पीरियड के दौरान कई सारी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं-ब्लोटिंग, स्टमक पेन, कब्ज इसके कारण होने लगता है। इसके कारण मन भी चिडचिडा हो जाता है। तनाव और एंग्जायटी के कारण सिर दर्द की समस्या भी हो सकती है। ऐसी स्थिति में खुद को संभालना जरूरी है। एक्सपर्ट बताती हैं कि अपना ख्याल खुद रखने पर पीरियड के दौरान होने वाली समस्या भी कम हो जाती है। गायनेकोलोजिस्ट और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर डॉ. रिद्धिमा शेट्टी अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं कि पीरियड के दौरान अपना ख्याल कैसे रखा जाए।
पीरियड के दौरान आपका यूटेरस यानी गर्भाशय अपनी लाइनिंग को बाहर निकालने के लिए सिकुड़ता है। प्रोस्टाग्लैंडिंस जैसे हॉर्मोन गर्भाशय की मांसपेशियों के संकुचन को ट्रिगर करते हैं। इससे दर्द और सूजन होता है। यदि प्रोस्टाग्लैंडिंस का लेवल हाई होता है, तो पीरियड के दौरान अधिक पीरियड क्रैम्प होते हैं। पीरियड क्रैम्प के अलावा, ब्लोटिंग, कब्ज जैसी समस्याएं भी होती हैं।
कई अध्ययन यह निष्कर्ष बताते हैं कि डी हायड्रेशन से पेल्विक पेन की गंभीरता बढ़ जाती है। यदि आप पर्याप्त मात्रा में पानी और फ्लूइड लेती हैं, तो यह पीरियड के ब्लड फ्लो की अवधि को कम कर सकता है। दर्द कम हो सकता है। ब्लोटिंग की समस्या भी खत्म हो सकती है। साथ ही, बोवेल मूवमेंट भी सही तरीके से हो पाता है। इसलिए पीरियड के दौरान लिक्विड डाइट का सेवन बढ़ा दें। जाड़े का मौसम हो या गर्मी का, पानी जरूर पीयें।
यदि पीरियड के कारण पीरियड क्रैम्प हो रहा है, तो हीट बैग या हॉट वाटर बैग पीठ के नीचें रखें।इसके अलावा, गुनगुने आयल से मसाज भी फायदेमंद होता है। इससे ब्लड सरकुलेशन सही होता है और दर्द में राहत मिलती है।
यदि आप योग के नियमित अभ्यास करती हैं, तो पीरियड के दौरान आपको बहुत अधिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह पीरियड क्रैम्प को कम कर सकता है। इसके कारण अनियमित पीरियड नहीं होगा। यह आपकी कई अन्य शारीरिक और मानसिक समस्याओं को दूर करने में भी मदद कर सकता है। ध्यान रखें, पीरियड के दौरान ऐसा योग और एक्सरसाइज करें, जिनमें पेट, पीठ और लोअर पार्ट पर बहुत अधिक भार नहीं पड़े।
आमतौर पर पीरियड के दौरान किसी ख़ास फ़ूड की क्रैविंग होती है। जैसे कि चटपटा-मसालेदार और मीठे पकवान। रिद्धिमा शेट्टी चेताती हैं कि पीरियड के दौरान एडेड शुगर से तैयार फ़ूड, प्रोसेस्ड फ़ूड को इग्नोर करें। कैफीन और निकोटीन का सेवन एकदम कम मात्रा में करें। यदि शराब और सिगरेट पीने की लत है, तो पीरियड के दौरान इसे छोड़ दें।
इसके स्थान पर पोषक तत्वों से भरपूर भोजन लें। हेल्दी ड्रिंक लें। डाइट फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बोवेल मूवमेंट सही तरीके से हो पायेगा। कब्ज, पिम्प्लस की शिकायत नहीं हो पाएगी।
पीरियड के दौरान आप तनाव में रहने लगती हैं। कुछ लोगों में अवसाद के भी लक्षण दिखते हैं। इस दौरान अपने मन को शांत करना बेहद जरूरी है। यदि अपनी व्यस्त दिनचर्या में 5 मिनट का समय निकाल लेती हैं, तो योग की शुरुआत की जा सकती है। रोज 5-10 मिनट योग की मुद्रा में बैठ जाएं। सांस पर ध्यान देते हुए लंबी सांस लें और सांस छोड़ें। यदि आप लगातार मेडिटेशन करेंगी, तो पीरियड के दौरान आप खुद को तनाव मुक्त पाएंगी। यह आपके मेंटल हेल्थ के लिए भी काम करेगा।
यदि समस्या अधिक होती है, तो अपनी गायनेकोलॉजिस्ट से जरूर संपर्क करें। वे अच्छी तरह जांच कर समस्या के बारे में जानकारी और निदान बतायेंगी। सप्लीमेंट लेने से समस्या में तुरंत राहत मिल सकती है।
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