पेशाब या वीर्य से खून निकलना हो सकते हैं प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण, डॉक्टर से जानिए इसका कारण और बचाव के उपाय

प्रोस्टेट कैंसर (Prostate cancer) पुरुषों की रीप्रोडक्टिव हेल्थ को तो प्रभावित करता ही है लेकिन कई बार उनके लिए जानलेवा भी हो जाता है। लेकिन अगर सही समय पर इसे पहचान कर इलाज शुरू कर दिया जाए तो इससे छुटकारा मुमकिन है।
Prostate cancer
वक्त रहते अगर पहचाना ना जाए तो प्रोस्टेट कैंसर जानलेवा हो सकता है। चित्र - अडोबीस्टॉक
Published On: 25 Jan 2025, 08:00 pm IST

अंदर क्या है

  • क्या है प्रोस्टेट कैंसर
  • प्रोस्टेट कैंसर कब होता है
  • प्रोस्टेट कैंसर क्यों होता है
  • प्रोस्टेट कैंसर के कारण
  • प्रोस्टेट कैंसर का इलाज 

हर गुजरते दिन के साथ दुनिया भर में कैंसर के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। विज्ञान ने तरक्की की जरूर है और इसके इलाज के तरीके भी ढूंढे हैं, लेकिन कई बार कैंसर उस स्टेज पर होता है, जहां इलाज किसी काम का नहीं होता। पुरुषों में सबसे ज्यादा घातक माना जाने वाला ऐसा ही एक कैंसर हैं प्रोस्टेट कैंसर (Prostate cancer)। यह पुरुषों की रीप्रोडक्टिव हेल्थ को तो प्रभावित करता ही है, लेकिन लापरवाही करने पर जानलेवा भी साबित हो सकता है। आज हम इसी कैंसर के बारे में सब कुछ जानने और समझने की कोशिश करेंगे।

प्रोस्टेट कैंसर क्या है? (what is prostate cancer)

प्रोस्टेट सर्जन डॉक्टर राहुल अग्रवाल बताते हैं कि प्रोस्टेट कैंसर (Prostate cancer) एक प्रकार का कैंसर है जो पुरुषों की प्रोस्टेट ग्लैन्ड में होता है। ये ग्लैन्ड पुरुषों में स्पर्म प्रोडक्शन का काम करती है।

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महिलाओं में प्रोस्टेट कैंसर का उपचार संभव है, अगर इसका समय रहते पता लगा लिया जाता है। चित्र : अडोबीस्टाॅक

इस कैंसर से पीड़ित व्यक्ति में प्रोस्टेट ग्लैन्ड के सेल्स बहुत तेजी से बढ़ने लगते हैं। शुरुआत में इसके लक्षण नहीं भी दिख सकते हैं, लेकिन जैसे ही कैंसर बढ़ता है इसके लक्षण दिखाई देने शुरू हो जाते हैं।

प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण (Symptoms of Prostate Cancer)

1. पेशाब में परेशानी

पेशाब करते समय जलन महसूस होना, पेशाब की धार कमजोर होना या बार-बार पेशाब आना प्रोस्टेट कैंसर के लक्षणों में से एक है। कई बार पेशाब में रुकावट जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं यानी थोड़ा थोड़ा कर के पेशाब होने लगता है।

2. पेशाब या सेक्स के दौरान खून आना

इससे पीड़ित व्यक्तियों के पेशाब में खून आने जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। कई बार सेक्स के दौरान वीर्य में भी खून आने लगता है।

3. पेट, पीठ या कूल्हे में दर्द

आमतौर पर ये लक्षण कैंसर के शुरुआती दौर में नहीं दिखाई देता लेकिन जब कैंसर बढ़ने लगता है तो पेट या पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है। कई बार ये दर्द बहुत ज्यादा परेशानी देने वाला हो सकता है।

4. सेक्स इशूज

प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को सेक्स के दौरान भी परेशानी हो सकती है। उनमें इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

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5.थकान

ये हर तरह के कैंसर का कॉमन लक्षण है। बार बार थकान लगना और मेहनत वाला कोई काम करते ही सांस फूलने लगना और लगातार कमजोरी महसूस करना, प्रोस्टेट कैंसर के लक्षणों में से एक है।

प्रोस्टेट कैंसर के कारण (Causes of Prostate Cancer)

डॉक्टर राहुल के अनुसार, प्रोस्टेट कैंसर (Prostate cancer) के होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन कुछ प्रमुख कारणों के बारे में अब तक जो जानकारी मिली है, उसके हिसाब से ये कुछ कारण हो सकते हैं –

1.एज फैक्टर (Age is factor prostate cancer)

प्रोस्टेट कैंसर आमतौर पर 50 वर्ष और उससे ऊपर के पुरुषों में होता है। जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है, कैंसर का खतरा भी बढ़ता है। ये खतरा इसलिए बढ़ती उम्र के पुरुषों में ज्यादा होता है क्योंकि उम्र के साथ उनके शरीर में हार्मोनल चेंज तो होते ही हैं , लेकिन इसके साथ उनका इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो जाता है। जॉन हॉपकिंस मेडिसिन की एक रिपोर्ट के अनुसार  60 प्रतिशत पुरुष जिनमें प्रोस्टेट कैंसर पाया गया, वे सभी 65 वर्ष या उससे ज्यादा की उम्र के थे।

2.पारिवारिक इतिहास और नस्ल (Family History and Race also leads to prostate cancer)

अगर परिवार में किसी को प्रोस्टेट कैंसर हुआ है, तो उस व्यक्ति को भी इस बीमारी का खतरा हो सकता है। इसके अलावा युरोपियन यूरॉलॉजी की एक रिपोर्ट के अनुसार अफ्रीकी अमेरिकन नस्ल के लोगों में इसका खतरा ज्यादा होता है।

3. हार्मोन फैक्टर (Hormones cause prostate cancer)

दरअसल प्रोस्टेट ग्लैण्ड पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन नाम के हार्मोन पर डिपेंड होता है। शरीर में इसका लेवल बढ़ने से प्रोस्टेट कैंसर का खतरा भी बढ़ने लगता है।

4. प्रदूषण और लाइफस्टाइल (Pollution Causing prostate cancer)

प्रोस्टेट कैंसर को फैलने में दो चीजें मदद कर रही हैं। पहली तो प्रदूषण जो अब पूरी दुनिया की समस्या है और दूसरी लोगों की खराब लाइफस्टाइल.

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बढ़ते प्रदूषण के कारण प्रोस्टेट कैंसर के खतरे बढ़ते जा रहे हैं। चित्र – अडोबीस्टॉक

अमेरिकन असोसिएशन फॉर कैंसर रिसर्च की एक रिपोर्ट में  ये कहा भी गया है कि बढ़ता प्रदूषण लोगों में प्रोस्टेट कैंसर का एक बड़ा कारण है। खराब दिनचर्या यानी – वक्त पर न सोना, न जगना या फिर खाने में बहुत ज्यादा फास्ट फूड चुनना, ये सब वजहें प्रोस्टेट कैंसर के कारणों में से एक हैं

प्रोस्टेट कैंसर से बचाव (Prevention of Prostate Cancer)

  1. स्वस्थ खाना (Healthy Diet)

अपने खाने में ज्यादा फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज शामिल करें। ज्यादा मसालेदार, तला-भुना खाना और खाने में बहुत ज्यादा फैट से बचें।

2. व्यायाम (Regular Exercise) 

व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लें। इससे फायदा ये होगा कि आपका वजन नियंत्रित रहेगा और इससे कैंसर (Prostate cancer) के खतरे भी कम होंगे क्योंकि मोटापा प्रोस्टेट कैंसर के खतरों को बढ़ाता है।

3. स्मोकिंग और शराब से बचें (Avoid Smoking and Alcohol)

ये तो कहने की भी बात नहीं कि शराब और स्मोकिंग जैसी चीजें कैंसर के खतरे को बढ़ाती हैं। तो बस इनसे दूर रहें ताकि कैंसर आपसे दूर रहे।

4. नियमित जांच (Regular Screening)

यदि आप 50 साल के ऊपर के हैं तो कोशिश करिए कि प्रोस्टेट कैंसर (Prostate cancer) की रेगुलर जांच हो सके। साल भर या 6 महीने के अंतराल पर तो जांच जरूर करवाते रहें।

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यदि आप 50 साल के ऊपर के हैं तो कोशिश करिए कि प्रोस्टेट कैंसर (Prostate cancer) की रेगुलर जांच हो सके।चित्र- शटर स्टॉक

इससे फायदा ये होगा कि अगर आप इस कैंसर की जद में भी आए तो अर्ली डायग्नोस हो जाने की वजह से आपके इलाज में आसानी होगी। इसलिए नियमित जांच कराना चाहिए। यह कैंसर के लक्षणों को जल्दी पहचानने में मदद करता है।

5. तनाव से बचाव (Stress Management) 

तनाव आज के जीवन में आम बन चुका है लेकिन ये किसी भी बीमारी से लड़ने या बीमारी से बचने के लिए हमारी इम्यून सिस्टम की ताकत को कम करता है। इसलिए तनाव कम लें, खास कर बढ़ती उम्र के साथ, जब इस कैंसर के खतरे ज्यादा हों।

प्रोस्टेट कैंसर का इलाज (Treatment of Prostate Cancer)

1. सर्जरी (Surgery)

अगर कैंसर (Prostate cancer) सीमित है तो प्रोस्टेट ग्रंथि को पूरी तरह से हटा दिया जाता है। इस प्रक्रिया को प्रोस्टेटेक्टोमी कहा जाता है। डॉक्टर अमूमन सर्जरी का ऑप्शन तब चुनते हैं जब कैंसर का शुरुआती स्टेज हो और इलाज सर्जरी के जरिए मुमकिन हो।

2. रेडियोथेरेपी (Radiotherapy)

इलाज के इस तरीके में हाई एनर्जी किरणों का इस्तेमाल करके कैंसर सेल्स को खत्म करने की कोशिश की जाती है। अगर इलाज सर्जरी के जरिए संभव ना हो तब डॉक्टर्स इस तरीके का सहारा लेते हैं।

3.हार्मोन थेरेपी (Hormone Therapy)

अभी हमने प्रोस्टेट कैंसर (Prostate cancer) के कारणों के बारे में जाना कि हाई टेस्टोस्टेरॉन लेवल की वजह से भी ये कैंसर जन्म ले सकता है। तो हार्मोन थेरेपी के जरिए टेस्टोस्टेरोन को कम किया जाता है ताकि कैंसर सेल्स की बढोतरी को रोका जा सके। ड्यूक हेल्थ नाम की एक संस्था की रिपोर्ट के अनुसार ये पाया गया कि उन व्यक्तियों में जिनमें प्रोस्टेट कैंसर अर्ली स्टेज पर है, टेस्टोस्टेरॉन लेवल को ब्लॉक करके कैंसर से निपटा जा सकता है।

4. कीमोकैमिकल (Chemotherapy)

अगर कैंसर (Prostate cancer) अधिक बढ़ चुका हो और ऊपर के तीनों तरीकों से कंट्रोल होने की उम्मीद ना दिख रही हो तब कीमोथेरेपी का सहारा लिया जाता है। इस थेरेपी में कैंसर सेल्स को नष्ट करने के लिए मरीज को दवाइयां दी जाती हैं। नियंत्रित न हो, तो कीमोथेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए दवाइयां दी जाती हैं।

5. इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy in Prostate cancer)

कैंसर (Prostate cancer) के इलाज की दुनिया में अभी ये तरीका नया है जिसमें अपने शरीर के ही इम्यून सिस्टम को इस कैंसर से लड़ने के लिए सक्रिय किया जाता है। हालांकि इलाज का ये तरीका अभी रिसर्च के लेवल पर ही है लेकिन कुछ मामलों में ये कारगर हो सकता है।

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लेखक के बारे में
राेहित त्रिपाठी
राेहित त्रिपाठी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक और लिखने-पढ़ने की आदत। रेख्ता, पॉकेट एफएम, राजस्थान पत्रिका और आज तक के बाद अब हेल्थ शॉट्स के लिए हेल्थ, फिटनेस, भारतीय चिकित्सा विज्ञान और मनोविज्ञान पर रिसर्च बेस्ड लेखन।

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