गर्मी के मौसम में ह्यूमिडिटी और अधिक पसीना आने की वजह से कई सारी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। खासकर इस दौरान इंटिमेट हेल्थ बेहद संवेदनशील हो जाती है, और इससे जुड़ी भिन्न प्रकार की समस्याएं आपको परेशान करना शुरू कर देती हैं। इन्ही परेशानियों में से एक है “इनर थाई रैशेज”। गर्मी में बहुत सी महिलाएं इससे परेशान रहती हैं, इसकी वजह से उन्हें चलने में भी परेशानी होती है, और किसी भी छोटी मोटी गतिविधियों को करते हुए उन्हें जलन महसूस होता है।
वहीं इनर थाईज में पसीना आने पर अधिक जलन और दर्द महसूस होता है। ऐसे में इसके प्रति लापरवाही किए वगैर इसकी हीलिंग पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। हेल्थ शॉट्स ने इनर थाईज राजेश के कारण और इन्हे हील करने के टिप्स (how to treat inner thigh rash) जानने के लिए सी के बिरला, हॉस्पिटल, गुरुग्राम की कंसलटेंट डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर सीमा ओबेरॉय लाल से बात की। तो चलिए जानते हैं इस विषय पर क्या कहती हैं एक्सपर्ट।
डॉ सीमा ओबेरॉय के अनुसार “गर्मियों में जांघ के अंदरूनी हिस्से पर चकत्ते अक्सर पसीने, गर्मी, घर्षण और बैक्टीरिया या फंगल वृद्धि के कारण होते हैं। कपड़ों या त्वचा से त्वचा के संपर्क से होने वाली रगड़, पसीने की नलिकाओं के बंद होने से होने वाले हीट रैश और जॉक खुजली जैसे संक्रमण इसके कुछ आम कारण हैं। इस प्रकार के जलन और संक्रमण गर्म और नम वातावरण में पनपती हैं।”
पसीना, नमी और मॉइश्चर के लंबे समय तक बने रहने से।
गर्मी और ह्यूमिडिटी इसे बेहद जल्दी उत्तेजित करती है।
लंबे समय तक चलना, दौड़ना और साइकलिंग करना खास कर अधिक वजन वाले लोगों के लिए थाई रैशेज का यह एक कॉमन कारण है।
इंटेंस वर्कआउट, जिसमें जांघों के बीच अधिक रगड़ पैदा हो रही हो।
अधिक वजन, या हैवी थाईज।
टाइट और अनकंफरटेबल अंडरवियर और अन्य प्रकार के बॉटम वियर पहने से।
मॉइश्चर को अंदर त्वचा पर लॉक कर देने वाले फैब्रिक के कपड़े पहनना।
पीरियड्स पैड, और मेंस्ट्रूअल हाइजीन पर ध्यान न देना।
प्यूबीक हेयर शेविंग और हेयर रिमूवल।
विकिनी वैक्सिंग
सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इनफेक्शन की वजह से इनर थाई रैश हो सकते हैं। जेनाइटल हर्पीज़, सिफिलिस, क्लैमिडिया आदि STI के प्रकार हैं, इनके वायरस STI का कारण बनने के साथ ही आपके इनर थाईज राजेश का भी कारण बन सकते हैं।
डॉक्टर के अनुसार “अगर आपकी जांघ के अंदरूनी हिस्से पर रैशेज हैं, तो जितनी जल्दी हो सके उस क्षेत्र को साफ करके सुखा लें। ज़्यादा हवा और कम घर्षण के लिए ढीले, हवादार कपड़े पहनें। अतिरिक्त नमी को सोखने के लिए कॉर्नफ्लोर या टैल्कम पाउडर का इस्तेमाल करें।”
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“हाइड्रोकार्टिसोन युक्त ओवर-द-काउंटर लोशन जलन और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। अगर कोई संक्रमण है, तो एंटीफंगल या एंटीबायोटिक मलहम अच्छी तरह से काम करते हैं। ठंडी सिकाई से त्वचा की जलन कम हो सकती है। वहीं खूब सारा पानी पिएं, और धूप में कम समय बिताए, इससे आपकी स्किन पर रैशेज नहीं होते।”
इनर थाई रैशेज को हील करने के लिए आप इसपर ठंडी सिकाई यानी कि कोल्ड कंप्रेस अप्लाई कर सकती हैं। इससे राजेश दब जायेंगे और इनकी हीलिंग स्पीड भी बढ़ती है। रैशेज पर डायरेक्ट बर्फ अप्लाई न करें, इसे किसी कॉटन के कपड़े में बांधकर अपने रैशेज की सिकाई करें।
टी ट्री ऑयल में एंटीमाइक्रोबॉयल, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल प्रॉपर्टी पाई जाती है, इन्हे इनर थाई रैशेज पर अप्लाई करने से उन्हे हील होने में मदद मिलती है। इन्हे डायरेक्ट अप्लाई न करें, आप कोकोनट ऑयल या पानी में टी ट्री ऑयल को डाइल्यूट करके इसे अप्लाई कर सकती हैं।
रैशेज होने पर यदि आप सेक्स करती हैं, तो इस स्थिति में आपके रैशेज में फ्रिक्शन पैदा होता है। जिससे आपकी स्किन अधिक इरिटेट हो सकती है और रैशेज फैल सकते हैं। इसलिए रैशेज के हील होने तक सेक्स से परहेज रखने की कोशिश करें।
इनर थाई में अधिक पसीना आता है और पसीने के कारण रैशेज और ज्यादा इरिटेट हो सकती हैं। इसलिए इस एरिया को पूरी तरह से ड्राई रखना जरूरी है। इसमें पाउडर आपकी मदद कर सकता है। पाउडर मॉइश्चर को अब्जॉर्ब कर लेता है और रैशेज को पूरी तरह से ड्राई रहने में मदद करता है, जिससे कि रैशेज जल्दी हिल हो जाते हैं।
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