हमें इंटरनल ऑर्गंस में भी स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। खुद को स्वस्थ रखने के लिए इंटिमेट हायजीन के साथ-साथ इंटिमेट हेल्थ का भी ध्यान रखना चाहिए। कभी कभी कुछ स्वास्थ्य समस्या के कारण का भी पता नहीं चलता है। वुल्वोडनिया उनमें से एक है। इसके कारण योनि में लगातार कई महीने तक दर्द रहता है। यदि विशेषज्ञ की सलाह मानी जाये, तो इसका निदान बहुत कठिन नहीं है। इसे इग्नोर करने पर समस्या बढ़ सकती है। आइये विस्तार से वुल्वोडनिया के बारे में जानते हैं।
गुरुग्राम में ऑरा स्पेशलिटी क्लिनिक डायरेक्टर और मैक्स हॉस्पिटल में एसोसिएट डायरेक्टर (गायनेकोलोजी एंड ऑब्सटेट्रिक्स) डॉ. रितु शेट्टी बताती हैं, ‘ वुलवोडीनिया योनि के वल्वा पार्ट (outer genitals) का क्रोनिक पेन कंडीशन है। इसके कारण बाहरी भाग यानि लेबिया, क्लाइटोरिस और वेजिनल ओपनिंग में भी दर्द हो सकता है। यह आमतौर पर 3 महीने से भी अधिक समय तक रहता है।
योनि में दर्द लगातार बना रह सकता है या कभी-कभी हो सकता है। अक्सर जलन की अनुभूति भी होती है। इसका अब तक कोई ज्ञात कारण नहीं पता चल पाया है। इसके कारण महिलाओं में सेक्स पेनफुल हो जाता है। ज्यादातर मामलों में समस्या और विकट हो जाती है, जब इसके बारे में डॉक्टर से नहीं बताया जाता है।
डॉ. रितु शेट्टी कहती हैं, ‘अभी तक वुलवोडीनिया का कारण नहीं पता चल पाया है। नर्व इंजरी या जलन या किसी संक्रमण या चोट लगने के कारण हो सकता है। आनुवंशिक कारक भी योनि के पुराने सूजन को बढ़ा सकते हैं। यीस्ट संक्रमण के प्रति संवेदनशील होने पर भी यह हो सकता है। मसल्स पेन, एलर्जी, जलन, हार्मोनल चेंज, एंटीबायोटिक के उपयोग, सेक्सुअल एबूज के कारण भी हो सकता है। यह सभी उम्र की महिलाएं यहां तक कि टीनएज लड़कियों को भी प्रभावित कर सकता है।’
एंग्जायटी (Anxiety), स्ट्रेस, डिप्रेशन (Depression) के कारण यह हो सकता है। पोस्टट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) भी इसके कारण बन सकते हैं। वुल्वोडनिया के लक्षण आमतौर पर अचानक शुरू होते हैं और महीनों से लेकर सालों तक रह सकते हैं। इसके कारण जलन, चुभन, दर्द, पीड़ा या खुजली हो सकती है। यह एक्सरसाइज करते समय, सेक्स या पैदल चलने जैसी गतिविधियों के दौरान महसूस हो सकता है। साइकिल चलाते समय, टैम्पोन लगाते समय यहां तक कि बैठते समय भी एक निश्चित क्षेत्र में या पूरे योनी में जलन वाला दर्द वुल्वोडनिया हो सकता है।
डॉ. रितु शेट्टी के अनुसार, वुलवोडीनिया के लिए कोई विशेष दवा उपलब्ध नहीं है। कई बातों को ध्यान में रखकर इसका उपचार किया जा सकता है। कुछ साबुन, दवा या डूश ऐसी चीजें हैं, जो आपकी योनि में जलन पैदा कर सकती हैं। उन चीज़ों से दूर रहने की कोशिश करनी चाहिए। किसी भी तरह का साबुन उपयोग करने से पहले गायनेकोलोजिस्ट या डर्मेटोलोजिस्ट (gynaecologist or dermatologist) की सलाह लेनी चाहिए।
पैंटी पर फ़ैब्रिक सॉफ़्नर का प्रयोग कभी नहीं करें। वुल्वर क्षेत्र पर शैम्पू नहीं लगाएं।
बिना खुशबू वाले टॉयलेट पेपर का उपयोग करें, जो मुलायम भी हो।
हमेशा कॉटन अंडरवियर पहनें। इसका कलर सफेद हो तो और भी अच्छा।
100% कॉटन पीरियड पैड और टैम्पोन का उपयोग करें।
सुगंधित क्रीम या साबुन, पैड या टैम्पोन और गर्भनिरोधक क्रीम से बचें।
बहुत अधिक क्लोरीन वाले गर्म टब या पूल समस्या को बढ़ा सकते हैं।
पेशाब करने या सेक्स करने के बाद योनी को ठंडे पानी से धो लें।
ढीले-ढाले पैंट और स्कर्ट पहनें। समस्या अधिक होने पर पैंटी स्किप कर सकती हैं।
योनि को साफ़ और सूखा रखें। जितनी जल्दी हो सके गीले स्विमसूट या गीले जिम के कपड़े हटा दें।
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