जनवरी 2020 में जब कोरोनावायरस (Coronavirus) का पहला मामला प्रकाश में आया, तब हम इस बीमारी से पूरी तरह अनजान थे। जैसे-जैसे समय बीता, हमें इसकी भयावहता का अहसास होने लगा। कोविड-19 (Covid-19) की पहली और दूसरी लहर ने हमें यह बताया कि कोरानावायरस फेफड़ों के अलावा भी आपके शरीर के अन्य अंगों को प्रभावित कर सकता है। मानव द्रव्य में इसकी मौजूदगी की बात पहले से ही कही जा रही है, पर ताज़ा शोध वीर्य (Sperm) में भी इसके होने का समर्थन कर रहे हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, शोध इस बात की भी पुष्टि कर रहे हैं कि काेरोनावायरस के हल्के लक्षण भी पुरुषों के शुक्राणुओं की संख्या (Coronavirus effect on sperm count) में कमी ला सकते हैं। तो अगर आप फैमिली प्लान कर रहीं हैं और आपके पार्टनर को कोरोनावायरस का सामना करना पड़ा है, तो यह खबर आप ही के लिए है।
कोविड-19 की पहली लहर में आए लगातार मामलों ने कोरोनावायरस के कारण फेफड़ों के स्वास्थ्य पर गंभीर चिंता उत्पन्न कर दी थी। पर जैसे-जैसे लोग इससे रिकवर हुए, यह देखा गया कि यह खतरनाक वायरस सिर्फ फेफड़े ही नहीं, बल्कि मस्तिष्क तक को प्रभावित कर सकता है। कोविड-19 से रिकवर होने के बाद लोगों ने ब्ल्ड शुगर के बढ़ते स्तर की भी शिकायत की। वहीं अब ताज़ा शोध इसके प्रजनन क्षमता पर असर के बारे में भी बता रहे हैं।
मामूली या मध्यम स्तर का कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) भी पुरुष प्रजनन प्रणाली (Male reproductive system) संबंधी प्रोटीन के स्तर में बदलाव कर सकता है, जिससे उनकी प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), मुंबई के अनुसंधानकर्ताओं के नेतृत्व में किए गए एक छोटे से अध्ययन में यह दावा किया गया है।
पत्रिका ‘एसीएस ओमेगा’ में पिछले सप्ताह प्रकाशित अनुसंधान में कोविड-19 से उबर चुके पुरुषों के वीर्य में प्रोटीन के स्तर का विश्लेषण किया गया।
अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, कोविड-19 के लिए जिम्मेदार सार्स-सीओवी-2 वायरस (SARS-CoV-2 Virus) मुख्य रूप से श्वास प्रणाली को प्रभावित करता है, लेकिन यह वायरस और उसके प्रति शरीर की प्रतिक्रिया अन्य उत्तकों को भी नुकसान पहुंचाती है।
उन्होंने कहा कि हाल के अध्ययन से इस बात का संकेत मिला है कि कोविड-19 पुरुषों की प्रजनन क्षमता को कम कर सकता है और यह वायरस पुरुष प्रजनन अंगों में पाया गया है।
इस अनुसंधान में मुंबई स्थित जसलोक अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र के अनुसंधानकर्ताओं ने भी भाग लिया। अनुसंधानकर्ताओं के दल ने यह पता लगाना चाहा कि कोविड-19 का पुरुष प्रजनन प्रणाली पर क्या कोई दीर्घकालिक प्रभाव हो सकता है। उन्होंने 10 स्वस्थ पुरुषों के वीर्य में प्रोटीन के स्तर और हल्के या मध्यम कोरोना वायरस संक्रमण से हाल में उबरे17 पुरुषों के वीर्य में प्रोटीन के स्तर की तुलना की।
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कस्टमाइज़ करेंइन सभी पुरुषों की आयु 20 से 45 वर्ष थी और उनमें से पहले कोई प्रजनन क्षमता के अभाव की समस्या से पीड़ित नहीं रहा। अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि कभी संक्रमित नहीं हुए पुरुषों की तुलना में कोविड-19 से उबरे पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या (Sperm count) में काफी कमी आई और उनमें सामान्य आकार के शुक्राणु कम थे। अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि कोविड-19 से उबरे पुरुषों के वीर्य में प्रोटीन के स्तर में भी बदलाव देखा गया।
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