हंसी सबसे अच्छी दवा है, लेकिन क्या हो अगर यह तनाव या शर्मिंदगी का कारण बन जाए। मूत्र असंयम यानी स्ट्रेस इंकंटीनेन्स मूत्र का लीक करना है। हर 3 में से 1 महिला इस स्थिति से पीड़ित है। वे इसके बारे में बात नहीं करती हैं और हर दिन इससे जूझती हैं। वे यह भी नहीं जानती कि इससे निपटने के कई तरीके हैं।
स्ट्रेस इंकंटीनेन्स तब होता है जब आपके खांसते, छींकते या हंसते समय मूत्रमार्ग से थोड़ी मात्रा में मूत्र का रिसाव हो जाता है। यह मूल रूप से तब होता है जब पेट का दबाव बढ़ जाता है और श्रोणि की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। यह मूत्रमार्ग को पूरी तरह से बंद होने से रोकता है, जिसके परिणामस्वरूप मूत्र की हानि होती है। यह आमतौर पर उन महिलाओं के साथ होता है, जिन्होंने जन्म दिया है, लेकिन यह किसी भी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रभावित कर सकता है।
गर्भावस्था और प्रसव के दौरान, ये पैल्विक फ्लोर की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, क्योंकि ये बच्चे का वजन उठाती हैं। तो, ये मांसपेशियां वास्तव में कड़ी मेहनत करती हैं और अपनी लोच खो देती हैं। इसलिए प्रसव के बाद भी इन मांसपेशियों को ट्रेन करना महत्वपूर्ण है।
जो महिलाएं गर्भावस्था के दौरान इसका अनुभव करती हैं, उनमें कम उम्र में इसके विकसित होने की संभावना अधिक होती है। स्थिति की गंभीरता के आधार पर, आप ड्रिब्लिंग (Dribbling) या स्क्वरटिंग (Squirting) का अनुभव कर सकती हैं। यदि स्थिति बिगड़ती है, तो इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि आप झुकते समय या खड़े होने पर लीक कर सकती हैं।
आयु: अधिक आयु की महिलाएं इससे ज़्यादा प्रभावित होती हैं, जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, मांसपेशियां कमजोर होती जाती हैं।
डिलीवरी का तरीका: सी-सेक की तुलना में जिन महिलाओं की नॉर्मल डिलीवरी हुई है, उनमें इसके विकसित होने की संभावना अधिक होती है। इसके अलावा, जन्म में, जिन महिलाओं का वैक्यूम एक्स्ट्रैकशन के बजाय फोरसेप डिलीवरी हुई है, उनमें इसके विकसित होने की संभावना अधिक है।
शरीर का वजन: जो लोग अधिक वजन वाले या मोटे होते हैं उनमें मूत्र असंयम की संभावना अधिक होती है, क्योंकि इससे पेट और श्रोणि अंगों पर दबाव बढ़ता है।
पेल्विक सर्जरी: जिन महिलाओं को हिस्टेरेक्टॉमी हुई है, उनमें मूत्र असंयम हो सकता है, क्योंकि यह मूत्राशय और मूत्रमार्ग को सहारा देने वाली मांसपेशियों को कमजोर कर सकता है।
धूम्रपान: धूम्रपान को पुरानी खांसी से जोड़ा जा सकता है, और जब आप खांसती हैं, तो यह फिर से पेट के दबाव को बढ़ा देता है।
कब्ज: जिन महिलाओं को कब्ज रहता है, वे भी इससे पीड़ित हो सकती हैं, क्योंकि पेट के दबाव में वृद्धि होती है।
अत्यधिक कैफीन: कैफीन के सेवन से पेशाब में वृद्धि होती है, और बार-बार पेशाब आने से भी रिसाव हो सकता है।
जीवनशैली में बदलाव: अपने कैफीन का सेवन, शराब का सेवन और धूम्रपान कम करें।
कब्ज से बचें: अपने आहार में उच्च मात्रा में फाइबर शामिल करें।
वजन कम करें: वजन कम करने से स्ट्रेस इंकंटीनेन्स की गंभीरता कम हो जाती है।
अपनी ब्लैडर डायरी बनाए रखें: यह जानना महत्वपूर्ण है कि आप कितनी बार लीक करती हैं। यह आपको ट्रिगर्स को जानने का एक विचार भी देगा। यह आपके स्वास्थ्य सेवा प्रदाता को आपके मामले को समझने में मदद करेगा।
पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत बनाना: कीगल व्यायाम आपकी पैल्विक मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद कर सकता है, जिससे रिसाव को रोकने में मदद मिलती है।
फिजियोथेरेप्यूटिक तौर-तरीकों के साथ, हम आपकी पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को उत्तेजित कर सकते हैं जो उन्हें मजबूत बनाने में मदद करता है।
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