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Pelvic floor : हर स्‍त्री को जानना चाहिए अपने शरीर के इस महत्‍वपूर्ण हिस्‍से के बारे में

पेल्विक फ्लोर आपकी उम्र और अवस्‍था के साथ कई बदलावों से गुजरता है। इसलिए जरूरी है कि आप इसके बारे में सब कुछ जानें।
Published On: 9 Jun 2021, 07:30 pm IST
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pelvc floor ko karein mazboot
अपने पेल्विक फ्लोर को मजबूत करें. चित्र : शटरस्टॉक

ऐसा कहा जाता है कि गर्भावस्था के बाद एक महिला का दूसरा जन्म होता है। महिलाओं के लिए मातृत्व भावनात्मक और शारीरिक रूप से बहुत सारे बदलाव लाता है। गर्भावस्था के दौरान उनका शरीर कई सारे परिवर्तनों से गुज़रता है और इसका असर उनके बाद के जीवन पर भी दिखाई देता है। शारीरिक बदलाव की बात करें तो प्रसव के दौरान पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां 300% से अधिक खिंच जाती हैं। जिसके बाद के जीवन पर प्रभाव पड़ता है पर उससे पहले यह समझना महत्वपूर्ण है कि पेल्विक फ्लोर क्या है!

क्या है पेल्विक फ्लोर

पेल्विक फ्लोर शरीर का वह हिस्सा है, जिसमें ब्लैडर, यूटेरस, वजाइना और रेक्टम होते हैं। ये हिस्सा महिलाओं के शरीर के सबसे अहम अंगों को सहेज कर रखता है और उन्हें सही तौर पर काम करने में मदद करता है। आपकी श्रोणि तल (पेल्विक फ्लोर) की मांसपेशियां, लिगामेंट और उत्तकों से बनी होती है। हालांकि यह काफी हद तक फ्लेक्सिबल होती हैं, मगर ज्यादा खिंचाव पड़ने पर यह मांसपेशियां कमज़ोर पड़ सकती हैं।

गर्भावस्था पेल्विक फ्लोर को कैसे प्रभावित करती है?

गर्भवती होने पर आपकी श्रोणि मांसपेशियों पर बहुत दबाव पड़ता है, जिसकी वजह से शिशु के जन्म से पहले ही ये कमजोर हो सकती हैं। गर्भावस्था के 12वें सप्ताह से ही आपकी श्रोणि तल कमजोर हो सकती है और इसमें खिंचाव हो सकता है। यहां तक कि प्रसव के बाद भी आपको कमज़ोर पेल्विक फ्लोर होने की वजह से कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है जैसे –

गर्भावस्था में पेल्विक फ्लोर में हो सकती हैं ये समस्याएं। चित्र- शटरस्टॉक
गर्भावस्था में पेल्विक फ्लोर में हो सकती हैं ये समस्याएं। चित्र- शटरस्टॉक

दर्द और खिंचाव
मांसपेशियां शिथिलता
मूत्र रोकने में दिक्कत
मूत्राशय में रिसाव

व्यायाम, हंसी, खांसना, छींकना, झुकना, उठाना, आदि मूत्राशय में रिसाव को ट्रिगर कर सकते हैं। जन्म देने के बाद 10 में से चार महिलाओं को मूत्र असंयम का अनुभव होता है।

प्रसव के बाद मूत्राशय के रिसाव को कैसे प्रबंधित करें:

अपने शरीर को कुछ हफ्तों तक पर्याप्त आराम देने के बाद, अपनी शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाएं।
हर रोज़ योग या व्यायाम करें।
साथ ही पेल्विक फ्लोर को मज़बूत करने की एक्सरसाइजेज करें।

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लेखक के बारे में
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं।

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