जहां-जहां भी बाल हैं, वहां जूएं हो सकती हैं। हैरान हैं ? हां पर ये सच है। क्या आप जानती हैं कि जूं सिर्फ हमारे सर तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि हमारे प्राइवेट पार्ट में भी जूं का ख़तरा होता है। लेकिन घबराने की ज़रूरत नहीं क्योंकि इसे आसानी से रोका जा सकता है। सही जानकारी और जागरूकता से आप प्यूबिक लाइस से निपट सकते हैं।
जघन जूं भी सर के जूं की तरह ही होती है। सेन्टर ऑफ डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रीवेनशन द्वारा प्यूबिक लाइस इंफेक्शन को लेकर कई शोध किये गए हैं।
अपोलो क्लीनिक, पुणे में गायनेकोलॉजिस्ट के रूप में कार्यरत डॉक्टर चारू सूद के अनुसार प्यूबिक लाइस उतना कॉमन नहीं है मगर किशोर उम्र की लड़कियों में यह समस्या अक्सर देखी जा सकती है।
प्यूबिक लाइस का प्रमुख कारण किसी और इन्फेक्टेड व्यक्ति से शारीरिक सम्बन्ध बनाना होता है। CDC के अनुसार छोटे बच्चों और किशोरों में इनका होना सेक्सुअल एब्यूज़ का संकेत होता है।
इसके अतिरिक्त संक्रमित व्यक्ति के द्वारा इस्तेमाल किया हुआ तौलिया, अंडर-गारमेंट्स इत्यादि प्रयोग करने से भी यह फैल सकता है।
हालांकि टॉयलेट सीट से प्यूबिक लाइस ट्रांसफर होना काफी दुर्लभ है क्योंकि इंसान के शरीर के बाहर यह जूं ज्यादा देर जिंदा नहीं रह पाता है।
डॉ सूद कहती हैं, ” अगर आप होस्टल में रह रही हैं जहां बेडशीट्स इत्यादि समय-समय पर नहीं धुलती, तो भी आप प्यूबिक लाइस से इन्फेक्ट हो सकती हैं।”
1. प्राइवेट पार्ट्स में खुजली
2. हल्का बुख़ार
3. छोटे दाने या कीड़े के काटने के निशान
4. प्राइवेट पार्ट में जलन
इन लक्षणों के दिखते ही सचेत हो जाएं। लम्बे समय तक इस समस्या को अनदेखा करने से घाव भी बन सकते हैं।
डॉ सूद कहती हैं, ” यह जूं सर के जुओं से ज़्यादा महीन होते हैं। इसलिए इनका दिखाई देना लगभग नामुमकिन है। इसलिए लक्षणों के आधार पर ही डॉक्टर प्यूबिक लाइस इन्फेक्शन का इलाज करते हैं।”
आगे डॉ सूद बताती हैं कि पेरमेथ्रिन शैम्पू और लोशन बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन बिना डॉक्टर से राय लिए इन्हें इस्तेमाल ना करें। इन्फेक्टेड हिस्से को अच्छे से धो कर तौलिये से सूखा लें। फिर उस पर शैम्पू लगाकर 3 से 5 मिनट के लिए छोड़ दें। शैम्पू से धोने के बाद साफ कपड़े ही पहनें।
डॉक्टर सूद प्राइवेट पार्ट्स का खास ख़याल रखने की सलाह देती हैं।