हार्मोन के कारण शरीर में बहुत सारे परिवर्तन होते रहते हैं। इनमें से एक है लो लुब्रिकेशन। इसके कई कारण हो सकते हैं। ब्रेस्टफीडिंग, पेरिमेनोपॉज़ और पोस्टमेनोपॉज़ की वजह से ऐसा हो सकता है। कभी-कभी बर्थ पिल्स, कीमोथेरेपी और कभी-कभी कुछ रोगों में ली जाने वाली दवाओं के कारण भी वेजाइना में लुब्रिकेशन की कमी हो जाती है। ऐसी स्थिति में बाहरी रूप से एडिशनल लुब्रीकेंट का इस्तेमाल किया जाता है। किसी भी प्रकार की सेक्सुअल एक्टिविटी से पहले इसे एपलाई किया जा सकता है। इसे ऑनलाइन, दवा की दुकानों और सुपरमार्केट से भी खरीदा जा सकता है। लेकिन लुब्रीकेंट का चुनाव करने से पहले कुछ बातों (How to choose right lubricant) को ध्यान में रखना होगा।
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के अनुसार, वेजाइना के डैमेज टिश्यू को ठीक करने के लिए लुब्रीकेंट का इस्तेमाल किया जाता है। वेजाइनल सेक्स कर रही हैं या मास्टरबेशन, आप लुब्रीकेंट योनि पर एप्लाई करें। यदि सेक्स के दौरान योनि और गुदा में दर्द होता है, तो लुब्रीकेंट का इस्तेमाल कर सकती हैं। ब्लड फ्लो सही तरीके से नहीं होने के कारण यौन उत्तेजना में कमी हो जाती है। इसके लिए भी लुब्रीकेंट का इस्तेमाल किया जा सकता है।
इन्टरनेशनल जर्नल ऑफ़ सेक्सुअल हेल्थ के अनुसार, ल्यूब फ्लूइड, क्रीम और जैल के रूप में आते हैं। व्यवसायिक लाभ के लिए कभी-कभी ऐसे ल्यूब भी उपलब्ध होते हैं, जो इचिंग पैदा कर सकते हैं। इसलिए इनका चुनाव कम्फर्ट को ध्यान में रखते हुए करें। जब बढ़िया क्वालिटी वाले ल्यूब का उपयोग करेंगी, तो इसके कारण सेक्स और अधिक आनंददायक महसूस करती हैं। इसलिए चुनाव करते समय सबसे पहले कम्फर्ट का ध्यान रखें।
इन्टरनेशनल जर्नल ऑफ़ सेक्सुअल हेल्थ के अनुसार, सुरक्षा का संबंध आपके स्वास्थ्य से है। उदाहरण के लिए कंडोम का इस्तेमाल करते समय आपको विशेष रूप से सतर्क रहना पड़ता है। लेटेक्स कंडोम के साथ तेल आधारित लुब्रीकेंट का उपयोग नहीं किया जा सकता है। क्योंकि इससे कंडोम अपने कार्य में सफल नहीं हो सकता है। इससे प्रेगनेंसी का खतरा रहता है। वहीं कुछ लुब्रीकेंट और मॉइस्चराइजर वास्तव में योनि स्वास्थ्य और गुदा स्वास्थ्य के लिए खराब हो सकते हैं।
जर्नल ऑफ़ साइको सेक्सुअल हेल्थ के अनुसार, यदि आप अपनी योनि को लुब्रिकेट करना चाहती हैं, तो ऐसे उत्पादों का चयन करना सबसे अच्छा है, जिनमें पीएच लेवल वास्तविक योनि पीएच के करीब हो।
यह 3.8- 4.5 के बीच होना चाहिए। यदि वेजाइनल पीएच से लुब्रीकेंट का पीएच अधिक होगा, तो अन्य समस्याएं हो सकती हैं। आमतौर पर यह पैकेट पर लिखा नहीं होता है। इसलिए इसकी खरीदारी करते समय जानकारी पाना जरूरी है।
जर्नल ऑफ़ साइको सेक्सुअल हेल्थ के अनुसार, ऑस्मोलैलिटी लेवल कम या अधिक होने पर योनि में संक्रमण हो सकता है। अधिक ऑस्मोलैलिटी लेवल वाले ऊतकों से नमी खींच लेते हैं। इससे ड्राईनेस की भी समस्या हो सकती है। इससे आराम मिलने की बजाय असुविधा हो सकती है। संक्रमण भी बढ़ सकता है। योनि का टिश्यू डैमेज भी हो सकता है। जिस लुब्रीकेंट का ऑस्मोलैलिटी लेवल वेजाइना और एनस दोनों के लिए अनुकूल हो, उसी का चुनाव करने में भलाई है।
विभिन्न प्रकार के ल्यूब अलग-अलग उद्देश्यों के लिए बेहतर काम करते हैं। योनि सेक्स के लिए पानी-आधारित या सिलिकॉन-आधारित लुब्रीकेंट लेने की कोशिश करें। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) वेजाइनल सेक्स के लिए लगभग 4.5 पीएच और एनल सेक्स के लिए 5.5 -7 के बीच पीएच वाला पानी आधारित लुब्रीकेंट का उपयोग करने की सलाह देता है।
इससे योनि में संक्रमण पैदा होने की संभावना नहीं हो सकती है। एनल सेक्स के लिए और कंडोम सुरक्षित रहने के लिए सिलिकॉन बेस्ड लुब्रीकेंट सबसे अच्छा हो सकता है।
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