35 की उम्र के बाद भी मुमकिन है गर्भवती होना, यहां जानिए प्रजनन क्षमता बढ़ाने के तरीके

महिलाओं में फर्टिलिटी (Fertility) और एज फैक्टर एक- दूसरे को को-रिलेट करते हैं। यही वजह है कि बढ़ती उम्र के साथ-साथ महिलाओं में फर्टिलिटी कम हो जाती है।
35 ke baad pregnancy
35 की उम्र के बाद भी आप बन सकती हैं माँ। चित्र : शटरस्टॉक
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ज्यादातर महिलाओं में बढ़ती उम्र के साथ फर्टिलिटी (Fertility) कम हो जाती है। खासतौर से 35 साल या इससे अधिक उम्र की महिलाएं गर्भवती (Pregnant) न होने की समस्या का सामना करती हैं। हालांकि, 35 की उम्र के बाद भी आप मां बन सकती। दरअसल, महिलाओं में फर्टिलिटी और एज फैक्टर (Fertility and age factor) एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। यही वजह है कि बढ़ती उम्र के साथ-साथ महिलाओं में फर्टिलिटी कम हो जाती है। वहीं, 35 की उम्र पार करने के बाद महिलाओं में एग्स की क्वालिटी कम होने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि बढ़ती उम्र के बावजूद आप अपनी फर्टिलिटी को कैसे इम्प्रूव (How to improve fertility) कर सकती है? 

गर्भधारण और उम्र का संबंध  

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35 की उम्र के बाद हार्मोन्स में बदलाव के कारण गर्भवती होने में होती है समस्या। चित्र : शटरस्टॉक

महिलाओं में गर्भधारण का सही समय 20 साल की उम्र के बाद से लेकर 30 साल की उम्र से पहले तक होता है। इसका मुख्य कारण यह है कि युवावस्था के बाद के इस दौर में फर्टिलिटी अच्छी होती है। नतीजतन, प्रेगनेंसी में दिक्कत नहीं आती है। वहीं, जब महिलाएं 30 साल से ज्यादा की उम्र के पड़ाव में पहुंच जाती है, तो शरीर में हार्मोन्स में बदलाव होते हैं। लिहाजा, इस उम्र के बाद प्रजनन स्तर कम होता है। शरीर में अंडों का उत्पादन भी उम्र के साथ-साथ कम होने लगता है। एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देना मुश्किल हो जाता है। हालांकि, यह बिल्कुल भी असंभव नहीं है कि 35 की उम्र के बाद गर्भधारण नहीं किया जा  सकता। अगर आप अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करती हैं, तो फर्टिलिटी की संभावना बढ़ा सकती है।

यहां जानिए कि आप 35 की उम्र के बाद भी प्रजनन क्षमता कैसे बढ़ा सकती हैं?

जी हां, आप ऐसा कर सकती है। भले ही आप अपने शरीर में अंडों की संख्या नहीं बढ़ा सकती, लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं जो आपके हाथ में है और जिससे आपके गर्भवती होने की संभावना बढ़ सकती है। सबसे पहला फैक्टर है आपकी सेहत। यदि आप 35 की उम्र के बाद बेबी प्लान कर रही हैं, तो खुद को हेल्दी और फिट रखें। इसके लिए आपको अपनी जीवनशैली में कुछ अहम बदलाव करने की आवश्यकता होगी।

धूम्रपान की आदत छोड़ें

 धूम्रपान करना आपकी सेहत के लिए काफी हानिकारक है। यदि आप गर्भवती होना चाहती हैं, तो धूम्रपान को जल्द से जल्द छोड़ दें। दरअसल, धूम्रपान का प्रभाव  आपके विकासशील भ्रूण पर पड़ सकता है। धूम्रपान के साथ-साथ ई-सिगरेट और वेपिंग का भी त्याग करें। अगर, आप सिगरेट या अन्य तंबाकू का सेवन नहीं छोड़ती हैं, तो यह आपके बच्चे की सेहत के लिए हानिकारक है।

एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर फूड्स खाएं 

एंटीऑक्सीडेंट्स फूड्स महिलाओं और पुरुष दोनों में प्रजनन क्षमता को बढ़ा सकते हैं। इन फूड्स में मौजूद फोलेट और जस्ता फर्टिलिटी बढ़ाने में महत्वपूर्ण है। यह आपके शरीर में शुक्राणुओं और अंडा कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाले मुक्त कणों को निष्क्रिय करते हैं।

एनसीबीआई के डाटा के अनुसार, 232 महिलाओं पर एक अध्ययन किया गया। जिसमें यह बात सामने आई है कि उच्च फोलेट सेवन से प्रत्यारोपण, नैदानिक गर्भावस्था और बच्चों की जीवित जन्म दर उच्च होती है। इसके लिए अपने आहार में फलों, सब्जियों, नट्सस और अनाजों जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें। दरअसल, इनमें विटामिन-सी, विटामिन-ई, फोलेट, बीटा कैरोटीन और ल्यूटिन जैसे फायदेमंद एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं।

आहार में हाई फैट डेयरी प्रोडक्ट्स शामिल करें 

लो फैट डेयरी प्रोडक्ट्स के ज्यादा सेवन से इनफर्टिलिटी की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। जब आप हाई फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करती हैं, तो यह इनफर्टिलिटी की संभावनाओं को कम करते हैं।

साल 2007 में ऑक्सफोर्ड एकेडमी के लिए की गई एक स्टडी में सामने आया कि हफ्ते में एक बार हाई फैट डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करने से महिलाओं में 27% इनफर्टिलिटी की संभावनाएं कम हो जाती है। 

मोटापा नियंत्रित करें  

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अगर हेल्दी रहेंगे तो फर्टिलिटी की संभावना उतनी ही बढ़ जाएगी। चित्र : शटरस्टॉक

एनसीबीआई के अनुसार, ज्यादा वजन वाले लोगों को सेहतमंद रहने के लिए कसरत करना बेहद आवश्यक है। अगर हेल्दी रहेंगे तो फर्टिलिटी की संभावना उतनी ही बढ़ जाएगी। ऐसे में यदि आप मोटापे से जूझ रही है तो आपको पहले अपने वजन कम करने पर ध्यान देना होगा। हालांकि, व्यायाम भी ज्यादा नहीं करना चाहिए। इससे शरीर में ऊर्जा संतुलन बदल सकता है। जिसका प्रजनन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। 

अच्छी नींद लेनी चाहिए

नींद का भी फर्टिलिटी पर भारी प्रभाव पड़ता है। नींद की कमी होना या नींद के पैटर्न में लंबे समय से चल रहे बदलाव के कारण कई शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। कई अध्ययनों में भी यह बात सामने आई है कि नींद की कमी और महिलाओं में इनफर्टिलिटी का गहरा संबंध है।

दरअसल, जब हम कम नींद लेते हैं तो हार्मोन्स के स्तर में मूलभूत परिवर्तन होता है। इससे इनफर्टिलिटी की संभावनाएं बढ़ जाती है। ऐसे में अच्छी नींद लेना बेहद आवश्यक है।

डॉक्टर की सलाह है जरूरी

हालांकि, डॉक्टर की सलाह लेने के बाद और जरूरी सभी चेकअप कराने के बाद ही कोई फैसला लेना चाहिए। यदि आप 35 की उम्र के बाद बेबी प्लान कर रही है तो आपको बॉडी चेकअप की आवश्यकता पड़ सकती है। ऐसे में सबसे पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें ताकि आपको बेहतर सलाह मिल सकें।

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