पीरियड्स के दौरान ज्यादातर महिलाओं को पाचन संबंधी समस्याएं परेशान करना शुरू कर देती हैं। इनमें से सबसे कॉमन है ब्लोटिंग और कांस्टीपेशन की समस्या। पीरियड्स में महिलाओं को बार बार बाथरूम जाने का एहसास होता है, पर असल में लंबे समय तक बाथरूम में बैठने के बाद भी उनका पेट साफ नहीं होता। पीरियड्स में पेट काफी भरा हुआ और ब्लोटेड लगता है, साथ ही खाने की इच्छा भी कम हो जाती है। अगर आप भी पीरियड्स में कांस्टीपेशन से परेशान रहती हैं, तो आपको इस लेख को जरूर पढ़ना चाहिए। इस बारे में अधिक जानने के लिए हेल्थ शॉट्स ने मदरहुड हॉस्पिटल खारघर की गाइनेकोलॉजिस्ट और ऑब्सटेट्रिशियन कंसल्टेंट डॉक्टर सुरभि सिद्धार्थ से बात की। तो चलिए जानते हैं पीरियड्स और कांसेपशियन (constipation in periods) को लेकर क्या है एक्सपर्ट की राय।
पीरियड्स के कई अन्य लक्षणों की तरह, ये सुनिश्चित नहीं हैं कि पीरियड्स के दौरान कब्ज का कारण क्या है। लेकिन प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन हार्मोन में उतार-चढ़ाव संभवतः एक बड़ा कारण हो सकता है। कुछ अंडरलाइंग कंडीशंस भी इसमें एक अहम भूमिका निभाते हैं।
आपकी पीरियड्स शुरू होने से पहले, आपके शरीर में प्रोजेस्टेरोन का निर्माण होता है। यह आपके पाचन तंत्र को धीमा कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप संभवतः आपके पीरियड्स से ठीक पहले और उसके दौरान कब्ज हो सकता है।
कुछ स्वास्थ्य स्थितियां ऐसी हैं, जो आपके पीरियड्स के दौरान कब्ज के खतरे को बढ़ा देती हैं। इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (आईबीएस) और एंडोमेट्रियोसिस, दोनों ही पीरियड्स के दौरान, खासकर पहले कुछ दिनों में, कब्ज का खतरा बढ़ सकता है।
इस दौरान अपनी डाइट में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों की मात्रा को बढ़ा लें, इससे आपको कब्ज से राहत मिलेगी। ये खाद्य पदार्थों को पचाने में मदद करता है और आपके बॉडी में स्टूल पासेज को आसान बना देता है। खास कर पीरियड्स के दौरान जब हार्मोंस स्लो हो जाते हैं, तो फाइबर पाचन प्रक्रिया को सही से रेगुलेट होने में मदद करता है। बींस, सब, सब्जियां और अनाज जैसे फाइबर युक्त सुपरफूड्स को अपनी डाइट में शामिल करें।
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पीरियड्स के दौरान पेट ब्लोटेड होने से बहुत सी महिलाएं पानी के सेवन को सीमित कर लेती हैं। आपकी ये गलती आपको कब्ज का शिकार बना सकती है। ऐसे में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, इससे आप हाइड्रेटेड रहती हैं और आपका पाचन क्रिया भी सही से कार्य करता है। इससे खाद्य पदार्थ पूरी तरह से पच जाते हैं, और आपको मल त्याग करने में आसानी होती है।
अगर आपको बाथरूम जानें की इच्छा हो रही है, तो खुदको रोकें नहीं, जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी स्टूल को बाहर निकाल दें। अगर आप इसे रोकने की कोशिश करती हैं, तो इससे आपमें कब्ज का खतरा बढ़ जाता है। वहीं स्टूल होल्ड करने से कांस्टीपेशन और ज्यादा गंभीर हो सकता है।
अपच को ट्रिगर करने वाले खाद्य पदार्थ खाने से कब्ज की समस्या बढ़ सकती है। उन खाद्य पदार्थों से दूर रहने की कोशिश करें, जो आमतौर पर अपच का कारण बनते हैं। कैफीनयुक्त ड्रिंक, डेयरी उत्पाद, जंक फूड और अत्यधिक प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से भी बचना सुनिश्चित करें, क्योंकि ये कब्ज पैदा करने के लिए जाने जाते हैं।
प्रोबायोटिक्स जैसे दही, कोम्बुचा, किमची, आदि को अपनी डाइट में शामिल करें। यदि आप अपने मासिक धर्म के दौरान खराब पाचन का अनुभव करती हैं, तो आपको इसे अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। प्रोबायोटिक्स पाचन में मदद करते हैं, क्योंकि वे हमारी गट और आंत के बैक्टीरिया के बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।
कॉफी और चाय जैसे कैफीन युक्त ड्रिंक शरीर में डिहाइड्रेशन का कारण बन सकते हैं। अधिक मात्रा में कॉफी लेने से पानी पीने के बाद भी डिहाइड्रेशन हो सकता है। कैफीन युक्त ड्रिंक भी आक्रामक मल त्याग का कारण बन सकते हैं।
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