हमें बचपन से अपने आपको छुपाना और अपनी निजी बातों का शेयर न करने की सलाह दी जाती है। यही वजह है कि हम अपने शरीर के बारे में भी बहुत कुछ नहीं जानते। विज्ञापनों में दिखती पॉलिश्ड-चमकती स्त्री देह हमें खुद पर शर्मिंदा करने के लिए बाध्य करती है। जबकि यह वास्तविकता नहीं है। असल में हम सभी का शरीर एक जैसा है और हम जिसे शर्मिंदा होकर छुपा रहे हैं, वास्तव में यह इस शरीर की सच्चाई है। महिलाओं के शरीर के बारे में ऐसी ही कुछ वास्तविकताओं पर बात (facts about women’s body) कर रहीं हैं सेलिब्रिटी गायनेकोलोजिस्ट और ऑब्सटेट्रिक्स डॉ. रिद्धिमा शेट्टी। ताकि आप खुद पर शर्म से उभर कर गर्व कर सकें।
प्यूबर्टी एज गेन करने के बाद हमारे शरीर में कई परिवर्तन होते हैं। इन परिवर्तनों के कारण हम परेशान भी होते हैं। खासकर एडोलेसंस एज में। हमें लगता है कि शारीरिक परिवर्तन शरीर की कुछ खामियों के कारण हो रहे हैं। जो दूसरे लोगों में नहीं हो रहे हैं। जबकि शरीर में आने वाले बदलाव सामान्य हैं, जो हर किसी व्यक्ति में होते हैं। गायनेकोलोजिस्ट डॉ. रिद्धिमा शेट्टी महिलाओं के शरीर में होने वाले उन 5 शारीरिक परिवर्तनों, उनके कारण और उन्हें कैसे डील किया (don’t be ashamed of physical change) जाये, के बारे में अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में बता रही हैं।
महिलाओं में निप्पल पर बाल होना असामान्य नहीं है। एरिओला के आसपास काले, रूखे बाल हो सकते हैं। पर इसके लिए परेशान होना सही नहीं है। ज्यादातर मामलों में निपल्स पर बाल चिंता का कारण नहीं होते हैं। यह जान लें कि लगभग पूरा मानव शरीर हेयर और हेयर फ़ोलिक्ल से ढका होता है। शरीर के कुछ बाल पतले हो सकते हैं, लेकिन कुछ बाल जैसे कि पैर के बाल उम्र के साथ मोटे और काले हो भी सकते हैं। निप्पल हेयर के लिए चिंतित नहीं होना चाहिए।
सभी महिलाओं के शरीर पर बाल होते हैं। जीन के आधार पर यह दूसरों की तुलना में कम-ज्यादा हो सकता है। चेहरे पर भी बाल हो सकते हैं। कभी-कभी ऊपरी होंठ, ठोड़ी, छाती और पीठ पर बाल अधिक हो जाते हैं। यह एण्ड्रोजन नामक पुरुष हार्मोन की अधिकता के कारण होता है। हॉर्मोन थेरेपी से इसका उपचार संभव है।
त्वचा में खिंचाव या तेजी से सिकुड़न होने पर ब्रेस्ट, कमर और पेट के निचले हिस्से पर स्ट्रेच मार्क्स हो जाते हैं। हॉर्मोन में अचानक परिवर्तन कोलेजन और इलास्टिन का कारण बनता है। स्किन का बचाव करता है। जैसे ही त्वचा ठीक होती है, स्ट्रेच के निशान दिखाई दे सकते हैं।
यदि आपके परिवार के लोगों को स्ट्रेच मार्क्स अधिक हैं, तो आपको भी इसका जोखिम हो सकता है। यह समय के साथ खत्म हो जाता है।
अकैन्थोसिस नाइग्रिकन्स त्वचा की स्थिति है, जो शरीर की सिलवटों और सिलवटों को मलिन रंग देने का कारण बनती है। यह आमतौर पर बगल, कमर और गर्दन को प्रभावित करता है। यह आमतौर पर बगल, कमर और गर्दन को प्रभावित करता है।
सभी के वैजाइना में योनि गंध होती है। यह थोड़ी खट्टी या तीखी गंध वाली हो सकती है। गंध से यह संकेत मिलता है कि वैजाइनल फ्लोरा में पीएच स्तर सामान्य से थोड़ा अधिक अम्लीय है। यह गंध लैक्टोबैसिली के अच्छे बैक्टीरिया से जुड़ी होती है।
डॉ, रिद्धिमा बताती हैं, ‘हार्मोनल चेंज के कारण शरीर में ऊपर बताये गये बदलाव होते हैं। यह पुबर्टी एज गेन करने के बाद किसी भी महिला में हो सकता है।
यह किसी महिला में पहले होता है तो किसी में बाद में ये सारे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। यह पूरी तरह नार्मल होता है। इसके बारे में परेशान नहीं होना चाहिए।
शरीर के किसी भी भाग पर सामान्य से अधिक बाल आ रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। हॉर्मोन थेरेपी से इसे ठीक किया जा सकता है। स्ट्रेच मार्क्स, डार्क आर्मपिट और ग्रोइन तथा स्ट्रेच मार्क्स बिल्कुल सामान्य हैं। अधिक समस्या होने पर हॉर्मोन थेरेपी की मदद ली जा सकती है। वेजाइनल सेंट के लिए अच्छी तरह नहायें। योनि क्षेत्र में साबुन नहीं लगायें, खूब पानी पियें और पौष्टिक भोजन लें। इन सभी उपाय से सभी समस्याएं दूर रहेंगी।
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