बढ़ती उम्र कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इनमें से कुछ ऐसी भी होती हैं, जिन पर हमारे समाज में खुकर बात नहीं होती है। नहीं – नहीं हम महिलाओं से संबंधित समस्याओं के बारे में बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि इस फदर्स डे (Father’s Day) पर हम बात करेंगे उन स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जिनसे बढ़ती उम्र के पुरुष प्रभावित हो सकते हैं। अमूमन 50 की उम्र के बाद होने वाली इन स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में आपको भी जरूर जानना चाहिए। तभी आप उन्हें ठीक तरह से समझ कर, उनकी मदद कर पाएंगी। बेटियां सिर्फ पापा की परी नहीं होती, उनकी सपोर्टर भी होनी चाहिए।
हम फ़ीमेल हाइजीन के बारे में आजकल बात करने में खुद काफी कम्फर्टेबल महसूस करते हैं। खासकर, लड़कियां या महिलाएं तो हमेशा से ही अपनी परेशानी एक दूसरे से बांट लेती हैं, पूछ लेती हैं कि ” देखना कहीं मेरे कपड़ों पर पीरियड स्पॉट (Period Spot) तो नहीं लगा है”, एक दूसरे को इंटीमेट हाइजीन का ख्याल रखने की सलाह देती हैं। मगर पुरुषों के बीच आपने कभी इस तरह के कंवर्सेशन होते हुये नहीं सुने होंगे।
मगर इसमें गलती, उनकी नहीं है! गलती है उस समाज की जो मेल इमोशन्स को आज भी कमजोरी का नाम देता है। और उस परवरिश की, जिसमें माता-पिता नें अपने बेटों को भावनाएं और शारीरिक समस्याएं व्यक्त करना नहीं सिखाया है।
इसलिए आज फदर्स डे (Father’s Day 2022) पर हम आपको बताएंगे उन स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जो पुरुषों में 50 की उम्र के बाद आम हो जाती हैं (Common male problems in 50’s)। यह बीमारियां अंदरूनी है और आपके एजिंग फादर (Aging Father) को इस पर खुलकर बात करने में असहज महसूस करा सकती हैं। इसलिए ज़रूरी है कि आप इन बीमारियों के बारे में जानें और इनके लक्षणों को समझें, जिससे आपकी पिता का जल्द – से जल्द इलाज कराया जा सके।
प्रोस्टेट ग्लैंड एक पुरुष प्रजनन अंग है। यह तरल पदार्थ पैदा करता है जो शुक्राणु कोशिकाओं को खिलाता है और उनकी रक्षा करता है। 50 या 60 वर्ष की उम्र में प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ जाता है और आगे चलकर यह कैंसर का कारण बन सकता है। इसलिए नियमित जांच होना ज़रूरी है।
एक प्रोस्टेट डीजीज के होने से आपके पिता को पेशाब करने में तकलीफ, जलन, पेशान के दौरान खून आना या एक बार में ब्लैडर खाली न होने जैसी समस्याएं आ सकती हैं। इसलिए, यदि आपके पिता आजकल बार – बार बाथरूम के चक्कर लगा रहे हैं, तो थोड़ा ध्यान रखें। यह डायबिटीज़ का भी संकेत हो सकता है।
हर्निया तब होता है जब एक आंतरिक अंग या शरीर का अन्य हिस्सा मांसपेशियों या ऊतक की दीवार से बाहर निकलता है। अधिकांश हर्निया छाती और कूल्हों के बीच होते हैं। इसके कई प्रकार होते हैं, लेकिन मेयो क्लीनिक के अनुसार पुरुषों में फीमरल हर्निया ज़्यादा आम है।
अंदरूनी अंगों में सूजन इसका एक सीधा लक्षण है। इसके अलावा, भारी चीजों को उठाने में दर्द या झनझनाहट महसूस होना। हर्निया का कारण, ज़्यादा वज़न या मांसपेशियों में कमजोरी हो सकता है।
बुढ़ापे में बवासीर भी काफी आम समस्या है। इसका मुख्य कारण है कि शरीरिक गतिविधि नहीं हो पाती है, जिसकी वजह से कॉन्स्टीपेशन की समस्या हो जाती है। जिसकी वजह से आगे चलकर बवासीर हो जाती है। यह मलाशय और गुदा में सूजन, असुविधा और रक्तस्राव का कारण बनती हैं।
यदि आपके पिता को चलने में तकलीफ हो रही है, या उन्हें उठने – बैठने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है तो इस बात का ख्याल रखें।
तो लेडीज, आप भी इन स्वास्थ्य समस्याओं के लक्षणों को पहचानने की कोशिश करें और इसका इलाज करवाएं। क्योंकि अच्छी सेहत में किसी तरह का बायस नहीं होना चाहिए।
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