पीरियड के दौरान कई महिलाओं को टेस्टी खाने की क्रेविंग होती रहती है। वहीं कई महिलाओं में यह क्रेविंगस पीरियड के डेट से 1 सप्ताह पहले ही शुरू हो जाती है। ऐसे में बिना सोचे समझे गलत खाद्य पदार्थों का सेवन पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द और समस्या को और ज्यादा बढ़ा देता है। हम आपको उन 5 चीजों के बारे में बताने जो रहे हैं, जो आपके पीरियड्स क्रैम्प्स को और भी ज्यादा बढ़ा देती हैं।
आजकल की महिलाएं घर और ऑफिस से जुड़ी समस्याओं में इतनी ज्यादा व्यस्त रहती है कि इन 5 दिनों में भी खुद को आराम नहीं दे पाती। तो कम से कम कुछ ऐसा न करें कि आपकी समस्या और ज्यादा बढ़ जाए। मेंस्ट्रुअल पीरियड के दौरान बिना जानकारी के किसी भी प्रकार के खाद्य पदार्थ के सेवन से बचें। साथ ही खुद को एक सही डाइट देने की कोशिश करें।
पीरियड्स के दौरान फूड क्रेविंग्स को कंट्रोल करना थोड़ा मुश्किल होता है। इसलिए अपने डाइट में कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें जिससे आपका टेस्ट बड्स भी शांत हो जाये और जो आपके क्रेविंग्स को भी कम कर सके। हालांकि, इससे ज्यादा जरूरी आपके लिए यह जानना है कि कौन सा खाद्य पदार्थ आपके पीरियड्स के दिनों को और ज्यादा कठिन बना सकता है। तो चलिए जानते हैं, ऐसे ही कुछ फूड्स के नाम जिन्हें गलती से भी पीरियड्स के दौरान न लें।
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफॉरमेशन द्वारा प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार पीरियड के दौरान खाने में सोडियम की एक सीमित मात्रा रखें। ऐसा करने से पीरियड ब्लोटिंग से राहत प्राप्त होगी। वहीं हेल्दी पीरियड्स के लिए प्रोसैस्ड फूड्स से भी परहेज रखने की कोशिश करें। इसके साथ ही वाइट ब्रेड और पास्ता जैसी चीजें भी काफी हानिकारक हो सकती हैं। मेंस्ट्रूअल पीरियड के दौरान गैस पैदा करने वाले खाद्य पदार्थ जैसे फूलगोभी और स्प्राउट्स से दूरी बनाए रखें।
पीरियड्स के दौरान कैफीन का सेवन वाटर रिटेंशन और ब्लोटिंग जैसी समस्यायों से ग्रसित कर सकता है। यदि आप रोजाना कॉफी पीती हैं तो पीरियड के दौरान कॉफी छोड़ना आपको सिर दर्द से परेशान कर देगा। ऐसे में पूरी तरह कॉफी से परहेज न करें। वहीं पीरियड्स में कॉफी का अधिक सेवन अपच जैसी समस्या का कारण बन सकता है। इसलिए जितना हो सके उतना कम मात्रा में कॉफी पीने की कोशिश करें।
शराब कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। साथ ही यह पीरियड्स में होने वाली समस्याओं को और ज्यादा बढ़ा देता है। शराब का सेवन आपको पूरी तरह डिहाइड्रेट कर देगा, जिस वजह से सिर दर्द, गैस, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याएं होने की संभावना बढ़ जाती है। आपको डायरिया, जी बचलने, घबराहट और उल्टी आने जैसी समस्याएं हो सकती है।
पीरियड के दौरान शरीर प्रोस्टाग्लैंडिन्स प्रोड्यूस करती है। यह मेंस्ट्रूअल फ्लो को सामान्य रखने में मदद करता है। अधिक मात्रा में प्रोस्टाग्लैंडिन्स वीडियो सोने के कारण मेंस्ट्रूअल क्रैंप्स होने की संभावना काफी ज्यादा होती है। आयरन से भरपूर रेड मीट प्रोस्टाग्लैंडिन्स का भी एक अच्छा स्रोत है, इसलिए मेंस्ट्रुएशन के दौरान इसके सेवन से बचना आवश्यक है। अन्यथा पेट के निचले हिस्से में असहनीय दर्द का सामना करना पड़ सकता है।
इन दिनों में अक्सर मूड स्विंग्स होती है और तब ज्यादातर महिलाएं स्ट्रेस ईटिंग करती हैं। इसमें चटपटा खाने का मन होता है, परंतु स्पाइसी फूड्स पीरियड से जुड़ी समस्याओं को और ज्यादा बढ़ा सकता है। मसालेदार ओल्ड सॉल्टी खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन वॉटर रिटेंशन और गैस जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। पीरियड्स के दौरान पेट थोड़ा कमजोर रहता है, ऐसे में तैलीय और मसालेदार भोजन का सेवन करने से डायरिया और उल्टी जैसी समस्याएं होने की संभावना बनी रहती है।
एक सीमित मात्रा में चीनी लेना उचित रहेगा। परंतु पीरियड्स के दौरान यदि आप चीनी का अधिक सेवन करती हैं तो यह आपके ऊर्जा के स्तर को कम कर देता है। साथ ही मूड स्विंग्स जैसी समस्या को और ज्यादा उत्तेजित कर सकता है। पीरियड्स में चीनी लेने से आप बेचैन और डिप्रेस्ड महसूस कर सकती हैं। इसलिए मेंस्ट्रूअल पीरियड के दौरान शुगर को जितना हो सके उतना नजरअंदाज करने की कोशिश करें।
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