यहां हैं मेनोपॉज के वे 3 अलग तरह के संकेत, जिन्हें ज्यादातर महिलाएं इग्नोर कर देती हैं

मेनोपॉज यानी पीरियड का हमेशा के लिए खत्म हो जाना। यह महिलाओं में 40 से 50 की उम्र के बाद शुरू हो जाता है। यह सिर्फ प्रजनन क्षमता का कमजोर हो जाना ही नहीं, बल्कि इसका आपकी ओवरऑल हेल्थ पर पड़ता है। इसलिए इसके संकेतों के बारे में जानना जरूरी है।
menopause ke baad bleeding
मेनोपॉज एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो एक महिला के प्रजनन वर्षों के अंत का प्रतीक है। चित्र : शटरस्टॉक
संध्या सिंह Published: 8 Sep 2023, 08:00 pm IST
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क्या आप जानते हैं कि मेनोपॉज के 34 प्राथमिक लक्षण होते हैं? योनि में सूखापन, जो सेक्स को अचानक दर्दनाक बना सकता है, से लेकर नींद में बदलाव जो आराम को प्रभावित कर सकता है तक। इसके बारे में अब भी बहुत कुछ ऐसा है, जिसे ज्यादातर महिलाएं इग्नोर कर देती हैं। जबकि हर रोज हजारों महिलाएं अपने जीवन के मेनोपॉज फेज में दाखिल हो रही होती हैं। तो चलिए जानते हैं मेनोपॉज के उन सबसे सामान्य संकेतों के बारे में, जिन पर आपको ध्यान देना चाहिए।

मेनाेपॉज से डरने की बजाए समझना है जरूरी

असल में मेनोपॉज एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो एक महिला के प्रजनन वर्षों के अंत का प्रतीक है। यह आम तौर पर 40 से 50 की उम्र के बीच की महिलाओं में होता है, हालांकि सटीक समय हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकता है। मेनोपॉज को उस समय के रूप में जाना जा सकता है, जब एक महिला को लगातार 12 महीनों तक पीरियड नहीं होता है। मेनोपॉज के दौरान, एक महिला की ओवरी धीरे-धीरे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन कम कर देते हैं, जिससे विभिन्न शारीरिक और हार्मोनल परिवर्तन होते हैं।

menopause ke lakshan
एक महिला की ओवरी धीरे-धीरे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन कम कर देते हैं। चित्र- अडोबी स्टॉक

मेनोपॉज के सामान्य लक्षण

मेनोपॉज के लक्षणों में योनि का सूखापन होना सबसे आम है, लेकिन कुछ ऐसे भी लक्षण होते है जिसके बारे में हमें नही पता होता है। जिसके कारण कई महिलाएं उसे समझ नही पाती है और जिसका निदान वो गलत तरीके से करती है जिससे कई तरह की परेशानियां हो सकती है।

1 पीठ और जोड़ों में दर्द

लगभग 40 से 70 प्रतिशत महिलाएं मध्य आयु वर्ग में पीठ और जोड़ों में दर्द का अनुभव करती है। हालांकि ये दर्द उम्र बढ़ने के कारण हड्डियों के कमजोर होने के कारण भी हो सकता है। लेकिन एस्ट्रोजेन के स्तर में गिरावट जो सूजन को बढ़ा देती है ये मेनोपॉज के समय में आमतौर पर होता है। इसके कारण भी आपके जोड़ों और पीठ में दर्द का कारण हो सकते है।

2 दिल की धड़कन तेज होना

यह थोड़ा चौकाने वाला हो सकता है, लेकिन मेयो क्लिनिक के अनुसार, गर्भावस्था और मेनोपॉज के दौरान हार्मोन में होने वाले बदलाव से दिल की धड़कन तेज होना शुरू हो सकती है। मेनोपॉज जर्नल में प्रकाशित 2013 के एक छोटे से अध्ययन से पता चलता है कि 28.7% से 46.9% तक महिलाओं को मेनोपॉज से पहले और बाद में दिल की धड़कन तेज होने का अनुभव होता है।

3 शरीर की गंध बदलना

मेनोपॉज के दौरान पसीना बैक्टिरिया के साथ मिल जाता है जिससे कोई भी शारीरिक गतिविधि करने के दौरान जो भी पसीना आता है उसकी गंध अक्सर बदली हुई होती है। हार्मोन परिवर्तन शरीर की गंध को बदलने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन इसका कारण आहार परिवर्तन, किडनी की बीमारी या इंसुलिन प्रतिरोध जैसे चयापचय परिवर्तन भी हो सकते हैं।

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Hip fat ke kaaran
जानिए आप मेनोपाॅज के बारे में कैसे समझ सकती हैं। चित्र : शटरस्टॉक

मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने के उपाय

संतुलित पोषण लेना है सबसे जरूरी

फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और स्वस्थ वसा से भरपूर संतुलित आहार का सेवन करें। यह वजन को नियंत्रित करने और समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है। निश्चित करें कि आपको हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त कैल्शियम और विटामिन डी लें। डेयरी उत्पाद, पत्तेदार सब्जियां इसके लिए अच्छे स्रोत है।

नियमित व्यायाम करें

मेनोपॉज के दौरान हॉट फ्लैश, मूड में बदलाव और नींद आनेे में परेशानी जैसे लक्षणों की गंभीरता को कम करने के लिए नियमित शारीरिक गतिविधि में शामिल होना जरूरी है। हर सप्ताह कम से कम 150 मिनट की मध्यम तीव्रता वाली एरोबिक व्यायाम करने का लक्ष्य रखें। इससे आपको मेनोरॉज के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।

शराब और कैफीन सीमित करें

शराब और कैफीन का सेवन कम करें, क्योंकि वे हॉट फ्लैश को बढ़ा सकते हैं और नींद न आने का कारण बन सकती है। हाइड्रेटेड रहने के लिए खूब पानी पिएं। डिहाइड्रेशन से बचने से शुष्क त्वचा जैसे लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है।

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लेखक के बारे में

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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