आपकी योनि में लैक्टोबैसिली जैसे अच्छे और खराब बैक्टीरिया दोनों रहते हैं। ये दोनों बैक्टीरिया पीएच बैलेंस को बनाए रखने में मदद करते हैं और गुड बैक्टीरिया के विकास में बढ़ावा देते हैं। हालांकि, इस संतुलन को अनसेफ सेक्स, डूशिंग, सुगंधित उत्पाद आदि खराब कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में आमतौर पर विशिष्ट खाद्य पदार्थ खाने की सलाह दी जाती है, जो अच्छे योनि स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। इसके लिए प्रोबायोटिक्स खाने पर सबसे अधिक जोर दिया जाता है। पर क्या प्रोबायोटिक्स वाकई वेजाइनल हेल्थ (Probiotics for vaginal health) के लिए काम करते हैं? एक ताज़ा स्टडी कहती है बहुत ज्यादा नहीं। आइए जानते हैं इसका कारण।
प्रोबायोटिक्स (Probiotics) अच्छे बैक्टीरिया होते हैं, जो नेचुरल एंटीबायोटिक्स का प्रोडक्शन करके टॉक्सिंस को खत्म करने और हानिकारक बैक्टीरिया को मारने में शरीर की सहायता कर सकते हैं। ये अच्छे बैक्टीरिया के संतुलन को भी बहाल कर सकते हैं। परिणामस्वरूप कई मेडिकल प्रोफेशनल इस बात से सहमत हैं कि प्रोबायोटिक्स योनि और पाचन तंत्र दोनों के लिए फायदेमंद हैं।
हालांकि लेटेस्ट स्टडी कुछ और ही कहती है। इसके अनुसार, प्रोबायोटिक्स योनि स्वास्थ्य को बनाए रखने में अक्षम होते हैं।
प्रोबायोटिक्स जिसमें अच्छे बैक्टीरिया शामिल हैं, वेजाइनल माइक्रोबायोटा असंतुलन वाली महिलाओं के इलाज के साधन के रूप में लोकप्रिय हो रहे हैं। जीलैंड यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के रेप्रोहेल्थ रिसर्च कंसोर्टियम के एक हालिया अध्ययन से यह संकेत मिलता है कि जब महिलाओं को फर्टिलिटी ट्रीटमेंट से पहले 10 दिनों तक प्रोबायोटिक्स रोजाना दिया जाता है, तो यह हानिकारक वैजाइनल फ्लोरा में सुधार नहीं करता है। ये महिलाएं प्लेसिबो लेने वालों से ज्यादा अलग नहीं थीं।
हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि चाहे वे (इस अध्ययन में शामिल महिलाएं) प्रोबायोटिक्स लेना जारी रखें या नहीं, एक से तीन महीने के बाद सभी परीक्षण प्रतिभागियों के एक तिहाई (34 प्रतिशत) से अधिक लक्षणों में सुधार हुआ। इसलिए, प्रतिकूल योनि माइक्रोबायोम वाले रोगियों के लिए यह अनुमान लगाया जाता है कि सामान्य संतुलन तक पहुंचने तक प्रजनन उपचार में देरी उपयोगी हो सकती है।
प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर इडा एंगबर्ग जेपसेन ने कहा, “रोगियों में देखी गई सहज सुधार दर आईवीएफ समय के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव के लिए आधार प्रदान कर सकती है।”
उन्होंने आगे कहा, “इस अध्ययन में परीक्षण किए गए विशिष्ट योनि प्रोबायोटिक का आईवीएफ से पहले योनि माइक्रोबायोम की अनुकूलता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। इसलिए आगे और अधिक शोध की जरूरत है। लेकिन सामान्य तौर पर, प्रोबायोटिक्स को अभी छूट नहीं देनी चाहिए।”
एमएससी फूड साइंस एंड न्यूट्रिशन की सीनियर कंसल्टेंट दीप्ति लोकेशप्पा कहती हैं, “हालांकि यह एक सर्वविदित तथ्य है कि प्रोबायोटिक्स अच्छे बैक्टीरिया के विकास में सहायता करते हैं। वे आंत के स्वास्थ्य और पाचन संबंधी समस्याओं के लिए फायदेमंद हो सकते हैं, वहीं योनि के लिए यह कितना फायदेमंद है, यह नहीं कहा जा सकता है।”
असल में अभी तक कोई निर्णायक सबूत यह नहीं बताता कि प्रोबायोटिक्स योनि स्वास्थ्य में सुधार करते हैं। हालांकि, बाजार में कई प्रोबायोटिक प्रोडक्ट हैं, जो योनि में स्वस्थ बैक्टीरिया को बेहतर बनाने का दावा करते हैं, लेकिन उन पर पूरी तरह भरोसा नहीं करना चाहिए। यदि आप किसी योनि संबंधी समस्या से पीड़ित हैं, तो प्रोबायोटिक्स लेने की बजाय मेडिकल प्रोफेशनल की मदद लें।
लोकेशप्पा सुझाव देती हैं कि योनि स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दों का इलाज करने के लिए महिलाओं को अपने डॉक्टर से इलाज लेना चाहिए, जो उचित एंटीबायोटिक्स या एंटीफंगल उपचार की सिफारिश कर सकते हैं।
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