गर्मी, बरसात से लेकर ठंड के मौसम तक में इंटिमेट हाइजीन को प्राथमिकता देना जरूरी है। क्योंकि इसके प्रति बरती थोड़ी सी भी लापरवाही आपके लिए एक बड़ी मुसीबत का कारण बन सकती है। वजाइना से जुड़ी समस्या कुछ ऐसी समस्या है जो बहुत तेजी से बढ़ती है और लंबे समय तक बनी रह सकती है। वहीं अपने शरीर और चेहरे के साथ-साथ वजाइनल हेल्थ के प्रति भी सचेत रहना बहुत जरूरी है। इंफेक्शन, एलर्जी, खुजली से लेकर वेजाइनल डिसचार्ज में बदलाव आना आपकी अनहेल्दी वेजाइनल हेल्थ के संकेत हो सकते हैं। इन सभी समस्याओं को भूल कर भी नजरअंदाज न करें।
अन्य बॉडी पार्ट्स की तुलना में इंटिमेट एरियाज से अधिक पसीना आता है। जिसके कारण बैक्टीरिया और यीस्ट के पनपने की संभावना भी ज्यादा होती है। इसलिए इन समस्याओं से बचने के लिए बताए गए इंटिमेट हाइजीन टिप्स को जरूर फॉलो करें। यह आपके इंटिमेट हाइजीन को बनाए रखने के साथ ही वजाइनल हेल्थ के लिए भी जरूरी है।
मार्केट में उपलब्ध फेमिनिन हाइजीन प्रोडक्ट्स में कई प्रकार के केमिकल्स पाए जाते हैं। जो कि आपके वजाइनल हेल्थ को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में इन प्रोडक्ट्स से जितना हो सके उतना दूरी बनाए रखें। वहीं वेजाइनल क्रीम, वजाइनल स्क्रब, हेयर रिमूवल क्रीम और वाइप्स इत्यादि आपके वेजाइनल इन्फेक्शन का कारण बन सकती हैं। वहीं वेजाइनल इंफेक्शन के लिए प्रयोग की जाने वाली दवाइयां भी कभी-कभी वेजाइनल हेल्थ कंडीशन को और ज्यादा खराब कर देती है।
एक्सपर्ट्स हमेशा ढीले और कॉटन के कपड़े से बने अंडरगारमेंट्स पहनने की सलाह देते हैं। टाइट इनरवियर और सिंथेटिक फाइबर से बने कपड़े एयर सरकुलेशन को रोक देते है और ऐसे में अधिक मात्रा में पसीना आता है। इसके साथ ही सिंथेटिक फैब्रिक पसीने को सोख नहीं पाते जिस वजह से बैक्टीरिया और यीस्ट के ग्रो होने की संभावना बढ़ जाती है। ये वेजाइनल इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं।
ऐसे में हल्के और ढीले अंडरगारमेंट्स पहनने की कोशिश करें। साथ ही वर्कआउट करने और किसी तरह की फिजिकल एक्टिविटी में भाग लेने के बाद अपने अंडरगारमेंट्स को बदल लें।
अनप्रोटेक्टेड सेक्स सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इनफेक्शंस का कारण बन सकते हैं। ऐसे में एसबटीआई और अनवांटेड प्रेगनेंसी को अवॉइड करने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका है सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करना। हालांकि, बाजार में कई तरह के फ्लेवर्ड कंडोम उपलब्ध हैं। तो अपने और पार्टनर के स्किन टाइप का ध्यान रखते हुए एक सही कंडोम का चयन करें।
इसके साथ ही वेजाइनल सेक्स के लिए फ्लेवर्ड कंडोम को अवॉइड करें। इसके साथ ही सेक्स करते वक्त एक सही लुब्रीकेंट का चयन करना भी जरूरी है। केमिकल्स युक्त लुब्रीकेंट वजाइनल सेल्स को डैमेज कर सकते हैं।
कभी भी वेजाइनल इन्फेक्शन के लक्षण को अनदेखा न करें। यदि अधिक और बदबूदार वेजाइनल डिसचार्ज हो रहा है, या उसके कलर में बदलाव दिखे तो फौरन इस पर गौर करना जरूरी है। साथ ही डॉक्टर से मिलकर सलाह ले सकती हैं।
इस तरह के मामलों में लापरवाही बरतना आपके लिए एक बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकता है। इसके साथ ही वजाइना के आसपास दर्द महसूस होना भी अनहेल्दी वजाइनल कंडीशन की ओर इशारा करता है।
गाइनेकोलॉजिस्ट की माने तो पीरियड्स के दौरान यदि आपका ब्लड फ्लो सामान्य है तो 4 से 6 घंटे के अंतराल पर पैड बदलना बहुत जरूरी है। वहीं यदि आपका फ्लो बहुत ज्यादा है तो 3 से 4 घंटे का गैप बहुत रहेगा। इसके साथ ही आप टैम्पोन का इस्तेमाल करती हैं तो हर 6 घंटे पर इसे चेंज कर लें। वहीं हर बार वॉशरूम जाने के बाद और पैड बदलते वक्त अपने वजाइनल एरिया को अच्छी तरह पानी से साफ करना न भूलें।
यदि आप लंबे समय तक सेनेटरी नैपकिन और टैम्पोन का इस्तेमाल करती हैं, तो यह स्किन रैशेज और बदबू का कारण बन सकता है। इसके साथ ही इंफेक्शन होने की संभावना भी बनी रहती है। किसी भी कंडीशन पर कपड़े से बने पैड को रीयूज न करें।
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स, फरीदाबाद की सीनियर ओबीएस और गयनेकोलॉजिस्ट डॉ नीति कौतिश कहती है कि अपने प्राइवेट पार्ट्स को साफ करने के लिए साबुन का प्रयोग करने से बचें। आजकल बाजार में मौजूद लगभग सभी साबुन में एसएलएस (Sodium Lauryl Sulphate) मौजूद होते है।
यदि आप किसी तरह की वेजाइनल इन्फेक्शन से ग्रसित हैं, तो यह पदार्थ आपकी समस्या को और ज्यादा बढ़ा सकता है। यदि नहीं हैं तो आपके वजाइनल इंफेक्शन और एलर्जी का कारण बन सकता है।
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