यदि आप तनाव में रहती हैं, तो आपकी सेक्स ड्राइव (Sex drive) प्रभावित होगी ही। तनाव के दौरान जो विशेष तरह का हॉर्मोन अधिक रिलीज होता है, वह लिबिडो को भी घटा देता है। रिसर्च भी बताती हैं कि जो महिलाएं खुश रहती हैं, उनमें कोर्टिसोल हॉर्मोन का सेक्ररेशन बैलेंस होता है और वे सेक्स को अधिक एन्जॉय करती हैं। जबकि तनाव और अव्यवस्थित जीवनशैली जीने वाली महिलाओं की सेक्स ड्राइव लगातार कम होती जाती है। अगर आप भी बेडरूम में खुद को लो फील करती हैं, तो यहां जानिए सेक्स ड्राइव बढ़ाने (how to increase sex drive) के कुछ सुपर इफैक्टिव टिप्स।
2008 में सेक्स मेड जर्नल में एक अध्ययन आलेख प्रकाशित हुआ। शोधकर्ता लिसा डॉन हैमिल्टन, एलेसेंड्रा एच रेलिनी, सिंडी एम मेस्टन ने कोर्टिसोल, यौन उत्तेजना और इसके प्रभाव पर अध्ययन किया। इस स्टडी के निष्कर्ष में यह बात सामने आई कि यौन उत्तेजना और प्रतिक्रिया के लिए तनाव को रोकना चाहिए। जिन प्रतिभागियों का कोर्टिसोल लेवल बैलेंस था, उनहोने हाई सेक्सुअल अराउजल की सूचना दी। कोर्टिसोल लेवल के बढ़ने पर तनाव बढ़ता है, वहीं घटने पर वीकनेस होती है। यह स्टेरॉयड हॉर्मोन भी है। इसलिए इसकी कोर्टिसोल लेवल का बैलेंस होना सेक्स एराउज के लिए जरूरी है।
जब आपके कोर्टिसोल का स्तर असंतुलित हो जाता है, तो इसका मतलब है कि आपका स्ट्रेस लेवल भी अधिक है। कोर्टिसोल के स्तर को स्वाभाविक रूप से कम करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप तनाव दूर करें। तनाव का अनुभव करने वाले कारकों को खत्म करें। यदि स्थिति को बदलना आपके नियंत्रण से बाहर है, तो तनाव को प्रबंधित करने के तरीके खोजें।
शरीर को बहुत अधिक स्ट्रेस देने वाले व्यायाम की बजाय सामान्य फिजिकल एक्टिविटी करें। जब आप पहले से ही थके हुई हैं, तो अधिक स्ट्रेन देने वाले व्यायाम कोर्टिसोल को असंतुलित कर सकते हैं। टहलना, योग और स्ट्रेचिंग आपको जीवंत कर सकते हैं और सेक्स ड्राइव को भी बढा सकते हैं।
धूप कोर्टिसोल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है। आपके कोर्टिसोल के स्तर में वृद्धि आपको खुश और एनर्जेटिक बनाने में मदद करेगी।
जाहिर है सेक्स ड्राइव भी बढेगा।
अपने सरकेडियन रिद्म को बनाये रखें। इससे आपके कोर्टिसोल के स्तर को वापस लाने में मदद मिलेगी। देर रात तक नहीं जगें और सुबह में देर से नहीं उठें। इस नियम का पालन वीकएंड में भी करें। दोपहर में सोने की आदत नहीं डालें।
टीवी, फोन और कंप्यूटर से आर्टिफिशियल लाइट आते हैं, जो आपके सर्केडियन रिद्म को बाधित करते हैं। और मेलाटोनिन उत्पादन को कम कर देगी (हार्मोन जो आपके शरीर को सोने का समय बताता है)। सर्केडियन रिदम खराब होने से आप थका हुआ महसूस करती हैं। यह आपके कोर्टिसोल लेवल को प्रभावित करता है। सोने से 1-2 घंटे पहले आर्टिफिशियल लाइट को बंद कर दें।
आप रात में कम कोर्टिसोल स्तर और हाई मेलाटोनिन स्तर चाहती हैं, तो बेड रूम को अँधेरा कर दें। थोड़ी सी रोशनी भी आपके कोर्टिसोल और मेलाटोनिन प्रोडक्शन को प्रभावित कर सकती है।
चार्जर्स, अलार्म क्लॉक या जो कुछ भी रोशनी फ्लैश कर रहा है, उससे छुटकारा पाएं। लाइट बंद करें और रात के समय के मधुर अंधेरे का आनंद लें।
हाई फाइबर कार्बोहाइड्रेट जैसे कि गहरे रंग की हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज, बीन्स आदि लें।
प्रोटीन के लिए मछली, पोल्ट्री, मीट, बीन्स, डेरी प्रोडक्ट को आहार में शामिल करें। एवोकाडो, जैतून का तेल, ड्राई फ्रूट्स और सीड्स को हेल्दी फैट के लिए शामिल करें। ब्रेड, पास्ता, और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ, एडेड शुगर से बचें। इससे कोर्टिसोल लेवल प्रभावित होता है।
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