डियर लेडीज, वेजाइनल डिस्‍चार्ज को लेकर परेशान हैं, तो इसे ध्‍यान से पढ़ें 

वेजाइनल डिस्‍चार्ज बहुत ही सामान्‍य है, पर कई बार महिलाएं इसे लेकर बहुत परेशान हो जाती हैं। इसलिए हम एक गायनेकॉलोजिस्‍ट को लेकर आए हैं, जो बताएंगी कि असल में कौन सा डिस्‍चार्ज हो सकता है ज्‍यादा गंभीर। 
mahilao ke beech yoni ya intimate area ka kalapan ek aam samasya hai
महिलाओं के बीच योनि या इंटीमेट एरिया का कालापन एक आम समस्या है। चित्र : शटरस्टॉक
प्रेरणा मिश्रा Updated: 10 Dec 2020, 14:02 pm IST
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योनि यानी वेजाइना के बारे में अब भी महिलाएं बहुत ज्‍यादा जागरुक नहीं हैं। वेजाइना संबंधी सबसे ज्‍यादा कंफ्यूजिंग प्रश्‍नों में से एक है वेजाइनल डिस्‍चार्ज। कुछ महिलाएं इसकी परवाह ही नहीं करतीं, तो कुछ जरूरत से ज्‍यादा परेशान हो जाती हैं। असल में क्‍यों होता है वेजाइनल डिस्‍चार्ज और क्‍या है इसकी वजह, इसके बारे में हमने बात की डॉ. अरुणा कालरा से।  

डॉ अरुणा कालरा सीके बिड़ला अस्पताल गुरुग्राम में डायरेक्‍टर ऑब्‍सट्रेटिक्‍स एंड गायनेकोलॉजिस्‍ट हैं। वे हमें अलग-अलग तरह के वेजाइनल डिस्‍चार्ज अर्थात योनि स्राव के बारे में बता रहीं हैं। 

आइए जानें विस्तार से वेजाइजनल डिस्‍चार्ज के बारे में :-

1.फिजियोलॉजिकल डिस्चार्ज 

फिजियोलॉजिकल डिस्चार्ज असामान्य डिस्चार्ज नहीं है, फिजियोलॉजिकल डिस्चार्ज ओव्यूलेटरी डिस्चार्ज हो सकता है, जो कि तीन या चार दिनों के लिए मिड सायकल के दौरान होते हैं।

वेजाइनल डिस्‍चार्ज आपकी सेहत के बारे में गंभीर संकेत देता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
वेजाइनल डिस्‍चार्ज आपकी सेहत के बारे में गंभीर संकेत देता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

जब महिलाओं में ओव्यूलेशन हो रहा होता है, तो आपकी वेजाइना से थोड़ा सा पानी डिस्चार्ज हो सकता है। लेकिन कभी-कभी अगर आपको लगता है कि यह पानी पीला आ रहा है तथा यह अधिक मात्रा में है,तो यह सामान्य नहीं है।

नवजात शिशुओं में भी वेजाइनल डिस्चार्ज हो सकता है जो मातृ हार्मोन के प्रभाव के कारण होता है। यह एस्ट्रोजन हार्मोन होता है तथा स्वयं ही कुछ दिनों के बाद गायब हो जाता है।

2. इनफेक्टिव डिस्चार्ज

सबसे पहले यह जानना आवश्यक होगा कि आपके वेजाइना में डिस्चार्ज हो रहा है, तो असल में वह किस तरह का है, आप अपनी वेजाइना में किस तरह का संक्रमण महसूस कर रही है, यह कैंडिडा या फंगल संक्रमण हो सकता है।  यह बैक्टीरियल या ट्राइकोमोनल संक्रमण हो सकता है या यह सिफलिस, गोनोरिया, क्लैमाइडिया या किसी भी प्रकार का वायरल संक्रमण हो सकता है। 

वॉटर डिस्चार्ज होने से वेजाइना में खुजली, जलन जैसी स्थितिया भी उत्पन्न हो सकती है। चित्र: शटरस्‍टॉक
वॉटर डिस्चार्ज होने से वेजाइना में खुजली, जलन जैसी स्थितिया भी उत्पन्न हो सकती है। चित्र: शटरस्‍टॉक

डॉ, कालरा कहती है कि, हमें इस बात में अंतर करना होगा कि आप किस तरह के संक्रमण का इलाज करा रहे हैं। यदि आपको फंगल संक्रमण हो रहा है, तो यह परतदार, रूखा हो सकता है और आपको वेजाइना में बहुत अधिक खुजली, जलन और सूखापन हो सकता है। परन्तु यदि आपको ट्राइकोमोनिअल या बैक्टीरियल डिस्चार्ज हो रहा है, तो यह हरा या पीला हो सकता है,जो आप अपनी वेजाइना में भरा हुआ महसूस करेंगे, आपको यूरिनरी या पेशाब करने में परेशानी होगी तथा फिर से खुजली के संकेत हो सकते है।

3.हर्पेटिक और सिफलिस डिस्चार्ज

हर्पेटिक और सिफलिस में आपके वल्वा पर पेरेनुन के चारों ओर पुटिका या अल्सर होते हैं। हर्पेटिक घाव बहुत तेज़ होते हैं। यह जलता है और काफी दर्दनाक हो सकता है, लेकिन सिफिलिटिक अल्सर दर्द रहित अल्सर हैं। इसलिए हमें अंतर जानना होगा कि आप किस तरह के संक्रमण की शिकार हैं। इसके लिए अलग तरह का इलाज होता है।

4.गोनरिया या क्लैमाइडिया डिस्चार्ज

इन संक्रमणों के लिए हमें या तो हाई वेजाइना स्वैब कल्चर टेस्ट करवाना पड़ता है या हमें ब्लड टेस्ट करावाना पड़ता है। हाई वेजाइनल स्वैब कल्चर बहुत महत्वपूर्ण टेस्ट है जो गोनोरिया के लिए अलग कल्चर है और क्लैमाइडिया के लिए दूसरी कल्चर।

हम आज भी वेजाइना पर बात करने से झिझकते हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक
हम आज भी वेजाइना पर बात करने से झिझकते हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

एक बार जब आप अपने वेजाइनल डिस्चार्ज में अंतर पता कर लेते  हैं, तो डॉ उसके अनुसार आपका इलाज करने की कोशिश करते हैं।

यह भी ध्‍यान रखें 

डॉ कालरा अंत में यही सुझाव देती है कि “जब आप यात्रा कर रहे हों या जब आप मासिक धर्म में हो, तब आप अपने शरीर में वेजाइनल वॉश का उपयोग कर सकती हैं, परन्तु वेजाइनल वॉश का उपयोग हर दिन करना सही नहीं हो सकता। यह आपकी योनि के पीएच लेवल में परिवर्तन कर सकता है और बार-बार होने वाले योनि संक्रमण का जोखिम भी बढ़ा देता है।”

वेजाइनल डिस्चार्ज बार बार हो रहा है, तो अपने साथी की भी कराए जांच। चित्र: शटरस्टॉक
वेजाइनल डिस्चार्ज बार बार हो रहा है, तो अपने साथी की भी कराए जांच। चित्र: शटरस्टॉक

 डॉ कालरा कहती है “यदि आपको बार-बार वेजाइना में संक्रमण का सामना करना पड़ रहा है, तो मुझे लगता है कि आपको अपने पार्टनर को भी जांच के लिए कहना चाहिए, क्योंकि यह आपके पार्टनर से मिला संक्रमण भी हो सकता है। 

लेकिन एक बार जब आपको संक्रमण हो जाता है, तो आपको हमेशा उचित एंटी बायोटिक कोर्स के लिए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

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