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झिझकिये नहीं, सम्भव है इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का इलाज़, एक एक्सपर्ट बता रहे हैं कैसे

हेल्दी सेक्स लाइफ दो मिनट में तैयार होने वाले नूडल्स नहीं हैं। ये आपकी शारिरिक, मानसिक, भावनात्मक और संबंधों की सेहत से भी जुड़े होते हैं। अगर आपका पार्टनर इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile dysfunction) का सामना कर रहा है, तो सबसे पहले इस पर मौजूद शर्मिंदगी को दूर करना जरूरी है।
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन अन्य समस्याओं की तरह एक स्वास्थ्य समस्या है, जिसका उपचार किया जा सकता है। चित्र : अडोबीस्टॉक
Published On: 28 Nov 2024, 08:00 pm IST

शरीर का कोई भी विकार हो,उसे तुरन्त एड्रेस किया जाए और डॉक्टर के सामने खुल कर अपनी समस्या बताई जाए, तो निदान सम्भव है। पर अगर उसे छुपाया जाए, तो न केवल उसका उपचार मुश्किल हो जाता है, बल्कि यह आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक हो सकता है। न सिर्फ आपके लिए, बल्कि आपके पार्टनर के लिए भी। स्वभाविक है इसका असर रिश्तों पर भी पड़ सकता है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile dysfunction) ऐसी ही एक समस्या है। है तो यह पुरुषों की बीमारी, मगर यह महिलाओं में भी तनाव और खराब रिश्ते का कारण बन सकती है। आम बोलचाल या शार्ट में इसे ईडी (ED) भी कहते हैं।

करोंड़ों में है इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से जूझ रहे लोगों की संख्या 

पेस हॉस्पिटल के एक आंकड़े के अनुसार साल 1995 तक दुनिया भर में इससे पीड़ित पुरुषों की संख्या 15.2 करोड़ थी। और अनुमान कहता है इस साल ये संख्या 32.2 करोड़ हो जाएगी। यानी कई देशों की आबादी के बराबर दुनिया भर में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से पीड़ित लोग होंगे। NCBI की एक रिपोर्ट कहती है कि 20 से 29 वर्ष के 8 फीसदी पुरुष इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से प्रभावित हैं।

क्या है इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile dysfunction)?

इस समस्या से जूझ रहे पुरुषों का पेनिस सेक्स के अनुकूल नहीं हो पाता। ऐसे में पीड़ित व्यक्ति यौन संबंध बनाने में नाकाम रहता है। जाहिरन, इस वजह से पीड़ित लोगों के दाम्पत्य जीवन या फिर यौन संबंधों में दिक्कतें होती हैं।

डॉक्टर के परामर्श से और सही तरीका अपना कर इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से बचा जा सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के कारण (Causes of Erectile dysfunction)

वरिष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. ईश्वर पी गिलाडा के अनुसार इस बीमारी का कोई एक कारण नहीं। ना ही इसके पीछे केवल शारिरिक वजहें हैं। मानासिक रूप से तनाव, अजीबोगरीब लाइफस्टाइल ये वजहें हैं कि अब 20 से 30 साल के लोग भी इस समस्या से जूझ रहे हैं। पहले इसकी औसत उम्र 50+ थी लेकिन अब युवा भी इसकी ज़द में आ रहे हैं। अल्कोहल कंजम्पशन, स्मोकिंग की बहुतायत भी इस बीमारी की प्रमुख वजह है।

डायबिटीज भी आपकी सेक्स लाइफ और इरेक्शन पर असर डालता है। बढ़ा हुआ ब्लड शुगर लेवल नसों को नुक़सान पहुंचाता है जिसके कारण बाकी नसों के साथ-साथ रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स की नसें भी प्रभावित हो सकती हैं।

डॉ गिलाडा कहते हैं कि पुरुषों के रिप्रोडक्टिव ऑर्गन में ब्लड सप्लाई नहीं होने से या नसों के सूख जाने से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन होता है।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के लक्षण (Signs of Erectile dysfunction)

  1. इरेक्शन में मुश्किल
  2. लंबे समय तक इरेक्शन न बनाए रख पाना
  3. सेक्स ड्राइव में कमी
  4. खुद से शर्मिंदा रहना

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को कैसे ठीक किया जा सकता है (How to treat erectile dysfunction)

1 परफॉर्मेंस प्रेशर से बचें 

कई सर्वेज में बहुत सारे लोगों ने ये बात स्वीकारी है कि सेक्स के दौरान परफॉर्मेंस न हो पाने की चिंता उन्हें सताती है। यही चिंता उन्हें इस बीमारी तक पहुंचाती है।

डॉक्टर्स कहते हैं कि आदर्श स्थिति की कल्पना करके लोगों ने खुद को इस मुकाम तक पहुंचाया है। अगर कोई भी इस समस्या से जूझ रहा है तो सबसे पहले उसे इस डर से पार पाना होगा कि उसकी सेक्स परफॉर्मेंस अच्छी नहीं है। या वो अपने पार्टनर को संतुष्ट नहीं कर पा रहा है।

2 डॉक्टर से परामर्श करें 

मर्दवादी दम्भ से निकलकर बीमारी स्वीकार कर डॉक्टर से परामर्श लेना ही इसका इलाज है। बहुत सारे पुरुषों में यह पाया गया है कि वह अगर यह स्वीकार लेंगे कि उनमें सेक्स से जुड़ा कोई डिसऑर्डर है तो इससे उनका कद घट जाएगा। इसी वजह से वे डॉक्टर के पास जाने से भी डरते हैं। डॉक्टर के पास जा कर समुचित इलाज़ लेना ही एकमात्र विकल्प है।

लगभग 3 प्रतिशत ने मध्यम से गंभीर ईडी का अनुभव किया। चित्र : एडॉबीस्टॉक

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का इलाज़ मेडिकल सेक्टर में कुछ हद तक सम्भव हुआ है। सर्जरी से लेकर दवाईयां भी बाज़ार में उपलब्ध है। लेकिन हां, फ़र्ज़ी हकीम के झांसे में ना आते हुए दवाईयां लें।

3. प्रोस्टेटिक आर्टरी एम्बोलिजेशन

डॉक्टर ईश्वर पी गिलाडा कहते हैं कि प्रोस्टेटिक आर्टरी एम्बोलिजेशन (पीएई) के जरिये भी इसका इलाज हो सकता है। बिना मरीज़ को दर्द हुए इस तकनीक से सर्जरी एक एडवांस प्रक्रिया है। ख़ास बात यह है कि इस तकनीक में खर्च भी बहुत ज़्यादा नहीं है। बहुत सारे इरेक्टाइल इंफेक्शन से पीड़ित मरीज़ एडवांस मिनिमली इनवेसिव सर्जरी (एमआईएस) के जरिए अपना रोग निदान करवा रहे हैं।

4. जिनसेंग की मदद से 

आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज़ में जिनसेंग नाम का एक पौधा भी कारगर पाया गया है। जिनसेंग बॉडी में रक्त संचार बढाने में मदद करता है जिसकी वजह से पुरुषों के प्राइवेट पार्ट्स में भी मौजूद दिक्कतें दूर होती हैं।

कुल मिला कर इरेक्टाइल इंफेक्शन का इलाज पूरी तरह मुमकिन है। बशर्ते,जागरूकता दिखा कर सही डॉक्टर और सही इलाज तक पहुंचा जाए।

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लेखक के बारे में
राेहित त्रिपाठी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक और लिखने-पढ़ने की आदत। रेख्ता, पॉकेट एफएम, राजस्थान पत्रिका और आज तक के बाद अब हेल्थ शॉट्स के लिए हेल्थ, फिटनेस, भारतीय चिकित्सा विज्ञान और मनोविज्ञान पर रिसर्च बेस्ड लेखन।

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