ाकर उसे नियंत्रित करती है। इससे शरीर में ओव्यूलेशन सही तरह से होता है। जिससे, मेंस्ट्रुअल साइकिल में सुधार होता है और आपके सेक्सुअल ओर्गंस भी सुचारू रूप से काम करते हैं।
लेडीज स्ट्रेस आपकी मानसिक रूप से ही नहीं सेक्सुअली भी परेशान करता है। यही वह सबसे बड़ा दोषी है, जिसके कारण आपको कई बार सेक्स के नाम से ही चिढ़ होने लगती है। ज्यादा तनाव ग्रस्त रहने से पीरियड्स साइकिल भी अनियमित हो जाती है, जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है।
तनाव का असर आपकी लिबिडो और परफॉर्मेंस पर भी पड़ता है। शतावरी तनाव से राहत देकर आपको सेक्सुअली एक्टिव बनाए रखने में मदद करती है।
शतावरी नेचुरल डिटॉक्स का काम करती है। शतावरी का नियमित सेवन करने से शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं। साथ ही, पीरियड्स के दौरान ब्लड फ्लो भी सही तरह से होता है जिससे आप खुद को लो फील नहीं करतीं।
जो महिलाएं कंसीव करने की कोशिश कर रही हैं, उनके लिए शतावरी बेहद फायदेमंद है। शतावरी को अपने आहार में शामिल करने से फर्टिलिटी के चांसेज बढ़ते हैं। ये आपके हार्मोन को संतुलित करके पीरियड्स साइकिल को ठीक करता है, जिससे गर्भधारण की संभावना बढ़ती है।
शतावरी मेनोपोज के दौरान हॉट फ्लैश, चिड़चिड़ापन, थकान, कमजोरी और ड्रायनेस जैसे लक्षणों से राहत दिलाती है। शतावरी का सेवन महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बेहत फायदेमंद है। शतावरी का सेवन करने से हार्मोनल फंक्शन बेहतर होता है, जो मेनोपोज में अक्सर गड़बड़ा जाता है।
रात को सही नींद न आने की वजह से सेक्सुअल हेल्थ पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में एक चम्मच शतावरी पाउडर, एक ग्लास दूध में मिलाकर पीने से बेहद लाभ होता है और इन्सोमिया से छुटकारा मिलता है।
शतावरी का चूर्ण आसानी से बाजार में उपलब्ध है। इसे आप हर रोज एक चम्मच एक गिलास दूध में मिलाकर पी सकती हैं। पर कुछ महिलाओं को जिन्हें लहसुन या प्याज से एलर्जी है, उन्हें शतावरी के सेवन से भी एलर्जी हो सकती है। किडनी संबंधी परेशानी में भी शतावरी का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके सेवन से पहले आपको अपने डॉक्टर से परामर्श कर लेना जरूरी है।
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