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योनि स्वास्थ्य के साथ ही किडनी और लिवर को भी प्रभावित करता है यूटीआई, एक्सपर्ट बता रहे हैं इसके बारे में सब कुछ

यूटीआई ऐसी समस्या है जिसे सही हाइजीन मेंटेन करते हुए डाइट में उचित खाद्य पदार्थों को शामिल करके रोका जा सकता हैं। वहीं यह बहुत जरुरी है की अपने इंटिमेट हेल्थ के प्रति विशेष ध्यान दिया जाये।
आखिर किस तरह बढ़ जाता है डायबिटीज के मरीजों में यूटीआई का खतरा। चित्र शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 27 Mar 2023, 21:00 pm IST
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खानपान की गलत आदत और बिगड़ती लाइफस्टाइल के कारण पेट से जुडी समस्याएं लोगों को आसानी से अपना शिकार बना रही हैं। ऐसे में गैस, ब्लोटिंग, एसिडिटी जैसी समस्यायों के साथ ही पेशाब की नली में जलन और ब्लैडर इन्फेक्शन का खतरा भी बना रहता है। इसे आमतौर पर हम यूटीआई (Urinary tract infection) कहते हैं। हालांकि, ये एक ऐसी समस्या है जिसे हम सही हाइजीन मेंटेन करते हुए डाइट में उचित खाद्य पदार्थों को शामिल करके होने से रोक सकते हैं। इसके लिए डॉक्टरी इलाज के साथ ही घरेलू इलाज भी उपलब्ध हैं।

अमूमन पुरुषों की तुलना में यह समस्या महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है। कई बार हाइजीन के प्रति लापरवाही बरतने के कारण पुरूषों को भी इस समस्या का सामना करना पड़ता है, लेकिन महिलाओं की अपेक्षा पुरूषों में परेशानी कम होती है। बीमारी चाहे कोई भी हो समय से पता चलने पर इसका इलाज संभव है। इसके लिए एक तय समय के अंतराल पर शरीर की पूरी जांच करवानी चाहिए। जिससे जो भी बीमारी पनप रही है उसे वहीं रोका जा सके।

यदि यूटीआई को समय से ट्रीट न किया जाए तो यह किडनी और ब्लैडर में इन्फेक्शन (bladder infection) का कारण बन सकती है। वहीं ये धीरे-धीरे शरीर के लिए घातक होता जाता है। तो ऐसी असुविधाओं से बचने के लिए आज हेल्थ शॉट्स के इस लेख के माध्यम से जानेंगे यूटीआई (UTI)से जुड़े सभी तथ्य। जानेंगे इसके होने का कारण साथ ही बचाव के कुछ महत्वपूर्ण उपाय।

यूटीआई से बचाव के लिए एक उचित समय अंतराल पर जांच करवाते रहना बहुत जरुरी है। चित्र : शटरस्टॉक

पहले जानिए इस विषय पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट

हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर भोपाल मेडिकल कॉलेज में बीते दस साल से प्रैक्टिस कर रहे गयनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर केके त्रिपाठी से बातचीत की। उन्होंने यूटीआई (Urinary tract infection) के आकड़ों से शुरुआत करते हुए बताया कि “यदि एक हजार महिलाओं और पुरूषों की बात करें तो 600 महिलाएं और 400 पुरूष यूटीआई की समस्या का शिकार हुए हैं।”

डॉक्टर के अनुसार यूटीआई की समस्या किडनी से जुडी परेशानी के कारण होती है, साथ ही यदि यह लंबे समय तक बनी रहे तो किडनी को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है। वहीं कुछ केस में तो परेशानी इतनी बढ़ जाती है की किडनी डैमेज होने का खतरा हो सकता है।”

इसके साथ ही गॉलब्लेडर में परेशानी आ सकती है। वे सलाह देते हुए कहते हैं की “यूटीआई से बचाव के लिए एक उचित समय अंतराल पर जांच करवाते रहना बहुत जरुरी है। ऐसा करने से भविष्य में गंभीर बिमारियों के खतरे को बढ़ने से रोका जा सकता है।”

अब जानें क्यों होती है यूटीआई की समस्या

डॉक्टर के अनुसार यूटीआई होने के कई कारण होते हैं जैसे की इंटिमेट हाइजीन को नजरअंदाज करना और अधिक मात्रा में फ़ास्ट और जंक फूड्स का सेवन करना। वे कहते हैं की “यूटीआई (Urinary tract infection) का मुख्य कारण ई-कोलाई बैक्टीरिया होता है। यह बैक्टीरिया पेशाब के रास्ते शरीर में प्रवेश करता है और आपकी सेहत को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। यह पुरूषों की अपेक्षा में महिलाओं को ज्यादा हानि पहुंचाता है।”

आप तनाव संबंधी मूत्र अनियमितता से पीड़ित हो सकती हैं। चित्र-शटरस्टॉक।

ये लक्षण यूटीआई के हो सकते हैं

महिलाओं को यूटीआई (UTI) के दौरान लक्षण नजर आते हैं। ऐसी स्थिति में पेट के निचले हिस्से में दर्द होना, पेशाब में जलन, पेशाब से बदबू आना, बार-बार पेशाब जाने जैसे लक्षण का सामना करना पड़ता है। ये सभी यूटीआई की समस्या के सामान्य लक्षण हैं, यदि इनमें से कोई भी समस्या हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और अपना जांच करवाएं।

यदि समय से जांच न कराई जाए तो बीमारी ब्लैडर से किडनी तक पहुंच सकती है। वहीं पीठ के निचले हिस्से में दर्द की समस्या, ठंड और बुखार भी हो सकता है। ध्यान दें पेशाब से जैसे ही बदबू आना शुरू हो वैसे ही डॉक्टर को दिखाएं।

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यूटीआई के दौरान होती हैं ये समस्याएं

डॉक्टर के अनुसार यदि आपको यूटीआई है तो किडनी फैल होने का खतरा बना रहता है। कभी-कभी ये किडनी और ब्लैडर दोनों में एक साथ दिक्कत पैदा कर सकता है। वहीं खून में इन्फैक्शन पहुंचने पर ये खून के माध्यम से शरीर के दूसरे अंग को भी डैमेज कर सकता है। डॉक्टर कहते हैं कि “ऐसी स्थिति में ऑपरेशन भी करवाना पड़ सकता है। मर्ज कितना अंतर तक है ये जांच में पता चल जाता, जिसके बाद ऑपरेशन की जरुरत है या नहीं इसकी जानकारी मिल पाती है।”

कभी भी पेहेब को रोककर न रखें। चित्र : शटरस्टॉक

इन लोगों को होता है यूटीआई से ज्यादा खतरा

कम पानी पीने वाले
देर तक पेशाब रोकने वाले
सेक्स के बाद हाइजीन को नजरअंदाज कर देना
एक दिन में जरुरत से ज्यादा बार नहाना
किडनी स्टोन से पीड़ित व्यक्ति

यदि आप भी ऐसा करती हैं तो सावधान हो जाएं। वहीं इन आदतों में फ़ौरन बदलाव लाएं। यूरीन की जांच से यूटीआई की समस्या का पता लगाया जा सकता है। डायबिटीज के मरीज भी इस बीमारी से बचने के लिए समय समय पर यूरीन की जांच कराते रहें।

अब जानें क्या है यूटीआई का इलाज

जिनको यूटीआई (Urinary tract infection) की गंभीर समस्या नहीं होती है, वह अपनी बीमारी का इलाज एंटीबायटिक दवाओं का सेवन करके भी कर सकते हैं। इसके अलावा आपको हर दिन खूब सारा पीना पीना चाहिए। वहीं यूटीआई में ठंडी चीज़ों का सेवन करना चाहिए, साथ ही प्रोबायोटिक्स भी काफी कारगर होते हैं।

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टीम हेल्‍थ शॉट्स

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