बरसात का मौसम अपने साथ कई तरह की समस्याएं लाता है। वातावरण में नमी और ह्यूमिडिटी के कारण शरीर में पसीना ठहरने लगता है। यह पसीना शरीर में कई तरह की समस्याओं को जन्म देने लगता है। ऐसे में खुजली, रैशेज और जलन होना आम बात है। यह समस्याएं शरीर के किसी भी अंग पर हो सकती हैं और आपको असहज महसूस करा सकती हैं। मगर अक्सर हम अपनी अपर बॉडी का ख्याल रखते हैं और लोअर बॉडी को भूल जाते हैं।
हम अपने ऊपरी शरीर के हिस्सों की अच्छी केयर करते हैं। जैसे अपने हाथों, कंधे, गले और चेहरे को हम अच्छे से साफ करते हैं, मॉइस्चराइज करते हैं और नहाने के दौरान भी इन्ही जगहों को रगड़ते हैं, ताकि शरीर में से बदबू न आए। मगर हमारी लोअर बॉडी का क्या? यदि गौर किया जाए तो सबसे ज़्यादा देखभाल हमारे इंटीमेट एरिया को ही चाहिए होती है।
थोड़ी सी भी गंदगी या इन्फेक्शन की वजह से हमारा वेजाइनल एरिया सबसे ज़्यादा और जल्दी प्रभावित होता है। मानसून में हमें सबसे ज़्यादा अपनी इंटीमेट हेल्थ का ख्याल रखना चाहिए।
जब सही हाइजीन की बात आती है तो आपको सबसे पहले इस बार पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए कि आपका वेजाइनल एरिया या प्यूबिक एरिया साफ है कि नहीं। सबसे पहले तो हर रोज़ नहाएं और अपने प्युबिक हेयर को ट्रिम करें। बालों की वजह से पसीना भी ज़्यादा आता है।
मानसून के दौरान नमी में वृद्धि से योनि में पीएच स्तर कम हो जाता है, जिससे महिलाओं को योनि संक्रमण होने का खतरा रहता है। मानसून के दौरान, योनि की अच्छी स्वच्छता बनाए रखना ज़रूरी है। बस अपने योनी को साफ पानी और साबुन से धो लें। डूशिंग से बचने की कोशिश करें। किसी भी संक्रमण की संभावना से बचने के लिए मानसून के मौसम में योनि क्षेत्र को सूखा और साफ रखना महत्वपूर्ण है।
जैसे आपके हाथ – पौरों को मॉइस्चराइजेशन की ज़रूरत होती है, ठीक उसी तरह आपके वेजाइनल एरिया को भी मॉइस्चराइज करना ज़रूरी है। यदि आप ऐसा नहीं करेंगी तो आपको ड्राइनेस, जलन, खुजली आदि जैसी समस्याएं आ सकती हैं।
बरसात के मौसम के दौरान, किसी भी तरह के संक्रामण को रोकने का सबसे अच्छा तरीका हर चार घंटे में सैनिटरी पैड, हर दो घंटे में टैम्पोन और हर आठ घंटे में मेंसट्रूअल कप को बदलें। रसायनों वाले वेट वाइप्स के बजाय सूखे वाइप्स का उपयोग करके अपने योनि क्षेत्र को सूखा रखें। हमेशा आगे से पीछे की तरफ पोछें और अतिरिक्त नमी को दूर रखने के लिए सादे टॉयलेट पेपर का उपयोग करें।
स्किनी जींस, टाइट शॉर्ट्स या टाइट अंडरवियर पहनने से बचना चाहिए, लेकिन मानसून के मौसम में यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। क्योंकि टाइट कपड़ों के साथ उच्च स्तर की नमी के कारण अत्यधिक पसीना आ सकता है। तंग कपड़ों और नमी की वजह से चकत्ते, योनि में संक्रमण और मूत्र पथ के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, सूती अंडरवियर पहनना फायदेमंद होता है जो आरामदायक होते हैं और जल्दी सूख जाते है।
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