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प्यूबर्टी से लेकर मेनोपॉज तक हर स्त्री को देना चाहिए इन 4 पोषक तत्वों पर ध्यान, प्रजनन स्वास्थ्य के लिए हैं जरूरी

अधिकांश महिलाओं में कई पोषक तत्वों की कमी कई कारणों की वजह से होती है लेकिन कई महिलाओं में पूरे पोषक तत्व लेने के बाद भी कमी देखी जाती है।
Updated On: 31 Jan 2024, 05:24 pm IST
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17% मासिक धर्म वाली महिलाओं में आयरन की कमी होती है। चित्र- अडोबी स्टॉक

50 की उम्र के बाद मेनोपॉज होता है और शरीर में कई तरह के बदलाव सामने आते है जिसकी वजह से कई पोषक तत्वों की कमी शरीर में होती है। लेकिन आज कल मेनोपॉज में पहुंचने से पहले ही महिलाएं पोषक तत्वों की कमी का सामना करने लगती हैं। हैरानी तब और होती है, जब वे अपने दिन के तीनाें मील ले रही होती हैं। यहां एक एक्सपर्ट बता रहीं हैं महिला स्वास्थ्य के लिए जरूरी पोषक (Nutrients for women health) तत्वों के बारे में।

20, 30, 40 की उम्र में भी महिलाएं कई तरह के पोषक तत्वों की कमी से जुझ रही है। प्रजनन की उम्र में सामान्य पोषक तत्वों की ये कमी कई तरह की परेशानी पैदा कर सकती है। इससे प्रेगनेंसी में भी कई तरह की दिक्कत हो सकती हैं।

डॉ. राजेश्वरी पांडा बताती है कि आयरन की हर महिला में एक समय पर पाई जाती है। इसका कारण पीरियड हो सकते है। लेकिन सही से डाइट न लेना भी इसका कारण हो सकता है। डॉ. राजेश्वरी पांडा मेडिकवर अस्पताल, नवी मुंबई में पोषण और आहार विज्ञान विभाग की एचओडी है।

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दुनिया में विटामिन डी सबसे आम पोषक तत्वों की कमी में से एक है।। चित्र: शटरस्टॉक

वे बताती है कि कई महिलाओं को आयरन की कमी को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट की जरूरत पड़ी है। क्योंकि महिलाओं में पुरूषों के मुकाबले अधिक आयरन की जरूरत पड़ती है।

प्रजनन आयु में महिलाओं में हो सकती है इन 4 पोषक तत्वों की कमी (Nutritional deficiency among women)

1 आयरन (Iron)

महिलाओं में आयरन की कमी आम है। 2021 के एक अध्ययन के शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि लगभग 17% मासिक धर्म वाली महिलाओं में आयरन की कमी होती है। आयरन की कमी आम होती है तो ये बिल्कुल नहीं समझना चाहिए कि ये चिंता का विषय नहीं है।

आयरन डीएनए बनाने, ऊर्जा पैदा करने और लाल रक्त कोशिकाओं के माध्यन से पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए पर्याप्त आयरन न होने से आपको थकान महसूस हो सकता है।

महिलाओं को रोज कम से कम 18 मिलीग्राम आयरन की आवश्यकता होती है और गर्भवती महिलाओं को 27 मिलीग्राम जबकि मेनोपॉज के बाद की महिलाओं को केवल 8 मिलीग्राम की जरूरत होती है।

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2 विटामिन डी (Vitamin D)

दुनिया में विटामिन डी सबसे आम पोषक तत्वों की कमी में से एक है। यह विशेष रूप से महिलाओं के लिए चिंता का कारण हो सकता है क्योंकि विटामिन डी थायराइड स्वास्थ्य, गर्भावस्था और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।

25 और 35 की उम्र के बीच ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा सबसे अधिक होता है। इसलिए इस दौरान विटामिन डी का पर्याप्त स्तर होना महत्वपूर्ण है। ये विटामिन आपके शरीर में कैल्शियम के अवोशषण में भी जरूरी होता है।

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फोलेट एक महत्वपूर्ण बी विटामिन है जो डीएनए और कोशिका विभाजन करने में मदद करता है। चित्र: शटरस्टॉक

3 फोलेट (Folate)

फोलेट एक महत्वपूर्ण बी विटामिन है जो डीएनए और कोशिका विभाजन करने में मदद करता है। इसलिए गर्भावस्था के शुरुआती समय के दौरान न्यूरल ट्यूब की खराबी को रोकना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। यह अमीनो एसिड होमोसिस्टीन को तोड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसका स्तर ज्यादा होने पर हानिकारक हो सकता है।

गहरे हरे पत्ते की सब्जियां, बीन्स, नट्स और सीड्स जैसे फोलेट से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने से भी महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में फोलेट नहीं मिल पाता है। कई शोध ये भी बताते है कि गर्भनिरोधक गोली भी फोलेट के मात्रा के कम होने का कारण बन सकती है।

4 विटामिन बी 12 (vitamin b12)

विटामिन बी12 ऊर्जा उत्पादन के लिए जरूरी है और लाल रक्त कोशिका उत्पादन में भी ये बड़ी भूमिका निभाता है। इसलिए पर्याप्त बी12 न मिलने से भी आपको सुस्ती और थकान महसूस हो सकती है। मांस, समुद्री भोजन, अंडे और डेयरी जैसे प्राकृतिक खाद्य स्रोतों के माध्यम से इस विटामिन की पर्याप्त मात्रा प्राप्त की जा सकती है।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
संध्या सिंह
संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं।

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