बदलते लाइफस्टाइल और वातावरण में प्रेगनेंसी यानी कि चाइल्ड कंसीव करने में काफी परेशानी आ रही है। ऐसे में जब एक कपल बेबी प्लान करना चाहता है, तो वह हर मुमकिन तरीका अपनाता है। अक्सर हम फर्टिलिटी और कंसीव करने से जुड़ी कई तरह की बातें सुनते हैं। इनमें से कुछ सही तो कुछ सुनी सुनाई बातें भी होती हैं, जिसे हम मिथ कहते हैं। अक्सर लोग कंसीव करने के लिए तरह-तरह के सेक्स पोजिशन का सुझाव देते हैं, वहीं ऐसी ही कई बातें हैं, जिनके बारे में जानना बेहद जरूरी है। क्योंकि कई बार लोग इन्हीं बातों में आकर गलतियां कर देते हैं।
फर्टिलिटी और प्रेगनेंसी (pregnancy) से जुड़े ऐसे ही कुछ मिथ की सच्चाई जानने के लिए हेल्थ शॉट्स ने हेल्थ शॉट्स ने विद्या नर्सिंग होम, बिजनौर की अब्स्टेट्रिशन और गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर नीरज शर्मा से बात की। तो चलिए जानते हैं, इन मिथ की सच्चाई (Fertility myths)।
कंसीव करने के लिए अलग-अलग सेक्स पोजीशन से जुड़ी बातें हम हमेशा से सुनते आ रहे हैं। परंतु आपको बताएं कि इसका कोई साइंटिफिक प्रूफ नहीं है, यह एक बहुत बड़ा मिथ है। स्पर्म सर्विक्स के जितने नजदीक होगा फर्टिलिटी की संभावना उतनी ज्यादा होती है। अब ये आपके ऊपर है कि आप किस पोजीशन में अधिक कंफर्टेबल हैं। यह सुनिश्चित करना जरूरी हो सकता है, कि इंटरकोर्स के दौरान पेनिस पूरी तरह से पेनिट्रेट हो रहा हो। हेल्दी स्पर्म किसी भी सेक्स पोजीशन में एग के साथ फर्टाइल हो सकता है।
बहुत से लोगों का यह मानना है की कंसीव करने के लिए सलाइवा को लुब्रिकेंट की तरह इस्तेमाल करना चाहिए। आपको बताएं कि यह एक बहुत बड़ा मिथ है, सलाइवा स्पर्म किलर की तरह काम करता है। वहीं यह भी एक बहुत बड़ा सच है, कि ऑयल और केमिकल युक्त लुब्रिकेंट्स फर्टिलिटी फ्रेंडली नहीं होते।
यदि आप कंसीव करने का प्लान कर रही हैं, तो नेचुरल वेजाइनल लुब्रिकेंट से बेहतर और कुछ नहीं है। आपको किसी भी बाहरी लुब्रिकेंट का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं है।
यह एक बहुत बड़ा मिथ है कि ऑर्गेज्म कांसेप्शन की संभावना को बढ़ा देता है। बहुत से लोग इस थ्योरी पर भरोसा करते हैं, कि ऑर्गेज्म स्पर्म को पुल करता है, परंतु साइंस इस बात को अप्रमाणित करता है। सच यह है कि हेल्दी स्पर्म रिप्रोडक्टिव ट्रैक में ऑर्गेज्म या ऑर्गेज्म के बगैर दोनों ही रूप से ट्रेवल कर सकता है।
यह एक बड़ा मिथ है, जो ज्यादातर महिलाएं जानती हैं। कांट्रेसेप्टिव पिल्स पर कई रिसर्च किए गए हैं, साथ ही साथ लांग टर्म फर्टिलिटी पर भी इसके प्रभाव को मापा गया है और साइंटिफिक नजरिए से देखे तो फर्टिलिटी पर इसका किसी तरह का पर्मानेंट प्रभाव नहीं पड़ता है। यह मुमकिन हो सकता है कि आपके मेंस्ट्रूअल साइकिल को वापस से नॉर्मल होने में थोड़ा समय लगे और उस दौरान कांसेप्शन में डिले हो सकता है।
यह एक बहुत बड़ा मिथ है। यदि आप प्रेगनेंसी प्लान कर रही हैं, और कंसीव करना चाहती है, तो दो से चार दिन पर सेक्स करना चाहिए। खास करके जब आप ओव्यूलेटिंग हों, यानी की पीरियड्स आने के 12 से 16 दिन पहले। नियमित रूप से सेक्स करने से कम स्पर्म इजेकुलेट होता है। प्रयाप्त मेल सीमेन प्रोड्यूस हो इसके लिए सेक्स में दो से चार दिन का गैप रखना चाहिए।
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