हर महिला के लिए, उसके पीरियड्स बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। यह एंडोमेट्रियम का फ्लो है जो संभावित गर्भावस्था में सहायता के लिए प्रत्येक पीरियड साइकल विकसित करता है। चूंकि पीरियड्स महिलाओं की सेहत के बारे में भी बहुत कुछ बताते हैं इसलिए हर साइकल में पीरियड फ्लो कैसा है यह देखना भी बहुत ज़रूरी होता है। तो आइए, जानते हैं आपके पीरियड फ्लो (Period flow) के बारे में।
पीरियड फ्लो और पीरियड साइकल रजोनिवृत्ति, गर्भावस्था के बाद, और पेरीमेनोपॉज़ के दौरान बदलता रहता है। इन सब स्थितियों की वजह से ओव्यूलेट नहीं करना यानी एनोव्यूलेशन हैवी पीरियड होने का एक विशिष्ट कारण होता है। इसकी वजह से कभी – कभी पीरियड नहीं भी आते हैं।
इन घटनाओं के अलावा, ज़्यादातर पूरी लाइफ महिलाओं का पीरियड फ्लो एक जैसा ही रहता है। मगर यह व्यायाम, आहार, या गर्भनिरोधक गोली लेने की वजह से भी बादल सकता है। इतना ही नहीं, गर्भाशय पॉलीप्स, फाइब्रॉएड, या पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) जैसी विशिष्ट बीमारियों के कारण भी पीरियड फ्लो बादल सकता है।
तो लेडीज, अगर आपको कभी हल्के मासिक धर्म और कभी हैवी पीरियड हो रहे हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि यह नॉर्मल है। मगर कुछ मामलों में चिंताजनक भी हो सकता है। तो चलिये जानते हैं कि पीरियड्स का फ्लो क्यों बदलता है?
अल्टियस अस्पताल, बेंगलुरु, की सलाहकार स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ पूजा साहनी, हेल्थ शॉट्स को बताती हैं – “यदि आपके रासायनिक स्तरों को समायोजित नहीं किया जाता है, तो आपका शरीर गर्भाशय (एंडोमेट्रियम) के आंतरिक आवरण को अत्यधिक मोटा बना सकता है, जिससे भारी रक्तस्राव होता है। लाइट पीरियड्स कई कारणों का परिणाम हो सकता है जैसे उम्र का कारक, बेहद कम वजन होना, गर्भावस्था, स्तनपान, पीसीओएस, अधिक व्यायाम करना।”
शरीर का वजन, व्यायाम और तनाव सभी हल्के पीरियड्स का कारण बन सकते हैं, और इसका कारण समझना लंबे समय में उपयोगी हो सकता है।
डॉ साहनी आगे बताते हैं – “पीरियड्स की प्रगति में नियमित परिवर्तन छिपे हुए रोग का संकेत हो सकता है। हाइपोथायरायडिज्म, फाइब्रॉएड गर्भाशय, और हैवी पीरियड का कारण बन सकता है। जबकि पीसीओएस, गर्भावस्था जैसी स्थितियों में, प्रवाह बहुत कम होगा।”
पीरियड फ्लो हर 21 से 35 दिनों में हो सकता है। और हर फ्लो 2 से 7 दिनों तक चल सकता है।
प्रोलैक्टिन या थायराइड हार्मोन जैसे हार्मोन एक महिला को उसके पीरियड्स मिस करने का कारण बन सकते हैं।
डॉ साहनी ने संकेत दिया – “यदि पीरियड बहुत बार बदल रहे हैं, तो यह आपके स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करने का समय है। जैसे हर मन अलग होता है, वैसे ही हर शरीर और हर मासिक धर्म अलग होता है।
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