बाल, आंखें, त्वचा, हम सभी पर ध्यान देते हैं। और जानते हैं कि इन्हें स्वस्थ रखने के लिए जरूरी विटामिन्स को आहार में शामिल करना आवश्यक है। पर क्या आप जानती हैं कि आपकी योनि में हो रही समस्याओं के लिए भी विटामिनों की कमी जिम्मेदार हो सकती है। जी हां, आप इसे उम्र या हाइजीन से जोड़ कर देख रही होंगी। पर वास्तव में उचित मात्रा में आवश्यक विटामिन न मिलने के कारण भी आपकी वेजाइनल हेल्थ प्रभावित हो सकती है। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ फूड्स के बारे में जो आपके योनि स्वास्थ्य (Vitamin for vaginal health) के लिए जरूरी हैं।
अक्सर कई कारणों से हमारी योनि स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। कभी-कभी स्टोर में मिलने वाले खराब ल्यूब के इस्तेमाल से योनि में ड्राईनेस आ जाती है, तो कभी कॉमन वाशरूम के इस्तेमाल से बैक्टीरियल इन्फेक्शन का सामना करना पड़ता है। कभी-कभार पार्टनर के गलत कंडोम के चुनाव के कारण भी योनि प्रभावित हो जाती है। जबकि कभी-कभी पोषण की कमी भी इसे प्रभावित कर सकती है।
सेक्सोलोजिस्ट बताते हैं कि जिस तरह शरीर को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन के स्रोतवाले खाद्य पदार्थ लिए जाते हैं, उसी प्रकार योनि को भी हेल्दी रखने के लिए विटामिन से भरपूर खाद्य पदार्थ लेना चाहिए। विटामिन योनि स्वास्थ्य के लिए(Vitamin for Vaginal Health) जरूरी है।
ए एम एडिओला की किताब “हेल्दी वेजाइना : अनकेम्पट फूड्स फॉर वेजाइना हेल्थ” में बताया गया है कि वेजाइना शरीर का सबसे सेंसिटिव और कोमल एरिया है। इसे हेल्दी रखने और प्रॉपर फंक्शन के लिए विटामिन जरूरी है। विटामिन नार्मल सेल फंक्शन में मदद करते हैं। इसकी कमी से ही कई तरह की समस्याएं जैसे कि योनि में ड्राईनेस(Dryness), खुजली(itching) और बदबू(Bad odour) की समस्या भी होने लगती है। इसलिए वेजाइनल हेल्थ के लिए विटामिन (Vitamins are necessary for Vaginal Health) जरूरी है। खासकर विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन ई और विटामिन डी योनि स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी हैं।
ए एम एडिओला अपनी किताब वेजाइना हेल्थ… में बताते हैं कि वेजाइना की लाइनिंग म्यूकस मेम्ब्रेन बनाती है। इसकी वजह से ही योनि में नमी बनी रहती है। लाइनिंग कोलाजेन प्रोडक्शन को भी बढ़ावा देती है। इसके लिए विटामिन ए बेहद जरूरी है।
विटामिन ए वाले फ़ूड में मौजूद बीटा केरोटीन कमपाउंड ड्राईनेस दूर कर देता है। हरी पत्तेदार सब्जियों, गाजर, ब्रोकली, केल आदि में विटामिन ए होता है। इन सभी के आहार में शामिल करने के बावजूद यदि आपको दिक्कत महसूस हो रही है, तो डॉक्टर से कंसल्ट कर विटामिन ए सप्लीमेंट भी ले सकती हैं।
वेजाइना से कई प्रकार की सीक्रेशन होते रहते हैं। इससे योनि नमीयुक्त बनी रहती है और हर प्रकार के इन्फेक्शन से दूर रहती है। विटामिन बी की कमी से हार्मोनल इम्बैलेंस और इम्यून सिस्टम के कमजोर होने का खतरा बना रहता है। इस जरूरी विटामिन की पूर्ति के लिए आपको अपने आहार में पनीर, आलू, पोल्ट्री, फिश और आदि को नियमित रूप से आहार में शामिल करना चाहिए। ध्यान रखें कि इन चीज़ों के सेवन में संतुलन जरूर होना चाहिए। इनके अधिक सेवन से पेट दर्द और दूसरी समस्या होने की संभावना बनी रहती है।
पेरी मीनोपॉज (Perimenopause) या पोस्ट मीनोपोज(Post menopause) के दौरान होने वाली हर समस्या का इलाज है विटामिन ई के पास। विटामिन ई से भरपूर खाद्य पदार्थों के ज्यादा सेवन से कोई दिक्कत नहीं होती है। वहीं विटामिन ई वाले सप्लीमेंट्स के ज्यादा सेवन से ब्लीडिंग अधिक हो सकती है। इसलिए इसके इस्तेमाल से पहले सचेत होना जरूरी है।
किसी भी प्रकार के नट्स, सीड्स, फ्रूट, विटामिन ई की कमी को दूर करते हैं। कद्दू और सूर्यमुखी के बीज विशेष रूप से इसमें कारगर हैं।
हड्डियों को मजबूती देने वाला यह विटामिन वेजाइना के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है। स्टडी बताती हैं कि जिन बुजुर्ग महिलाओं ने विटामिन डी के स्रोत वाले फूड को अपने आहार में शामिल किया, उनके वेजाइना में होने वाली ड्राईनेस को नियंत्रित किया जा सका।
गाय का दूध, एग योक, ओटमील, वीगन मिल्क, सैल्मन, ऑरेंज जूस आदि के सेवन से विटामिन डी की जरूरत को पूरा किया जा सकता है।
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