लंबे समय तक लापरवाह जिंदगी जीने के बाद आपको सिर्फ इंसुलिन पिल्स/ इंजेक्शन और मीठे से परहेज के साथ एक्सरसाइज ही नहीं करनी है, बल्कि डायबिटीज आपके जीवन के हर पक्ष को बुरी तरह प्रभावित करती है।
इंसुलिन भोजन से ऊर्जा लेकर शरीर के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचाता है। जब डायबिटीज के कारण आपका शरीर यह इंसुलिन बनाने में असमर्थ होता है तब आपके शरीर के कई हिस्से समस्याग्रस्त हो जाते हैं। जिसके चलते मोटापा, हृदय रोग, थकान आदि का सामना करना पड़ता है।
दुर्भाग्य से यह आपकी सेक्स लाइफ को भी प्रभावित करती है। यहां हम आपको वे पांच दुष्परिणाम बता रहे हैं जब डायबिटीज के कारण सेक्स लाइफ प्रभावित होती है-
जितनी ज्यादा डिजायर होगी, उतना ही बेहतर सेक्स सेशन होगा। जबकि, डायबिटीज केयर जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, डायबिटिक महिलाओं में सेक्स के प्रति डिजायर घटने लगती है। उनमें लो लिबिडो देखी गई। जिसके चलते उन्हें सेक्स के लिए तैयार होने में काफी समय लगने लगता है।
इसकी वजह इंसुलिन के असंतुलन के कारण शरीर के विभिन्न अंगों में पैदा हुई थकान हो सकती है। जिससे वे सेक्स के प्रति भी उदासीन होने लगती हैं।
महिलाओं के सेक्स अनुभव खराब होने का एक बड़ा कारण डायबिटीज है। जर्नल ऑफ़ सेक्सुअल एंड रिप्रोडक्टिव मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, डायबिटीज एस्ट्रोजन के उत्पादन को कम कर देती है, जिसे महिला सेक्स हार्मोन कहा जाता है।
जिसके चलते वेजाइना में लुब्रीकेशन में कमी आने लगती है। जिससे पेनिट्रेशन के दौरान उन्हें दर्द और परेशानी का सामना करना पड़ता है।
ऐसी स्थिति में आप किसी लुब्रिकेंट का इस्तेमाल कर सेक्सी को आरामदायक बना सकती हैं। पर अपने हॉर्मोन के स्तर को संतुलित रखने के लिए आपको अपने लाइफ स्टाइल को सही रखने की जरूरत है।
एक खबूसूरत फोरप्ले के बाद भी अगर आप खुद को सेक्स के लिए तैयार नहीं पाती हैं, तो यह आपकी यौन उत्तेजना में आ रही गड़बड़ी की ओर संकेत करता है। उपरोक्त अध्ययन में ही इस बात पर विस्तार से चर्चा की गई है कि जब एक बेहतर फोरप्ले के बाद भी आप में अपर्याप्त लुब्रिकेशन का डर बना रहता है। यह आप पर एक अनावश्यक मनोवैज्ञानिक दबाव पैदा करता है, जिसमें आपकी सेल्फ इमेज संबंधी मसले भी शामिल हो जाते हैं। ये सब मिलकर आपकी सेक्स लाइफ को एन्जॉय करने में परेशानी खड़ी कर सकते हैं।
अमेरिका के शिकागो विश्वविद्यालय में किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया कि टाइप -2 डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं में अन्य महिलाओं की तुलना में ऑर्गेज्म फेलियर के जोखिम ज्यादा होते हैं।
हालांकि ऐसा क्यों होता है, इस पर कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है। कई शोधकर्ता इसे इंसुलिन असंतुलन के कारण महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजेन के स्तर में आने वाली गिरावट माना है। जिसकी वजह से ऑर्गेज्म मुश्किल हो जाता है।
इसी अध्ययन में यह भी बताया गया कि डायबिटीज से ग्रस्त महिलाओं में यौन असंतोष की शिकायत ज्यादा देखी गई। क्योंकि वे बहुत जल्दी क्लाइमेक्स पर पहुंच गईं। आप यह जानती हैं कि बिस्तर पर लंबे समय तक रहने के बाद ही आप बेहतर ऑर्गेज्म का अनुभव कर सकती हैं। लेकिन डायबिटीज के कारण आपको थकान होने लगती है और आपके एस्ट्रोजन का स्तर भी कम हो जाता है, जिससे आप बिस्तर पर ज्यादा देर तक सक्रिय नहीं रह पातीं।