आपातकालीन गर्भ निरोधक गोलियों का ज्यादा सेवन आपके स्वास्थ्य पर पड़ सकता है भारी

क्या आप भी उन महिलाओं में से है जो अपनी प्रेगनेंसी रोकने या मासिक धर्म को नियंत्रित करने के लिए बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन करती है? यदि इसका जवाब हां है, तो आपको इसे बहुत ध्यान से पढ़ना चाहिए।
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लगातार गोलियों का सेवन करने से शरीर में पीरियड साइकल की तय समय सीमा फ्ल्कचुएट होने लगती है। चित्र: शटरस्टॉक
अदिति तिवारी Updated: 23 Oct 2023, 09:49 am IST
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गर्भपात से अच्छा है अनचाहे गर्भ को रोकना। इसके लिए बाज़ार में इस समय बहुत सारे विकल्प उपलब्ध हैं। इनमें युवतियां सबसे ज्यादा आपातकालीन गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन करती हैं। ये आपको उस अनचाही गर्भावस्था से बचा सकती हैं, जो असुरक्षित यौन संबंध के कारण आपको झेलनी पड़ सकती है। मगर लेडीज कोई भी गोली पूरी तरह सेफ नहीं होती। इसी तरह इन गोलियों का भी आपके स्वास्थ्य पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। अगर आप लगातार इमरजेंसी कंट्रासेप्टिव पिल्स का इस्तेमाल कर रहीं हैं, तो आपके लिए इसे पढ़ना जरूरी है। 

आज के समय आपके पास गर्भ निरोधक गोलियों के कई विकल्प हैं। इनका चयन करना आपका व्यक्तिगत निर्णय है। यदि आप यौन सक्रिय महिला हैं, तो इन गोलियों के सेवन करने पर विचार कर सकती हैं। लेकिन किस आधार पर इनका चयन करना चाहिए? क्या इसका अधिक सेवन आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है? अगर हां , तो क्या दुष्प्रभाव पैदा करती है यह गर्भ निरोधक गोलियां? आपके लिए यह जानना अब बहुत जरूरी हो गया है। 

किस आधार पर चुनें अपनी बर्थ कंट्रोल पिल 

हर तरह की गोली हर महिला के लिए सही नहीं होती। अपने डॉक्टर से बात करें कि कौन सी गोली आपके लिए सबसे अच्छा काम करेगी। कुछ अन्य कारक जिनका इन दवाओं के चयन करते समय ध्यान रखना चाहिए: 

  • आपके मासिक धर्म के लक्षण। 
  • क्या आप स्तनपान करा रही हैं?
  • आपके हृदय स्वास्थ्य की स्थिति। 
  • आपकी अन्य पुरानी स्वास्थ्य स्थितियां। 
  • अन्य दवाएं जो आप ले रहीं है। 
apne swasthya ke aadhar pr chune garbhnirodhak goliyan
अपने स्वास्थ्य के आधार पर चुने गर्भनिरोधक गोलियां। चित्र: शटरस्टॉक

क्या हो सकते हैं गर्भ निरोधक गोली लेने के बाद के लक्षण?

गर्भनिरोधक गोलियों में मौजूद हार्मोन कुछ महिलाओं में दुष्प्रभाव पैदा कर सकते हैं। लेकिन यह सभी के साथ नहीं होता है – बहुत से लोग बिना किसी समस्या के गोली का उपयोग करते हैं।

गोली शुरू करने के बाद, कुछ महिलाओं को हो सकता है:

  • सिर दर्द
  • चक्कर आना 
  • स्तनों में दर्द
  • आपके पीरियड्स में बदलाव (जल्दी, देर से, या गोली लेने के दौरान पूरी तरह से रुक जाना)
  • स्पॉटिंग (पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग या ब्राउन डिस्चार्ज)

अच्छी खबर यह है कि ये दुष्प्रभाव आमतौर पर 2-3 महीनों में दूर हो जाते हैं। इसलिए यदि आपने अभी-अभी गोली शुरू की है और आपके ऐसे दुष्प्रभाव हैं जो आपको परेशान करते हैं, तो इसे बाहर निकलने की कोशिश करें और अपने शरीर को हार्मोन के अनुकूल होने का मौका दें।

जन्म निरोधक गोलियों के 6 स्वास्थ्य संबंधी दुष्प्रभाव!

1. पीरियड्स के बीच स्पॉटिंग (Spotting)

ब्रेकथ्रू ब्लीडिंग या स्पॉटिंग का मतलब है कि मासिक धर्म के बीच योनि से रक्त निकलना। यह हल्की ब्लीडिंग या ब्राउन डिस्चार्ज जैसा लग सकता है। स्पॉटिंग गर्भनिरोधक गोलियों का सबसे आम दुष्प्रभाव है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपका शरीर हार्मोन के बदलते स्तरों के साथ तालमेल बिठा रही है।  तय अनुसार गोली लेना, आमतौर पर हर दिन और एक ही समय पर, आपके मासिक धर्म के बीच ब्लीडिंग को रोकने में मदद कर सकता है।

2. नॉज़ीआ या मतली (Nausea)

आप में से कुछ महिलाओं को पहली बार गोली लेते समय हल्की मतली का अनुभव होता है, लेकिन यह आमतौर पर कम हो जाता है। भोजन के साथ या सोते समय गोली लेने से आपको मदद मिल सकती है।

जन्म नियंत्रण गोली लेने से आपको हर समय बीमार महसूस नहीं होना चाहिए। यदि मतली गंभीर है या कुछ महीनों तक रहती है, तो अपने डॉक्टर से बात करना सबसे अच्छा है।

periods ke beech spotting ho sakta hai in goliyon ka dushprabhav
पिरियड्स के बीच स्पॉटिंग हो सकता है इन गोलियों का दुष्प्रभाव। चित्र: शटरस्‍टॉक

3. स्तन की कोमलता (Breast Tenderness)  

गर्भनिरोधक गोलियां लेना अक्सर स्तनों को कोमल महसूस कराता है, खासकर जब कोई व्यक्ति उन्हें लेना शुरू करता है। सपोर्टिव ब्रा पहनने से ब्रेस्ट की कोमलता को कम करने में मदद मिल सकती है। गोली में मौजूद हॉर्मोन आपके स्तन को बढ़ा भी सकते है। यदि आपको स्तन में गंभीर दर्द या अन्य स्तन परिवर्तन का अनुभव होता है तो शीघ्र अपने डॉक्टर से संपर्क करें। 

4. सिरदर्द और माइग्रेन (Migraine)

गर्भनिरोधक गोलियों में मौजूद हार्मोन सिरदर्द और माइग्रेन को पैदा कर सकते हैं या बढ़ा सकते हैं। एस्ट्रोजन (estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (progesterone) के स्तर में परिवर्तन माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है। इसके लक्षण डोज और गोली के प्रकार पर निर्भर कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, कम डोज वाली गोलियों से माइग्रेन के होने की संभावना कम होती है। दूसरी ओर, यदि आपका माइग्रेन पीएमएस (PMS)  से जुड़ा है, तो गोली लेने से उसके लक्षण कम हो सकते हैं।

5. वज़न बढ़ना 

जन्म नियंत्रण गोलियां अक्सर वजन बढ़ने के दुष्प्रभाव को बढ़ावा देती है। थ्योरी के अनुसार, इन गोलियों के सेवन से आपके शरीर में फ्लूइड, पानी , मांसपेशी, फैट, आदि जमा होने लगते है जिसके कारण वज़न बढ़ना स्वाभाविक है। 

aapko asahniya sirdard ya migraine ka bhi anubhav ho sakta hai
आपको असहनीय सिरदर्द या माइग्रेन का भी अनुभव हो सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

6. मूड में बदलाव होना 

हार्मोन आपके मूड और भावनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। गोली लेने से जो हार्मोन के स्तर में परिवर्तन होता है वो आपकी मूड को प्रभावित कर सकता है। यदि आप मूड परिवर्तन के बारे में चिंतित है, तो अपने डॉक्टर से बात कर सकती हैं। यदि लक्षण गोली लेने से जुड़े हैं, तो गोलियां बदलने से आपको मदद मिल सकती है।

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