शरीर का कोई भी विकार हो,उसे तुरन्त एड्रेस किया जाए और डॉक्टर के सामने खुल कर अपनी समस्या बताई जाए, तो निदान सम्भव है। पर अगर उसे छुपाया जाए, तो न केवल उसका उपचार मुश्किल हो जाता है, बल्कि यह आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक हो सकता है। न सिर्फ आपके लिए, बल्कि आपके पार्टनर के लिए भी। स्वभाविक है इसका असर रिश्तों पर भी पड़ सकता है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile dysfunction) ऐसी ही एक समस्या है। है तो यह पुरुषों की बीमारी, मगर यह महिलाओं में भी तनाव और खराब रिश्ते का कारण बन सकती है। आम बोलचाल या शार्ट में इसे ईडी (ED) भी कहते हैं।
पेस हॉस्पिटल के एक आंकड़े के अनुसार साल 1995 तक दुनिया भर में इससे पीड़ित पुरुषों की संख्या 15.2 करोड़ थी। और अनुमान कहता है इस साल ये संख्या 32.2 करोड़ हो जाएगी। यानी कई देशों की आबादी के बराबर दुनिया भर में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से पीड़ित लोग होंगे। NCBI की एक रिपोर्ट कहती है कि 20 से 29 वर्ष के 8 फीसदी पुरुष इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से प्रभावित हैं।
इस समस्या से जूझ रहे पुरुषों का पेनिस सेक्स के अनुकूल नहीं हो पाता। ऐसे में पीड़ित व्यक्ति यौन संबंध बनाने में नाकाम रहता है। जाहिरन, इस वजह से पीड़ित लोगों के दाम्पत्य जीवन या फिर यौन संबंधों में दिक्कतें होती हैं।
वरिष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. ईश्वर पी गिलाडा के अनुसार इस बीमारी का कोई एक कारण नहीं। ना ही इसके पीछे केवल शारिरिक वजहें हैं। मानासिक रूप से तनाव, अजीबोगरीब लाइफस्टाइल ये वजहें हैं कि अब 20 से 30 साल के लोग भी इस समस्या से जूझ रहे हैं। पहले इसकी औसत उम्र 50+ थी लेकिन अब युवा भी इसकी ज़द में आ रहे हैं। अल्कोहल कंजम्पशन, स्मोकिंग की बहुतायत भी इस बीमारी की प्रमुख वजह है।
डायबिटीज भी आपकी सेक्स लाइफ और इरेक्शन पर असर डालता है। बढ़ा हुआ ब्लड शुगर लेवल नसों को नुक़सान पहुंचाता है जिसके कारण बाकी नसों के साथ-साथ रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स की नसें भी प्रभावित हो सकती हैं।
डॉ गिलाडा कहते हैं कि पुरुषों के रिप्रोडक्टिव ऑर्गन में ब्लड सप्लाई नहीं होने से या नसों के सूख जाने से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन होता है।
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को कैसे ठीक किया जा सकता है (How to treat erectile dysfunction)
कई सर्वेज में बहुत सारे लोगों ने ये बात स्वीकारी है कि सेक्स के दौरान परफॉर्मेंस न हो पाने की चिंता उन्हें सताती है। यही चिंता उन्हें इस बीमारी तक पहुंचाती है।
डॉक्टर्स कहते हैं कि आदर्श स्थिति की कल्पना करके लोगों ने खुद को इस मुकाम तक पहुंचाया है। अगर कोई भी इस समस्या से जूझ रहा है तो सबसे पहले उसे इस डर से पार पाना होगा कि उसकी सेक्स परफॉर्मेंस अच्छी नहीं है। या वो अपने पार्टनर को संतुष्ट नहीं कर पा रहा है।
मर्दवादी दम्भ से निकलकर बीमारी स्वीकार कर डॉक्टर से परामर्श लेना ही इसका इलाज है। बहुत सारे पुरुषों में यह पाया गया है कि वह अगर यह स्वीकार लेंगे कि उनमें सेक्स से जुड़ा कोई डिसऑर्डर है तो इससे उनका कद घट जाएगा। इसी वजह से वे डॉक्टर के पास जाने से भी डरते हैं। डॉक्टर के पास जा कर समुचित इलाज़ लेना ही एकमात्र विकल्प है।
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का इलाज़ मेडिकल सेक्टर में कुछ हद तक सम्भव हुआ है। सर्जरी से लेकर दवाईयां भी बाज़ार में उपलब्ध है। लेकिन हां, फ़र्ज़ी हकीम के झांसे में ना आते हुए दवाईयां लें।
डॉक्टर ईश्वर पी गिलाडा कहते हैं कि प्रोस्टेटिक आर्टरी एम्बोलिजेशन (पीएई) के जरिये भी इसका इलाज हो सकता है। बिना मरीज़ को दर्द हुए इस तकनीक से सर्जरी एक एडवांस प्रक्रिया है। ख़ास बात यह है कि इस तकनीक में खर्च भी बहुत ज़्यादा नहीं है। बहुत सारे इरेक्टाइल इंफेक्शन से पीड़ित मरीज़ एडवांस मिनिमली इनवेसिव सर्जरी (एमआईएस) के जरिए अपना रोग निदान करवा रहे हैं।
आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज़ में जिनसेंग नाम का एक पौधा भी कारगर पाया गया है। जिनसेंग बॉडी में रक्त संचार बढाने में मदद करता है जिसकी वजह से पुरुषों के प्राइवेट पार्ट्स में भी मौजूद दिक्कतें दूर होती हैं।
कुल मिला कर इरेक्टाइल इंफेक्शन का इलाज पूरी तरह मुमकिन है। बशर्ते,जागरूकता दिखा कर सही डॉक्टर और सही इलाज तक पहुंचा जाए।
यह भी पढ़ें – ठंडा मौसम आपकी सेक्स लाइफ को प्रभावित कर रहा है, तो इन 7 तरीकों से बढ़ाएं सेक्स टाइम
सेChat करें