शरीर में होने वाले कुछ दर्द ऐसे होते हैं, जिनके बारे में स्पष्ट रूप से बता पाना संभव नहीं होता है। इस दर्द को आप लगातार महसूस करती रहती हैं। इसके कारण आपको यूरीन पास करने में दिक्कत होती है। स्टूल पास करने में भी परेशानी हो सकती है। यदि ये सारी दिक्कत आपको होती है, तो इसका मतलब साफ़ है कि आपके पेल्विक फ्लोर में शिथिलता (pelvic floor dysfunction) आ गई है। इससे पेल्विस के अंगों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। मगर परेशान न हों, क्योंकि इसका उपचार (how to treat pelvic floor dysfunction at home) किया जा सकता है। सबसे पहले जानते हैं कि हमारे शरीर में पेल्विक फ्लोर कहां पर रहता है और इसके काम क्या हैं।
गायनेकोलोजिस्ट डॉ. कृतिका अवस्थी कहती हैं, ‘पेल्विक फ्लोर मसल्स, लिगामेंट और टिश्यू से बने होते हैं। पेल्विक फ्लोर पेल्विक बोंस को चारों तरफ से घेरे रहते हैं। बोन के आगे, पीछे और किनारों के साथ-साथ रीढ़ के सबसे निचले हिस्से से मसल्स जुडा होता है। इसे सैक्रम (sacrum) कहा जाता है। पेल्विक फ्लोर का काम पेल्विक के अंगों को सहारा देना होता है। यूरिनरी ब्लैडर, रेक्टम, यूरेथरा, यूटेरस, वेजाइना आदि पेल्विक पार्ट्स के अंतर्गत आते हैं। पेल्विक फ्लोर मसल्स का काम इन अंगों को सुरक्षा प्रदान करना है।’
डॉ. कृतिका अवस्थी बताती हैं, ‘पेल्विक फ्लोर में जब कुछ समस्या आ जाती है, तो पेल्विक फ्लोर मसल्स कमजोर पड़ जाते हैं। इससे पेल्विक के दूसरे अंगों का रेक्टम और यूरेथरा पर दबाव पड़ता है। इससे स्टूल पास होने और यूरीन पास होने में दिक्कत होती है। इससे सेक्स के दौरान दर्द अनुभव करना, मल और मूत्र का थोडा-बहुत रिसाव हो जाना भी हो सकता है।’ इसकी वजह, उम्र, क्रोनिक डिजीज, लंबे समय तक खांसी रहना, प्रेगनेंसी, प्रेगनेंसी के दौरान चोट लगना हो सकती है।
उम्र के साथ पैल्विक फ्लोर की मांसपेशियां स्वाभाविक रूप से कमजोड पड़ जाती हैं। इसलिए महिलाओं में बढ़ती उम्र के साथ यूरीन रोक पाना संभव नहीं हो जाता है। कोलेजन की कमी से भी पेल्विक अंग प्रभावित होते हैं।
पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन को भी लाइफस्टाइल संबंधी स्वास्थ्य समस्या कहा जा सकता है। इसलिए डॉक्टर सबसे पहले खानपान में बदलाव लाने की सलाह देते हैं। भोजन में अधिक फाइबर शामिल करने, तरल पदार्थ अधिक पीने की सलाह देते हैं।
यदि स्टूल पास में दिक्कत हो रही है, तो डॉक्टर इसके लिए कुछ दवाइयां लेने की सलाह दे सकते हैं।
दर्द निवारक या एंटीइन्फ्लामाट्री दवा के इंजेक्शन से दर्द और सूजन में राहत मिलती है ।
नियमित रूप से लैक्सेटिव लेने से पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन के कारण स्टूल पास की दिक्कत में मदद मिल सकती है । डॉक्टर से सलाह लेने के बाद लैक्सेटिव लें ।
आमतौर पर पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों का व्यायाम कराया जाता है। पेल्विक फ्लोर रिहेविलिएशन के अंतर्गत मसाज और इलेक्ट्रिकल न्यूरल सस्टीमुलेशन सहित कई तकनीकें हो सकती हैं।
बायोफीडबैक: इसमें इलेक्ट्रिकल स्टीमुलेशन, अल्ट्रासाउंड थेरेपी, या पेल्विक फ्लोर मसल्स की मालिश शामिल है।
इससे रेक्टल सेंसेशन और मसल्स कॉनट्रेक्सशन को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
जब किसी भी प्रकार के उपाय काम नहीं आते हैं, तो सर्जरी एकमात्र उपाय है। इसमें डॉक्टर से अच्छी तरह जांच करा कर सर्जरी कराएं।
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