जब हम स्वास्थ्य के बारे में बात करते हैं, तो आज कई सप्लीमेंट उपलब्ध हैं। शरीर के हर हिस्से के लिए कुछ न कुछ है – और यह बहुत अच्छे भी हैं। मगर ये हमें कई बार कंफ्यूज कर सकते हैं। यह आश्चर्यजनक है मगर आपकी योनि के लिए उत्पादों की एक श्रृंखला है, और प्रोबायोटिक्स – इस सूची में भी शामिल हैं! लेकिन यह समझना अधिक महत्वपूर्ण है कि क्या हमें उनकी आवश्यकता भी है? या ये सिर्फ एक सनक हैं?
बहुत से विशेषज्ञों का कहना है कि प्रोबायोटिक्स न केवल आपकी आंत के लिए, बल्कि आपकी योनि के लिए भी हैं। ये गोलियां या कैप्सूल भी हो सकते हैं जिन्हें एप्लीकेटर की मदद से आपकी योनि में डाला जा सकता है। इस बारे में बहुत अधिक सबूत नहीं हैं कि ये मददगार हैं, मगर हम इसका विश्लेषण कर सकते हैं।
बहुत से विशेषज्ञों का कहना है कि प्रोबायोटिक्स न केवल आपकी गट के लिए, बल्कि आपकी योनि के लिए भी फायदेमंद हैं। ये गोलियां या कैप्सूल भी हो सकती हैं, जिन्हें एप्लीकेटर की मदद से आपकी योनि में डाला जा सकता है। यह दिखाने के लिए बहुत अधिक सबूत नहीं हैं कि ये मददगार हैं।
हम पूरी तरह से समझते हैं कि यह सब बहुत अजीब है, लेकिन उन्हें एक बार ज़रूर ट्राई करना चाहिए! प्रोबायोटिक्स उपयोग करने के कई कारण हैं, जिनमें से सबसे आम बैक्टीरियल यीस्ट इन्फेक्शन है।
ऐसे में कैंडिडा नामक फंगस इस हद तक बढ़ जाता है कि यह आपकी योनि में स्वस्थ बैक्टीरिया के संतुलन को बिगाड़ देता है। यह संक्रमण आम तौर पर खुजली और पनीर जैसे दिखने वाले गाढ़े स्राव का कारण बनता है।
महिलाओं द्वारा इन प्रोबायोटिक्स का उपयोग करने का दूसरा कारण बैक्टीरियल वेजिनोसिस से निपटना है। इन मामलों में, हानिकारक बैक्टीरिया इस हद तक बढ़ जाते हैं कि ये लैक्टोबैसिलस जैसे स्वस्थ बैक्टीरिया से अधिक हो जाते हैं। कई महिलाओं को एक बुरी गंध का अनुभव होता है, खासकर उनके पीरियड्स या सेक्स के बाद। इसमें भूरे-हरे रंग का डिस्चार्ज भी देखा जा सकता है।
कुछ महिलाएं अपने योनि स्वास्थ्य को अच्छा रखने के लिए भी इसका इस्तेमाल करती हैं। लेकिन, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि योनि में किसी अन्य बैक्टीरिया को डालना भी संभावित रूप से हानिकारक हो सकता है।
इस बात का कोई स्पष्ट उत्तर नहीं है, क्योंकि इसके दो पहलू हैं। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि वेजाइनल प्रोबायोटिक्स योनि में बैक्टीरिया के स्वस्थ संतुलन को बनाए रख सकते हैं। वहीं दूसरी ओर इसका इस्तेमाल न करने के लिए कोई सबूत नहीं हैं। इसके बारे में और जानकारी मिलने के बाद यह बदल सकता है। अभी तक, एंटीबायोटिक और एंटिफंगल दवाओं का उपयोग बड़े पैमाने पर यीस्ट संक्रमण के इलाज के लिए किया जाता है।
चूंकि प्रोबायोटिक्स की प्रभावशीलता दिखाने के लिए बहुत अधिक प्रमाण नहीं हैं, इसलिए उन्हें सावधानी से इस्तेमाल करना आवश्यक है। कुछ वैज्ञानिकों ने प्रोबायोटिक्स के हानिकारक प्रभावों का खुलासा किया है, जिसमें संक्रमण, असूचीबद्ध तत्व जो स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकते हैं और साथ ही प्रोबायोटिक सूक्ष्मजीवों द्वारा बनाए गए असुरक्षित पदार्थ भी शामिल हैं।
बेशक, जब आपको कोई गंभीर बीमारी होती है या आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली में कोई समस्या होती है, तो आपके इन साइड-इफेक्ट्स के शिकार होने की संभावना अधिक है।
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