सेफ सेक्स के लिए कंडोम का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा यह हर तरह के सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज से भी बचाव करता है। कुछ लोग फ्लेवर्ड कंडोम का भी इस्तेमाल करते हैं। कुछ महिलाएं पार्टनर के फ्लेवर्ड कंडोम का इस्तेमाल करने पर वेजाइनल इन्फेक्शन की शिकायत करती हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि फ्लेवर्ड कंडोम का इस्तेमाल हमेशा नहीं करना चाहिए। इसके कारण ही इन्फेक्शन ( flavoured condom side effects) होता है। सबसे पहले जानते हैं ख़ास कंडोम के बारे में।
मेल कंडोम एक पतला आवरण वाला होता है, जिसे सुरक्षित यौन संबंध के लिए पेनिस के ऊपर रखा जाता है। इनसे सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (Sexually Transmitted Disease) से बचाने में मदद मिलती है। इससे अवांछित गर्भधारण को रोकने में मदद मिलती है। एक समय में एक से अधिक प्रकार के कंडोम का उपयोग नहीं करना चाहिए। इससे कंडोम के फटने का डर बना रहता है।
गायनेकोलोजिस्ट एंड ऑब्सटेट्रिक्स डॉ. रिद्धिमा शेट्टी अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं, ‘फ्लेवर्ड कंडोम विशेष रूप से ओरल सेक्स के लिए बनाए जाते हैं। अन्य प्रकार के सेक्स के लिए फ्लेवर्ड कंडोम का उपयोग स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है, फ्लेवर्ड कंडोम में उपयोग किए जाने वाले तत्व जलन और संक्रमण का कारण बन सकते हैं। फ्लेवर्ड कंडोम के लयूब्रीकेंट में फ्लेवर मिलाया जाता है। फ्लेवर्ड कंडोम के विकल्प के रूप में फ्लेवर्ड ल्यूब (Flavoured Lueb) का उपयोग बिना लयूब्रीकेंट वाले कंडोम के साथ किया जा सकता है।’
डॉ. रिद्धिमा शेट्टी यदि आपके पार्टनर पेनिट्रेटिव सेक्स के लिए फ्लेवर्ड कंडोम का उपयोग कर रहे हैं, तो इसके लिए डॉक्टर मनाही करते हैं। फ्लेवर्ड कंडोम का इस्तेमाल केवल ओरल सेक्स के लिए किया जाता ((Flavoured Condom for Oral Sex) है। दरअसल, फ्लेवर्ड कंडोम में आर्टिफिशियल शुगर (Artificial Sugar) मौजूद होता है, जो योनि के पीएच स्तर को बाधित (Flavoured Condom affects Vaginal PH) कर देता है। यह फंगल और कभी-कभी बैक्टीरियल इन्फेक्शन का भी कारण बन (Flavoured Condom causes Bacterial Infection) सकता है।
ये नियमित कंडोम (Regular Condom) के समान होते हैं, लेकिन लयूब्रीकेंट में पसंदीदा फ्लेवर मिलाए जाते हैं। यह एक सामान्य परिवर्तन है, लेकिन अतिरिक्त स्वाद कंडोम के कार्य को थोड़ा बदल देता है। पेनिट्रेटिव सेक्स के दौरान नियमित कंडोम का ही उपयोग करना चाहिए।
सभी लयूब्रीकेंट ओरली निगलने के लिए सुरक्षित नहीं होते हैं। प्रयोग करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए और उपयोग किये जा रहे प्रोडक्ट का लेबल भी पढ़ना चाहिए। उचित लयूब्रीकेंट का उपयोग करना जरूरी है। तेल आधारित लयूब्रीकेंट लेटेक्स कंडोम (Latex Condom) के साथ अच्छी तरह से काम नहीं करते हैं। ये आम तौर पर मुंह में डालने के लिए भी सुरक्षित नहीं होते हैं। आयल कंडोम के रबर को कमजोर कर देती है और इसके टूटने का खतरा बढ़ जाता है।
डॉ. रिद्धिमा शेट्टी के अनुसार, यदि सही तरीके से उपयोग नहीं किया जाए, तो फ्लेवर्ड कंडोम सामान्य कंडोम की तुलना में जोखिम पैदा कर सकते हैं। इसके एनल या वेजाइनल सेक्स के दौरान टूटने, फटने और फिसलने का डर बना रहता है। इससे किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन या आकस्मिक गर्भावस्था की संभावना भी बन सकती है। फ्लेवर्ड कंडोम ओरल सेक्स के लिए हैं। इसलिए एक टूटा हुआ कंडोम आपको और आपके पार्टनर को एसटीआई (STI) के जोखिम में ला सकता है। एसटीआई के कारण हरपीज, गोनोरिया, ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPLV), ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV), एक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (AIDS) जैसे जानलेवा रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
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