एक हेल्दी रिलेशनशिप में बेहतर बातचीत, विश्वास और इज्जत के साथ साथ आपकी सेक्सुअल इंटिमेसी भी बहुत मायने रखती है। यदि आप अपने रिश्ते में खुश रहना चाहती हैं तो इन सभी फैक्टर्स पर ध्यान दें। परंतु लंबे समय तक रिश्ते में रहने या एक उचित उम्र के बाद कई लोगों की सेक्स डिजायर कम होने लगती है। हालांकि, एक समय के बाद प्राकृतिक कारणों से सेक्स ड्राइव का कम होना नॉर्मल है। वहीं कुछ ऐसे फैक्टर भी हैं जिसकी वजह से असामान्य रूप से लिबिडो में कमी देखने को मिलती है।
समय से पहले सेक्स डिजायर (Sex desire) की कमी आपके रिश्ते के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य (Mental health) और सेल्फ कॉन्फिडेंस (Self confidence) को भी प्रभावित कर देता है। तो चलिए जानते हैं ऐसे कौन से कारण हैं, जो लिबिडो की कमी का कारण बनते हैं। इन कारणों पर ध्यान दें और अपनी लिबिडो को बनाये रखें।
यदि आप एक अनहेल्दी रिलेशनशिप में हैं और आपके पार्टनर और आपके बिच उचित बातचीत नहीं होती तो ये आमतौर पर महिलाओं में लिबिडो की कमी का कारण बनता है। क्युकी एक हेल्दी सेक्सुअल रिलेशनशिप के लिए पार्टनर के साथ एक अच्छा रिश्ता और उचित बातचीत सबसे ज्यादा मायने रखती हैं।
यह भी पढ़ें : तनाव और थकान से सेक्स ड्राइव हो रही है कम, तो बेहतर ऑर्गेज्म प्राप्त पाने में मदद करेंगे ये 4 योगासन
आमतौर पर बच्चे के जन्म के बाद महिलाएं लिबिडो की कमी महसूस करती हैं। एक बच्चे का जन्म जितना खूबसूरत और प्यारा होता है उतना ही जन्म देने वाली महिला की सेहत के लिए ये मुश्किल होता है। क्योंकि इस दौरान महिलाएं तनाव, नींद की कमी और तरह-तरह की शारीरिक समस्यायों से गुजरती हैं। यह सभी फैक्टर लिबिडो की कमी का कारण बनते हैं। इसके साथ ही मां बनते जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं जिसकी वजह से खुद व खुद सेक्स ड्राइव में कमी देखने को मिलता है।
लिबिडो की कमी का एक सबसे बड़ा कारण स्ट्रेस यानि की मानसिक तनाव होता है। स्ट्रेस किसी भी वजह से हो सकता है, अब चाहे वे आपके और पार्टनर के रिश्ते के बिच की समस्या हो या वर्क प्लेस की इसके साथ ही बच्चे एवं बीमारियों की चिंता भी सेक्स ड्राइव को कम कर देती हैं। आपका ब्रेन शरीर के हर फंक्शन को कंट्रोल करता है ऐसे में जब दिमाग तनाव से घिरा रहता है तो शरीर की कई प्रक्रियाएं धीमी हो जाती हैं। ऐसे में इन्हे नियंत्रित रखने के लिए मैडिटेशन और योग का अभ्यास करना उचित रहेगा।
अधिक मात्रा में दवाइयों का सेवन आपकी सेक्स ड्राइव को प्रभावित कर सकता है। हार्ट हेल्थ से लेकर ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और अन्य मानसिक बिमारियों के लिए चलने वाली दवाइयों में मौजूद कंपाउंड शरीर में हॉर्मोन्स को असंतुलित कर देते हैं जिसकी वजह से महिलाएं लिबिडो की कमी का अनुभव करती हैं।
यह भी पढ़ें : ये 5 संकेत बताते हैं कि आप नहीं रखती वेजाइनल हाइजीन का ध्यान
प्रेगनेंसी अवॉइड करने के लिए बार-बार गर्भनिरोधक दवाइयों का सेवन करने से हॉर्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं, ऐसे में महिलाएं लिबिडो की कमी का अनुभव करती हैं। इसलिए हमेशा नॉन हार्मोनल बर्थ कंट्रोल मेथड जैसे कि कंडोम इत्यादि का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके साथ ही बर्थ कंट्रोल पिल्स आपको एसटीआई, इत्यादि जैसे अन्य संक्रमण से भी प्रोटेक्शन देने में असमर्थ हैं।
जरूरत से ज्यादा शराब का सेवन महिलाओं के लिबिडो को प्रभावित कर सकता है। इसके साथ ही स्मोकिंग की आदत ब्लड फ्लो को कम कर देती है और आपको उचित प्लेजर नहीं मिलता। वहीं धीरे-धीरे आपकी सेक्सुअल ड्राइव कम होने लगती है।
मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन का स्तर कम होने लगता है और वेजाइनल टिशू ड्राई हो जाती है जिसकी वजह से सेक्स के दौरान काफी ज्यादा दर्द का अनुभव हो सकता है। ऐसे में ज्यादातर महिलाएं इस दौरान सेक्स में अपनी रुचि खो देती हैं। वहीं कई महिलाएं हैं, जो मेनोपॉज के दौरान और इसके बाद भी सेक्स को इंजॉय करती हैं।
शारीरिक रूप से स्थिर बैठे रहने के कारण भी सेक्स ड्राइव की कमी महसूस हो सकती है। सेक्सुअल मेडिसिन रिव्यू के जर्नल में बताया गया कि एक्सरसाइज और शारीरिक सक्रियता आपके लिबिडो यानी कि सेक्स ड्राइव को बूस्ट करने में मदद करते हैं। वहीं शारीरिक स्थिरता नकारात्मक रूप से काम करते हुए आपके लिबिडो को प्रभावित करती है।
यह भी पढ़ें : क्या बच्चों को भी हो सकती है यूटीआई की समस्या? जवाब है हां, एक्सपर्ट बता रहीं हैं कुछ जरूरी बातें