आपका मूत्र आपकी सेहत के संकेत देता है। यही वजह है कि सेहत की जांच करने के लिए सबसे पहले यूरीन पर नजर रखने को कहा जाता है। इसके रंग में बदलाव एक बड़ा संकेत है। पर रंग के अलावा, यदि आपके पेशाब में बियर जैसे झाग आने लगे हैं तो यह भी स्वास्थ्य संबंधी चिंता का कारण हो सकता है।
सामान्यत: पेशाब का रंग हल्का पीला होना चाहिए और उसमें झाग बहुत कम होना चाहिए। यदि आप कुछ खास तरह की दवाएं ले रहे हैं, तो मूत्र का रंग गहरा हो सकता है और आप इसमें बुलबुले भी देख सकते हैं। लेकिन जैसे ही आप दवाएं लेना बंद कर देती हैं, तो यह समस्या खत्म हो जानी चाहिए।
पर अगर किसी तरह की दवा का सेवन नहीं कर रहे और फिर भी उसमें बीयर की तरह ढेर सारे झाग और बुलबुले बन रहे हैं, तो इसके पांच कारण हो सकते हैं। जिनके बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं -:
हां यह सच है। अगर आपके पेशाब में बियर की तरह झाग बन रहे हैं तो इसकी एक बड़ी वजह किडनी में खराबी हो सकती है। किडनी यानी गुर्दा हमारे खून को फिल्टर करता है और कचरे को मूत्र में परिवर्तित कर देता है। यदि यह प्रक्रिया ठीक से काम नहीं कर रही है, तो आपका मूत्र फोमी या झाग वाला हो सकता है। अमेरिकन सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी के क्लिनिकल जर्नल द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, आपके पेशाब में बहुत अधिक फोम भी गुर्दे की बीमारी का संकेत हो सकता है।
बहुत अधिक प्रोटीन लेने से आपकी किडनी के लिए रक्त को साफ करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है, खासतौर पर तब जब आप पहले से ही किसी किडनी की बीमारी से ग्रस्त हों। कमजोर गुर्दे के कारण, आपका शरीर मूत्र में प्रोटीन को निष्कासित करना शुरू कर देता है। जब आपके पेशाब में बहुत अधिक प्रोटीन होता है तो उस स्थिति को प्रोटीनुरिया कहा जाता है। मुख्य रूप से यह समस्या गर्भवती महिलाओं, गठिया और हृदय रोगों के संदर्भ में देखी जाती है।
चोनम मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, इंसुलिन के उतार-चढ़ाव के स्तर के कारण मधुमेह रोगियों में प्रोटीनुरिया की समस्या गंभीर हो जाती है, क्योंकि यह गुर्दे में रक्त के प्रवाह को प्रभावित करती है। इसके अलावा, अध्ययन में यह भी पाया गया कि जो लोग मधुमेह से जूझ रहे होते हैं, उनकी किडनी का स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। जिसके कारण पेशाब में झाग बनने लगते हैं।
गुर्दे और थायराइड एक दूसरे को प्रभावित करते हैं। यदि आपका थायरॉयड गड़बड़ है तो इससे गुर्दे की कार्यप्रणाली भी प्रभावित होती है। और यदि आप किसी गुर्दे की बीमारी से ग्रस्त हैं, तो इससे आपका थायरॉइड भी प्रभावित होता है। यह दावा इंडियन जर्नल ऑफ एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित एक अध्ययन में किया गया। असल में, थायरॉइड हार्मोन प्रोटीन संश्लेषण और हमारे शरीर में सेल की वृद्धि को प्रभावित करता है। यदि इसमें कोई खराबी होती है, तो यह सीधे गुर्दे की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती है और गंभीर मामलों में किडनी फेलियर भी हो सकती है।
जब आप कम पानी पीते हैं, तो आपके मस्तिष्क को आपके शरीर में पानी की रक्षा करने का संकेत मिलता है। इसी संकेत के साथ किडनी ब्लड से कम मात्रा में पानी निकालती हैं, जिससे पेशाब झाग भरा हो जाता है। इसलिए, जब भी आप यह देखें कि आपका पेशाब थोड़ा असामान्य दिख रहा है, तो आपको सबसे पहले खूब सारा पानी पीना चाहिए। अगर आप खुद को हाइड्रेट रखेंगी तो आपकी किडनी में बेहतर काम कर पाएंगी।
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