पीरियड के दौरान हेवी फ्लो, बैक पेन आम समस्या है। इस दौरान हार्मोनल चेंज भी अधिक होते हैं। इसलिए इस दौरान यूटीआई इन्फेक्शन भी अधिक होते हैं। ये पीरियड की समस्या को और बदतर बना देते हैं। लेकिन क्या यूटीआई और पीरियड के बीच कोई संबंध है? मासिक धर्म के दौरान क्या यूटीआई होने की संभावना अधिक होती है? यह जानने के लिए हमने बात की एक्सपर्ट से।
प्राइमस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, नई दिल्ली की कन्सल्टेंट ऑब्सटेट्रिशियन और गायनेकोलोजिस्ट डॉ. रश्मी बालियान बताती हैं, ‘ मूत्र पथ संक्रमण या यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (Urinary Tract Infection) एक आम बैक्टीरियल इन्फेक्शन है, जो हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करता है। यह तब होता है जब हानिकारक जीवाणु या बैक्टीरिया मूत्रमार्ग या मूत्राशय में प्रवेश करते हैं और वहां गुणा करने लग जाते हैं। जल्दी जल्दी यूरीन पास करने की इच्छा, पेशाब के दौरान जलन होना, थोड़ी मात्रा में पेशाब आना, पेशाब में तेज गंध होना, यूरीन में खून आना, पेल्विक रीजन के मध्य भाग में दर्द होना यूटीआई के लक्षण हैं। यदि इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो यूटीआई किडनी संक्रमण या ब्लड संक्रमण जैसी गंभीर स्थितियों का कारण बन सकता है।’
डॉ. रश्मी बालियान बताती हैं, ‘पीरियड के दौरान एस्ट्रोजन लेवल कम होता है। इससे यूटीआई होने की संभावना बढ़ जाती है। कुछ महिलाएं पीरियड के दौरान अधिक बार सेक्स करती हैं। दरअसल इस दौरान उनके गर्भवती होने की संभावना कम होती है। इसके कारण भी अधिक यूटीआई होता है। पीरियड के दौरान होने वाला तनाव यूटीआई का एक और कारण हो सकता है। मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य आपस में जुड़े हुए हैं। जब मासिक धर्म के हार्मोनल बदलावों के दौरान तनाव और चिंता का अनुभव किया जाता है, तो शरीर हाई कोर्टिसोल का निर्माण करता है। इससे प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है और संक्रमण से लड़ना मुश्किल हो जाता है। पीरियड्स के समय यूटीआई होने का कारण पैड और टैम्पोन भी हो सकता है। इसमें बैक्टीरिया जल्दी ग्रो कर सकते हैं। अंडरवियर नहीं बदलने से भी यह हो सकता है।’
पीरियड में देरी भी यूटीआई का कारण बन सकता है। गर्भावस्था सबसे संभावित विकल्प है। इसके अलावा थायराइड की स्थिति, तनाव, अत्यधिक वजन बढ़ना या वेट लॉस, मधुमेह और डिम्बग्रंथि रोग भी अवधि के समय को प्रभावित कर सकते हैं। पीरियड लेट होने पर गर्भावस्था परीक्षण कराय जा सकता है। गर्भवती नहीं होने पर डॉक्टर से बात की जा सकती है। वे समस्या का कारण निर्धारित करने में महिला की मदद कर सकते हैं।
टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (TSS) जैसे संक्रमणों से बचने के लिए पैड और टैम्पोन बदलने के महत्व के बारे में जानना जरूरी है। बार-बार पैड और टैम्पोन बदलने से यूटीआई की संभावना कम हो सकती है। पैड और टैम्पोन जल्दी बैक्टीरिया ग्रो कर सकते हैं और इसे यूरीनरी ट्रैक्ट में फैला सकते हैं। उन्हें बदलने से वह जोखिम कम हो जाता है।
ऐसे फेमिनिन केयर उत्पाद, जिनमें अच्छी सुगंध और मुलायम बनावट होती है, नहीं खरीदें। इनसे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। सिंथेटिक और सुगंध वाले केमिकल प्रोडक्ट यूरिनरी ट्रैक्ट को परेशान कर सकते हैं। हमेशा कॉटन, केमिकल-फ्री और सांस लेने वाले पैड और टैम्पोन प्रोडक्ट लें।
यूटीआई से बचने के लिए अच्छी यौन स्वच्छता महत्वपूर्ण है। यौन क्रिया के बाद पेशाब करने से मूत्र प्रणाली में मौजूद बैक्टीरिया बाहर आ सकते हैं। यदि यूटीआई से ग्रस्त हैं, तो सेक्स संबंधित संक्रमणों से बचने के लिए सेक्स के बाद दोनों पार्टनर स्नान करना शुरू कर दें। आगे से पीछे की ओर पोंछने से फेकल बैक्टीरिया को मूत्रमार्ग से बाहर रखने में मदद मिलती है।
नियमित रूप से अंडरवियर बदलना, यौन क्रिया के बाद पेशाब करना और हाथ धोना भी बैक्टीरिया को फैलने से रोकने में मदद कर सकता है।
यूटीआई और पीरियड्स दोनों के प्रबंधन के लिए हाइड्रेशन महत्वपूर्ण है। खूब पानी पीने से यूरीनरी ट्रैक्ट से बैक्टीरिया को बाहर निकालने और इससे छुटकारा पाने में मदद मिलती है। पीरियड के दौरान हाइड्रेशन सूजन और पीरियड क्रेम्प्स को कम कर सकती है।
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