उम्र के हर दौर में परिवर्तन निश्चित है। शरीर के अन्य अंगों और कार्यप्रणाली की तरह रिप्रोडक्टिव सिस्टम में भी बदलाव आते रहते हैं। महिलाओं और पुरुषों दोनों में उम्र के साथ ये बदलाव आते हैं। रिसर्च बताती है कि 30 साल की उम्र के बाद पुरुषों के टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन में गिरावट आने लगती है। यह गिरावट प्रति वर्ष लगभग 0.4% – 2.0% की दर से होने लगती है। यही हॉर्मोन पुरुषों की यौनेच्छा और क्षमता से जुड़ा होता है। पर क्या इसे बनाए रखने या बढ़ाने के लिए हाॅर्मोन सप्लीमेंट (Supplements for sex) लेना सही है? आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
कुछ लोग सेक्स डिजायर को बरकरार रखने के लिए टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन को सप्लीमेंट के तौर पर लेते हैं। इन दिनों कुछ सप्लीमेंट बहुत अधिक चर्चा में है। दरअसल सेक्स सप्लीमेंट के तौर पर यह सबसे अधिक लिया जाता है। यदि आपका पार्टनर भी सेक्स सप्लीमेंट ले रहा है, तो यह जरूरी है कि आप सेहत पर होने वाले इसके प्रभाव के बारे में भी जानें।
उम्र के साथ पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का लेवल घटने लगता है। यह अनुमान लगाया गया है कि 70 वर्ष की उम्र तक पुरुषों का औसत टेस्टोस्टेरोन स्तर युवाओं की तुलना में 35% तक कम हो जाता है। इस गिरावट का कारण हैं टेस्ट्स, जो टेस्टोस्टेरोन प्रोड्यूस करने में समर्थ नहीं रह पाते हैं।
सेक्सुअल सप्लीमेंट पर बहुत अधिक रिसर्च और स्टडी की गई है। वर्ल्ड जर्नल मेंस हेल्थ में प्रकाशित शोध आलेख इस बात पर विस्तार से बात करते हैं कि सेक्स सप्लीमेंट वास्तव में आपकी सेक्स इच्छा और क्षमता को प्रभावित करते भी है या नहीं।
यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथर्न कैलिफ़ोर्निया के चेस जी क्लेमशा, हातिम ठाकर और मैरी ए सम्प्ल्सकी ने पुरुषों द्वारा टेस्टोस्टेरोन लेवल में सुधार करने के लिए टेस्टोस्टेरोन सप्लीमेंट लिए जाने पर सप्लीमेंट्स की संरचना और उनके दावों का मूल्यांकन किया। इससे निकले निष्कर्ष को पबमेड सेंट्रल की रिपोर्ट में भी शामिल किया गया।
नब्बे प्रतिशत सप्लीमेंट ने टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ावा देने में 50% सेक्सुअल डिजायर या लिबिडो में सुधार करने और 48% मजबूती महसूस करने का दावा किया। सप्लीमेंट्स में विटामिन बी 12, विटामिन बी 6, विटामिन बी 5, विटामिन बी 3, जिंक, मैग्नीशियम मौजूद थे।
90 प्रतिशत टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ावा देने का दावा करने वाले सप्लीमेंट में केवल 24.8% के पास ही इन दावों का समर्थन करने के लिए डेटा था।
10.1% सप्लीमेंट में तो नकारात्मक प्रभाव देने वाले घटक शामिल थे। कई में विटामिन और मिनरल्स की उतनी मात्रा भी मौजूद नहीं थी जितनी होनी चाहिए।
ऐसी स्थिति में जो लोग सप्लीमेंट का सेवन कर रहे हैं, वे सिर्फ मन की संतुष्टि के लिए ही यह कर रहे हैं। इन सप्लीमेंट्स का असर टेस्टोस्टेरोन लेवल पर बहुत अधिक नहीं पड़ता है। रिसर्च बताती हैं कि यदि अपने खानपान को ठीक किया जाए और सप्लीमेंट की बजाय नेचुरल सामग्री पर भरोसा किया जाए, तो अधिक कामयाबी मिलेगी।
सेक्स एडुकेटर सीमा आनंद सुझाव देती हैं कि जरूरी है कि हम अपनी उम्र और उसके बदलावों को सहजता से स्वीकार करें। और सेक्स या रोमांस का अर्थ सिर्फ पेनिट्रेशन ही नहीं है, आप अनुभव के साथ और बहुत सारी चीजों को एक्सप्लोर कर सकते हैं।
सीमा आनंद सेक्स एडुकेटर हैं और वे सेक्स को सहज बनाने को लेकर अकसर सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करती हैं। उनका मानना है कि सेक्स का आनंद हर उम्र में लिया जा सकता है। पर इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है आपसी बॉन्डिंग को मजबूत बनाए रखना। संवाद और कनैक्ट किसी भी उम्र में सेक्स को आनंददायक बना सकता है। साथ ही पोषक तत्वों से भरपूर भोजन को अपने आहार में शामिल करें।
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