पीरियड्स किसी को पेनफुल, गंदे और असुविधाजनक लग सकते हैं। उस एक हफ्ते के दौरान हम शारीरिक और भावनात्मक कई तरह की समस्याओं का एक साथ सामना करते हैं। पर कभी-कभी जब हमें वहां सूखा महसूस होने लगता है और पीरियड्स के अंत पर पहुंच जाते हैं, तब पीरियड रैश एक नई समस्या बनकर हमें परेशान कर देते हैं। क्या आप जानती हैं कि ये क्यों होते हैं? नहीं! तो आइए जानते हैं इनका कारण और बचाव (How to get rid of periods rash) के उपाय।
सैनिटरी पैड पहनने से मूवमेंट के दौरान फ्रिक्शन के कारण दाने हो सकते हैं। सेंटर फॉर यंग वुमन्स हेल्थ के अनुसार, चलना, दौड़ना और शारीरिक गतिविधि रैश का कारण बन सकती है। साथ ही, इन दिनों नमी के कारण भी दाने या रैशेज हो सकते हैं।
इसकी मुख्य वजह सैनिटरी पैड का इस्तेमाल ही है। इन पैड्स में मौजूद केमिकल आपकी त्वचा को योनि और जांघ के अंदरूनी हिस्सों में परेशान कर सकते हैं।
नीम के पत्तों में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो पैड रैश से राहत दिलाने में मदद करते हैं। आपको बस एक बर्तन में पानी उबालना है, पानी में लगभग 20 नीम की पत्तियां डालनी है और इसे कुछ देर के लिए रिसने देना है। पानी को आंच से उतार लें और ठंडा होने दें। एक बार जब यह कमरे के तापमान पर आ जाए, तो इसका इस्तेमाल प्रभावित क्षेत्र को धोने के लिए करें। आप इसे एक बाल्टी पानी में भी मिला सकती हैं और इससे नहा सकती हैं। नीम आपकी त्वचा के लिए अच्छा होता है।
बर्फ दर्द और सूजन को कम करती है। आपको बस इतना करना है कि एक दो बर्फ के टुकड़े लें, उन्हें एक साफ कपड़े में लपेटकर प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं। इससे आपको सूजन या जलन से राहत मिलेगी और आप तुरंत बेहतर महसूस करेंगी।
कोकोनट ऑयल अपने जीवाणुरोधी गुणों के लिए जाना जाता है। यह पैड रैश के लिए एक बेहतरीन उपाय है। साथ ही, यह आपकी त्वचा को मॉइस्चराइज भी करता है। रात को सोने से पहले प्रभावित हिस्से को ठंडे पानी से साफ करें और कॉटन बॉल से प्रभावित जगह पर नारियल का तेल लगाएं। इसे रात भर रहने दें। आप इसे सुबह नहाने के बाद भी लगा सकती हैं।
अगर आप चाहें तो किसी अन्य ब्रांड पर स्विच करना या कॉटन पैड का उपयोग कर सकती हैं। आप अन्य उत्पादों जैसे मेंस्ट्रुअल कप, टैम्पोन या कॉटन पैड का विकल्प भी चुन सकती हैं।
पीरियड्स के दौरान सिंथेटिक या तंग कपड़े न पहनें क्योंकि इससे स्थिति बढ़ सकती है।
यदि पैड का इस्तेमाल कर रही हैं तो खुशबू वाले पैड्स का इस्तेमाल न करें, उनमें कैमिलकल्स ज़्यादा होते हैं।
स्वच्छता बनाए रखें और दिन में 3 से 4 बार पैड पैड बदलें। इससे इन्फेक्शन नहीं होगा।
ढीले कपड़े पहनने की कोशिश करें, जो हवादार हों।
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