क्या आपको पीरियड्स में पेट से ज्यादा लोअर बैक में दर्द रहता है? तो जानें इसका कारण और इसे कम करने के उपाय

हम सभी अक्सर पीरियड्स में होने वाले पेट दर्द के उपाय पर बात करते हैं, पर कभी भी लोअर बैक के पेन पर चर्चा नहीं करते, इसलिए आज हेल्थ शॉट्स लोअर बैक के दर्द से परेशान रहने वाली उन सभी महिलाओं के लिए इनसे निपटने के कुछ खास टिप्स लेकर आया है।
lower back me dard ka karan aur bachav ke upay
लंबे समय तक बैठना कमर के दर्द को बढ़ा देता है. चित्र : अडोबी स्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 17 Nov 2023, 18:54 pm IST
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पीरियड्स के दौरान महिलाओं को पेट में दर्द का अनुभव होता है, साथ ही साथ कुछ महिलाओं को पेट से ज्यादा थाइज और पीठ के निचले हिस्से यानी कि लोअर बैक में दर्द महसूस होता है। कुछ महिलाओं में लोअर बैक का दर्द सामान्य रहता है, तो कुछ को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति में कुछ महिलाओं को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है (lower back pain in menstrual period)।

हम सभी अक्सर पीरियड्स में होने वाले पेट दर्द के उपाय पर बात करते हैं, पर कभी भी लोअर बैक के पेन पर चर्चा नहीं करते, इसलिए आज हेल्थ शॉट्स लोअर बैक के दर्द से परेशान रहने वाली उन सभी महिलाओं के लिए इनसे निपटने के कुछ खास टिप्स लेकर आया है।

डेफोडिल्स बाई आर्टेमिस, न्यू दिल्ली की ओबटेट्रिक्स और ऑर्गेनिकोलॉजी की सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर पूजा शर्मा ने पीरियड्स के दौरान पीठ के निचले हिस्से में होने वाले दर्द के कारण और इन्हें कम करने के उपाय बताएं हैं। तो चलिए जानते हैं, इनसे किस तरह से डील करना है (lower back pain in menstrual period)।

पहले समझे पीरियड के दौरान लोअर बैक में दर्द का कारण

1. यूटेराइन कांट्रेक्शन

मेंस्ट्रुएशन के दौरान यूट्रस कॉन्ट्रैक्ट होता है और इसकी लाइनिंग खून के माध्यम से निकल जाती हैं। यह कांट्रेक्शन कई बार काफी तेज होता है और यूटराइन मसल्स पर मेंस्ट्रूअल ब्लड को बाहर निकालने में प्रेशर बनता है, जिसकी वजह से लोअर बैक में दर्द का अनुभव हो सकता है।

periods pain se kaise payen
यहां हैं दर्द से राहत देने वाले ऐसे ही 5 उपाय। चित्र : शटरस्टॉक

2. इन्फ्लेमेशन

पेल्विक रीजन में ब्लड और टिशु की मौजूदगी होने से बॉडी में इन्फ्लेमेटरी रिस्पांस ट्रिगर हो जाता है, जिसकी वजह से आपको लोअर बैक में असहनीय दर्द का अनुभव हो सकता है।

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3. हार्मोनल बदलाव

मेंस्ट्रुएशन के दौरान शरीर के हार्मोन में कई सारे बदलाव आते हैं, खास कर एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरॉन के स्तर में तेजी से बदलाव आता है, जिसकी वजह से पीरियड्स के दौरान महिलाओं को दर्द का अनुभव होता है। वहीं जिन महिलाओं में इस प्रकार के हार्मोनल फ्लकचुएशन होते हैं, उनमें पेट में दर्द के साथ-साथ कमर के निचले हिस्से में दर्द का खतरा बढ़ जाता है।

4. एंडोमेट्रियोसिस

एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं को पीरियड्स के दौरान पीठ के निचले हिस्से में दर्द का अनुभव हो सकता है। यदि यह चिंता का विषय है, तो आप इस निदान और उचित उपचार विकल्पों के बारे में अपने डॉक्टर से बात कर चाह सकती हैं।

5. फाइब्रॉएड

यूटराइन फाइब्रॉएड गर्भाशय की गैर-कैंसरयुक्त वृद्धि है जो भारी मासिक धर्म रक्तस्राव, श्रोणि दबाव और पीठ दर्द का कारण बन सकती है। फाइब्रॉएड का स्थान और आकार भी लक्षणों की गंभीरता को प्रभावित करता है।

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पेल्विक फ्लोर को दें मजबूती। चित्र- शटरस्टॉक

6. पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज

यह प्रजनन अंगों का संक्रमण है, जो पैल्विक और पीठ दर्द का कारण बन सकता है, खासकर पीरियड्स के दौरान। इसके अन्य लक्षण में शामिल हैं बुखार, योनि स्राव और सेक्स के दौरान दर्द का अनुभव।

अब जानें पीरियड्स में पीठ के दर्द से राहत पाने के कुछ आसान उपाय

1. हीट थेरेपी (Heat Therapy)

यदि आपको भी पीरियड्स के दौरान पीठ के निचले हिस्से में दर्द का अनुभव होता रहता है, तो हिट अप्लाई करने से इससे राहत पाने में मदद मिल सकती है। गर्म कपड़े से सिकाई करें इससे मांसपेशियां रिलैक्स रहती हैं और दर्द कम करने में मदद मिलता है।

इसके अलावा आप चाहे तो हॉट वॉटर बोतल और हीटिंग पैड का इस्तेमाल कर सकती हैं। साथ ही साथ गुनगुने पानी से शॉवर लेना भी एक अच्छा आईडिया है। हिट ब्लड फ्लो को बढ़ा देता है और मांसपेशियों के दर्द से राहत प्रदान करता है।

2. हाइड्रेटेड रहें और हेल्दी डाइट लें (Stay hydrated)

स्वस्थ व संतुलित आहार तमाम परेशानियों का एक प्रभावी उपचार है। यदि आपको पीरियड्स के दौरान लोअर बैक में अत्यधिक दर्द का अनुभव होता है, तो आपको अपनी डाइट में विटामिन बी और मैग्नीशियम की मात्रा को बढ़ाने की आवश्यकता है।

इसके अलावा ओमेगा-3 फैटी एसिड भी इन्फ्लेमेशन और मांसपेशियों के दर्द को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं। कैफीन और नमक का सेवन कम करें। इसके साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर शरीर को हाइड्रेटेड रखने से मांसपेशियों में दर्द का अनुभव नहीं होता।

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ब्लड फ्लो बढ़ता है, जिससे कि दर्द से राहत प्राप्त होती है। चित्र : शटरस्टॉक

3. बैक मसाज लें (Back massage)

यदि आपको पीरियड्स के दौरान पेट के निचले हिस्से में असहनीय दर्द का अनुभव होता है, तो बैक मसाज आपको इससे राहत पाने में मदद कर सकता है। हां, यह कोई स्थाई इलाज नहीं है, परंतु फिर भी इससे आपको काफी बेहतर महसूस होगा और आप खुद को एक्टिव रख पाएंगी। गुनगुने तेल की मदद से प्रभावित मांसपेशियों को मसाज करने से मांसपेशियां एक्टिव हो जाती है, और ब्लड फ्लो बढ़ता है, जिससे कि दर्द से राहत प्राप्त होती है।

4. ओवर द काउंटर मेडिसिंस (Only prescribed medicines)

नॉन प्रिसक्रिप्शन पेन रिलीवर्स आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं, इसलिए इन्हें लेने से बचें। यदि आपको हर बार पीरियड्स में पीठ के निचले हिस्से में असहनीय दर्द का अनुभव होता है, तो गाइनेकोलॉजिस्ट से मिलें और उनसे सलाह लें। उनके द्वारा प्रिसक्राइबड दवाइयों का सीमित सेवन कर सकती हैं।

हो सकता है कि आपको यह परेशानी किसी मेडिकल कारण की वजह से हो रही हो, ऐसे में डॉक्टर की प्रिसक्राइब दवाइयां ही आपकी मदद कर सकती हैं। फिजूल में पेन रिलीवर्स लेने से बचें।

5. एक्सरसाइज स्ट्रेचिंग और योग में भाग लें (Yoga and exercise)

यदि आपको पीरियड्स के दौरान पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द का अनुभव होता है, तो आपको स्थाई नहीं बैठना चाहिए। नियमित रूप से एक्सरसाइज करने के अलावा पीरियड्स में भी आसान अभ्यासों में भाग लें, खासकर योग, स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज, वॉकिंग आदि इस दौरान अधिक प्रभावी साबित हो सकते हैं।

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इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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