महिलाओं को कई कारणों से पेट के निचले हिस्से यानि पेल्विक में दर्द का सामना करना पड़ता है। फिर चाहे पीरियड साइकल हो या गर्भावस्था। इस दर्द में हल्की चुभन महसूस होती है। मसल्स कॉन्ट्रैशन इस दर्द का मूल कारण हैं। पर ये क्यों होती हैं और किन स्थितियों में यह ज्यादा गंभीर हो सकता है, यह जानना जरूरी है। यूं तो ये दर्द डाइजेस्टिव प्रॉबल्म ओवेरियन कैंसर, हर्निया, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफे्क्शन और किडनी स्टोन के कारण बढ़ने लगता है। हेल्थ शॉट्स के इस आलेख में हम पेल्विक पेन के कारणों (causes of pelvic pain) और उनके समाधान (Pelvic pain treatment) के बारे में जानेंगे।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार महिलाओं में पेल्विक पेन (pelvic pain reasons) यूटर्स, ओवरीज़, फैलोपियन ट्यूब, गर्भाशय ग्रीवा या योनि में किसी परेशानी के पनपने का संकेत होता है। इसके अलावा महिलाओं में ये दर्द किसी प्रकार के संक्रमण का लक्षण भी हो सकता है। इसके अलावा लोअर इंटेस्टाइन, रेक्टम और मसल्स में होने वाले खिंचाव को दर्शाता है। कुछ महिलाओं में एक ही समय में पेल्विक में उठने वाले दर्द (Pelvic pain) के एक से अधिक कारण भी हो सकते हैं।
डॉ इंद्राणी सालुंखे गाइनेकोलॉजिस्ट बताती हैं कि पैल्विक में होने वाला दर्द यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन और कब्ज को दर्शाता है। इसके अलावा एक्टोपिक प्रेगनेंसी, ओवेरियन सिस्ट और किडनी स्टोन्स इस समस्या को बढ़ा देते है। पेट में दर्द और ब्लेटिंग भी पेल्विक में दर्द का कारण साबित होते हैं। लगातार बढ़ने वाले दर्द की अवश्य जांच करवाएं और डॉक्टर के अनुसार दवा लें।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (Urinary tract infection) यानि यूटीआई (UTI) यूरिन ट्रैक्ट में संक्रमण को दर्शाता है। इसका असर यूरेथरा, ब्लैडर, यूटर्स और किडनी पर नज़र आता है। रिसर्च के अनुसार 50 फीसदी महिलाएं अपने जीवनकाल में यूटीआई का से ग्रस्त होती हैं। इसके चलते पेल्विक में दर्द, बार बार यूरिन पास करने की सेंसेशन, जलन और पीठ में दर्द बढ़ने लगता है। इसके अलावा यूरिन में दुर्गंध की समस्या बढ़ जाती है।
सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार 15 से 24 साल की उम्र के लोगों में यौन संचारित संक्रमण के अधिक मामले पाए जाते हैं। गोनोरिया और क्लैमाइडिया जैसे संक्रमण यौन संबधों के दौरान बढ़ने लगते हैं। इससे वेजाइनल डिस्चार्ज का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा डिस्चार्ज पेन की समस्या भी बनी रहती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया भर में सालाना 10 करोड़ से ज्यादा लोग गोनोरिया से ग्रस्त होते हैं। सुरक्षित यौन संबधों की मदद से इस समस्या के जोखिम को कम किया जा सकता है।
कैल्शियम और यूरिक एसिड एक साथ मिलकर स्टोन की शक्त ले लेते है। इससे किडनी स्टोन का खतरा बढ़ जाता है। स्टोन्स का बड़ा आकार यूटर्स से निकलने में तकलीफ का सामना करता है। इसके चलते मसल्स में खिंचाव और दर्द बढ़ जाता है। इससे बैक पेन की समस्या भी बनी रहती है।
दर्द उस वक्त बढ़ जाता है, जब स्टोन यूरिन के फ्लो के साथ बाहर नहीं निकल पाता है और फंस जाता है। इससे यूरिन पास करन में तकलीफ बढ़ जाती है और स्टोन गुर्दे में वापिस लौट जाता है। इसके चलते गंभीर दर्द का सामना करना पड़ता है।
ग्लोबोकैन 2018 की रिपोर्ट के अनुसार ओवेरियन कैंसर भारतीय महिलाओं में पाया जाने वाला तीसरा आम कैंसर है। इस समस्या से ग्रस्त महिलाओं को शुरूआत में लो एपिटाइट और बार बार यूरिन पास करने की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा वेजाइनल डिस्चार्ज और पेल्विक एरिया में ऐंठन और दर्द बढ़ जाता है। साथ ही थकान का सामना करना पड़ता है।