पीरियड्स में सभी महिलाएं पेट मे दर्द का अनुभव करती हैं। किसी को ज्यादा तो किसी को कम, परंतु सभी इस दौरान दर्द से परेशान रहती हैं। पेट के साथ कमर और पैरों में भी खिंचाव महसूस होता रहता है। पीरियड्स के शुरुआत के तीन दिन काफी दर्दनाक होते हैं। कुछ महिलाएं इसे झेल लेती हैं, तो कुछ को पेन किलर दवाइयों की मदद लेनी पड़ती हैं। पेन किलर दवाइयां हॉर्मोन्स को असंतुलित कर देती हैं और इसका पीरियड्स पर नकारात्मक असर पड़ता है।
यदि आप भी पीरियड्स में अधिक दर्द का अनुभव करती हैं, तो दवाइयों की जगह इन खास घरेलू नुस्खो की मदद से इनसे राहत पा सकती हैं। तो क्यों न इन 4 तरह के घरेलू नुस्खों (periods cramps home remedies) को ट्राई किया जाए। सेहत पर इनका किसी तरह का साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होता।
पीरियड्स के दौरान महिलाओं के ओवरी में प्रोस्टेग्लेंडाइन नामक एक हार्मोन रिलीज होता है, यह पीरियड्स क्रैम्प्स का एक प्रमुख कारण हो सकता है। कई महिलाएं पीरियड में असहनीय दर्द महसूस करती हैं, तो कईयों को इसकी अनुभूति भी नहीं होती। ऐसा प्रोस्टेग्लेंडाइन हार्मोन्स के कारण होता है। पीरियड्स में ओवरी में खून की कमी हो जाती है जिसके कारण मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं और पेट के निचले हिस्से में दर्द और ऐठन महसूस होती है।
बिरला आयुर्वेद मुंबई की एमडी डॉ वनीश्री ऐथल के अनुसार गुड़ में सोडियम पोटेशियम जैसे कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं जो पीरियड्स से जुड़ी समस्यायों में काफी कारगर हो सकते हैं।
यदि आप पीरियड्स में मूड सविंग्स और पेट दर्द का अनुभव कर रही हैं, तो गुड़ के एक छोटे टुकड़े को चबाएं। यह एंडोर्फिन रिलीज करता है और पीरियड्स में होने वाले दर्द से राहत प्रदान करता है। इसके साथ ही यह पीएमएस के लक्षण में भी कारगर होता है।
एविडेंस-बेस्ड नर्सिंग में प्रकाशित शोध के अनुसार गर्म सिकाई या हीटिंग पेड का इस्तेमाल पीरियड्स में पेट मे होने वाले ऐंठन को कम करने में प्रभावी रूप से काम करता है। इस शोध के अनुसार क्रैम्प्स से परेशान महिलाओं की स्थिति में इबुप्रोफेन से ज़्यादा हीटिंग पेड से सुधार हुआ।
द जर्नल ऑफ फिजियोथेरेपी द्वारा मार्च 2014 में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार पीरियड्स में गर्म सिंकाई करने से महिलाओं में पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को कम किया जा सकता है। यदि आपके पास हॉट वॉटर बैग या हीटिंग पैड नहीं है, तो गर्म पानी से नहाएं साथ ही तोलिया को गर्म पानी में डुबोकर पेट की सिकाई कर सकती हैं।
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नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार पीरियड्स के दौरान तेल को हल्का गुनगुना करके पेट के निचले हिस्से पर मसाज करने से पीरियड्स में होने वाले दर्द को कंट्रोल किया जा सकता है।
इसके साथ ही आप कमर और पैरों में भी मसाज कर सकती हैं। मसाज करने से पहले तेल को हल्का गुनगुना करना न भूलें। ध्यान रहे कि मसाज करते वक़्त हाथों को बिल्कुल हल्का रखें ज्यादा भार न दें, अन्यथा पेट पर जोर डालने से दर्द और ज्यादा ट्रिगर हो सकता है।
पब मेड सेंट्रल के अनुसार यदि पीरियड्स के दौरान यदि अधिक दर्द का अनुभव होता है तो मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कि बादाम, ब्लैक बीन्स, पालक, योगर्ट और पीनट बटर को अपनी डाइट में शामिल करें। यह पेट की ऐंठन को कम करने में आपकी मदद कर सकता है।
सौंफ, दालचीनी और अदरक जैसे हर्ब्स से बनी ड्रिंक्स लेने से पीरियड्स में होने वाले दर्द और ऐंठन से राहत प्राप्त होगी। इनमें एंटी इंफ्लेमेटरी प्रोपर्टी पाई जाती है सायद ही इनमें मौजूद अन्य कंपाउंड पीरियड्स में मांसपेशियों को आराम पहुंचते हैं और इन्हें रिलैक्स रहने में मदद करते हैं। इसके साथ ही आप पुदीने की चाय का आनंद ले सकती हैं।
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