बहुत सी महिलाएं ऐसी हैं, जो अचानक से सेक्स में दिलचस्प खोना शुरू कर देती हैं। सेक्सुअल इंटिमेसी का रिश्ते में अपना एक खास महत्व होता है। रिश्ते में यदि सेक्स को लेकर उतार चढ़ाव आने लगे तो रिश्ते पर इसका बेहद नकारात्मक असर पड़ता है। यदि आप सेक्स में रुचि को रही हैं, तो इसे हल्के में न लें। वहीं यह केवल आपके पर्सनल रिश्ते के लिए नहीं बल्कि आपकी सेहत के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। सेक्स में दिलचस्पी खोना स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का संकेत हो सकता है। इसलिए समय रहते इस पर ध्यान देना बेहद जरूरी है (why women lose interest in sex)।
हेल्थ शीट्स ने इस बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए इनफर्टिलिटी एक्सपर्ट और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर चेतना जैन से बात की। डॉक्टर ने महिलाओं के अचानक से सेक्स में रुचि खोने के कुछ कारण पर बात की है और बताया है कि महिलाओं को क्यों इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए (why women lose interest in sex)।
ऑर्गेज्म तक पहुंचने में मुश्किल होना
वेजाइनल ड्राइनेस
इंटरकोर्स के दौरान अधिक दर्द और अनकंफरटेबल महसूस करना
सेक्स करने की डिजायर उत्पन्न न होना
फोरप्ले जैसी गतिविधियों में भाग लेने के बाद भी उत्तेजित न होना
सर्जरी: ब्रेस्ट, जेनिटल ट्रैक से संबंधित किसी प्रकार की भी सर्जरी आपके सेक्सुअल फंक्शन को प्रभावित कर सकती है। इस स्थिति में महिलाओं को सेक्सुअल डिजायर में कमी महसूस होती है और वे रिकवरी के बाद भी सेक्स में रुचि नहीं ले पाती।
मेडिसिंस: कुछ मेडिसिंस जैसे की एंटी डिप्रेसेंट और थायराइड मेडिसिंस सेक्सुअल डिजायर में कमी का कारण बनती हैं। इनके ओवरडोज से महिलाएं यौन गतिविधियों में रुचि नहीं ले पाती।
कार्डियोवैस्कुलर डिजीज: हाई ब्लड प्रेशर और हृदय संबंधी बीमारियां सेक्सुअल परफॉर्मेंस को प्रभावित करती हैं। इस स्थिति में इंटिमेट एरिया तक पर्याप्त ब्लड फ्लो नहीं पहुंच पाता, जिसकी वजह से उत्तेजित होने और आर्गनिज्म प्राप्त करने में मुश्किल आती है। वहीं यह वेजाइनल ड्राइनेस का कारण बनता है, जिसकी वजह से महिलाएं सेक्सुअल गतिविधियों में धीरे-धीरे रुचि खोना शुरू कर देती हैं।
हाई ब्लड शुगर लेवल: डायबिटीज ब्लड वेसल्स और नर्वस को डैमेज कर देती हैं। शरीर में बढ़ते ब्लड शुगर लेवल की वजह से महिलाओं को ऑर्गेज़म तक पहुंचने में भी परेशानी होती है और इस स्थिति में वेजाइनल ड्राइनेस की समस्या बेहद आम है।
मेनोपॉज: मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन का स्तर तेजी से गिरता है, जिसकी वजह से महिलाएं अक्सर सेक्स में रुचि खोने लगती हैं। वहीं एस्ट्रोजन के गिरने से वजाइनल टिशु ड्राई हो जाते हैं और इस दौरान सेक्स बेहद पेनफुल और अनकंफरटेबल होता है। यह भी एक कारण है जब महिलाओं को यौन गतिविधियों में भाग लेने का मन नहीं करता।
प्रेगनेंसी और ब्रेस्टफीडिंग: प्रेगनेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाओं के शरीर में कई सारे हार्मोनल बदलाव आते हैं, जिसकी वजह से महिलाएं सेक्शुअली एक्टिव नहीं रह पाती। बहुत सी महिला इसे मैनेज कर लेती हैं, पर कुछ महिलाएं सेक्स में रुचि खोना शुरू कर देती हैं। यदि इससे आपके रिश्ते पर प्रभाव पड़ रहा है, तो आपको डॉक्टर से मिलकर अपने हार्मोनल इंबैलेंस के बारे में बात करना चाहिए।
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आपकी मानसिक स्थितियां सेक्सुअल डिजायर को प्रभावित कर सकती हैं, वहीं कई ऐसे साइकोलॉजिकल कारण भी हैं जो महिलाओं में लिबिडो की कमी का कारण बन सकते हैं। जिसकी वजह से उनके रिश्ते तथा शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है, जैसे की:
मानसिक स्थितियां जैसे कि एंजायटी और डिप्रैशन
गंभीर मानसिक स्थितियां जैसे की डिमेंशिया और मेमोरी लॉस
ओवरथिंकिंग की बीमारी
नेगेटिव सेक्शुअल एक्सपीरियंस
रिलेशनशिप संबंधी समस्याएं अक्सर सेक्सुअल इंटिमेसी की कमी का एक सबसे बड़ा कारण है। जब दो लोगों के बीच में रिश्ता सही नहीं होता तो अक्सर महिलाएं या फिर पुरुष भी सेक्सुअल डिजायर में कमी महसूस करना शुरू कर देते हैं।
पार्टनर का अब्यूसिब व्यवहार, इमोशनली अनअवेलेबल पार्टनर, रिश्ते में हर रोज लड़ाई होना या सेक्सुअल नीड्स और प्रेफरेंस के बारे में पार्टनर के साथ कम्युनिकेशन गैप और ट्रस्ट इश्यूज भी सेक्सुअल डिजायर में कमी का कारण बनते हैं। यदि ऐसा हो रहा हो आपको अपने पार्टनर से खुलकर बात करने की कोशिश करनी चाहिए और रिश्ते में सुधार करने की कोशिश करनी चाहिए। नहीं तो आगे बढ़ कर मूव ऑन करें।
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